tag:blogger.com,1999:blog-5504279279379509692.post7983406469782022854..comments2023-09-29T07:31:23.318-07:00Comments on Anami Sharan. Babal: 16 दिसंबर, निर्भया और बाल अपराध ASBAbalnews.blogsport.comhttp://www.blogger.com/profile/04877463731116222930noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5504279279379509692.post-44618326291739790102016-01-28T18:26:00.610-08:002016-01-28T18:26:00.610-08:00बाल क़ानून में संशोधन की बात करने वाले भी बच्चों के...बाल क़ानून में संशोधन की बात करने वाले भी बच्चों के हितैषी ही हैं ! सज़ा अपराध की गुरुता या लघुता को देख कर दी जाती है ! हर अपराधी बच्चे के लिये ना तो फाँसी की सिफारिश की जाती है ना ही उसे जेल में ठूंसा जाता है ! क़ानून लचीला हो और बच निकालने की संभावनाएं भी हों तो ऐसा क़ानून विकृत मानसिकता वाले बच्चों को दुस्साहसी बना देता है ! ऐसे अपराधी और बचाव ले लिये उनकी पैरवी करने वाले वकील भी क़ानून को खिलौना बना देते हैं और अपराधी को और निडर और निरंकुश ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.com