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शनिवार, 22 जनवरी 2011

इमाम ृ निकाह में फिजूलखर्ची बर्दाश्त नहीं करेंगे इमाम


निकाह में फिजूलखर्ची बर्दाश्त नहीं करेंगे इमाम

मंगलवार, जनवरी 18, 2011,15:31[IST]
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मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मुसलमानों के धर्मगुरू इमामों ने मुस्लिम शादियों में फिजूलखर्ची का जबर्दस्त विरोध किया है। शहर के इमामों ने ऐलान किला है कि जिन शादियों में फिजूलखर्ची होगी वहीं इमाम निकाह पढ़ाने से इंकार कर देंगे। इमामों का कहना है कि मुसलमानों को शादियों में डीजे बजाने, खड़े होकर भोजन करने और दहेज के सामान की नुमाइश करने से बाज आना चाहिए।

जनपद में सोमवार को हुई एक आम बैठक में मौजूद इमामों ने उन शादियों में निकाह नहीं पढ़ाने का फैसला लिया है, जिसमें इस्लाम के खिलाफ काम होते हों। इस मौके पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद व मुत्तहिदा महाज के सभी सदस्य मौजूद थे। इमामों ने कहा कि इस्लाम धर्म के मुताबिक शादियों में किसी भी लड़की और लड़के वालों को दिखावा नहीं करना चाहिए। किसी भी शादी में खड़े होकर भोजन करना इस्लाम के मुताबिक हराम है। खड़े होकर खाना जानवरों का काम है, इंसानों का नहीं।

उन्होंने कहा कि लड़की वालों को दहेज की नुमाइश नहीं करनी चाहिए और न ही शादी में फिल्मी गानों पर नाचना या डीजे बजाना चाहिए, क्योंकि शरीयत के मुताबिक इस्लाम इनकी इजाजत नहीं देता। कहा गया कि ऐसी शादियों में जो इमाम निकाह पढ़ाएगा, वह इस्लाम का सच्चा वफादार नहीं माना जाएगा।
English summary

निकाह में फिजूलखर्ची बर्दाश्त नहीं करेंगे इमाम

मंगलवार, जनवरी 18, 2011,15:31[IST]
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मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मुसलमानों के धर्मगुरू इमामों ने मुस्लिम शादियों में फिजूलखर्ची का जबर्दस्त विरोध किया है। शहर के इमामों ने ऐलान किला है कि जिन शादियों में फिजूलखर्ची होगी वहीं इमाम निकाह पढ़ाने से इंकार कर देंगे। इमामों का कहना है कि मुसलमानों को शादियों में डीजे बजाने, खड़े होकर भोजन करने और दहेज के सामान की नुमाइश करने से बाज आना चाहिए।

जनपद में सोमवार को हुई एक आम बैठक में मौजूद इमामों ने उन शादियों में निकाह नहीं पढ़ाने का फैसला लिया है, जिसमें इस्लाम के खिलाफ काम होते हों। इस मौके पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद व मुत्तहिदा महाज के सभी सदस्य मौजूद थे। इमामों ने कहा कि इस्लाम धर्म के मुताबिक शादियों में किसी भी लड़की और लड़के वालों को दिखावा नहीं करना चाहिए। किसी भी शादी में खड़े होकर भोजन करना इस्लाम के मुताबिक हराम है। खड़े होकर खाना जानवरों का काम है, इंसानों का नहीं।

उन्होंने कहा कि लड़की वालों को दहेज की नुमाइश नहीं करनी चाहिए और न ही शादी में फिल्मी गानों पर नाचना या डीजे बजाना चाहिए, क्योंकि शरीयत के मुताबिक इस्लाम इनकी इजाजत नहीं देता। कहा गया कि ऐसी शादियों में जो इमाम निकाह पढ़ाएगा, वह इस्लाम का सच्चा वफादार नहीं माना जाएगा।

मुजफ्फरनगर: खाप पंचायत ने लड़कियों की जीस-टॉप पर लगाया प्रतिबंध

मंगलवार, जनवरी 18, 2011,12:31[IST]
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मुजफ्फरनगर। इन दिनों पश्चिमी [^] उत्तर प्रदेश के जाट बाहुल्य क्षेत्र में खाप पंचायत का कहर बरपा रहा है, जिस के चलते लोगं का जीना मुहाल हो गया है । आये दिन खाप पंचायत के फैसले से दुखी लोगों को लगने लगा है कि जैसे उनकी स्वतंत्रा किसी ने छिन ली है। ताजा फरमान में भैंसवाल गांव की खाप पंचायत ने इलाके कि लड़कियों पर जींस-टॉप पहनने पर पाबंदी लगाई है। पंचायत का मानना है कि लड़िकयो और महिलाओं के इस पहनावे की वजह से उनके साथ छेड़- छाड़ की घटनाएं ज्यादा होती है। साथ ही खाप पंचायत ने इंटर कॉलेज [^] में पढ़ने वाली लड़कियों के मोबाइल [^] फोन के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी।

पढ़े : कानपुर में होमगार्ड ने किया नाबालिग से बलात्कार

खाप ने पांच सदस्यीय महिलाओं की निगरानी टीम गठित की है, जिसमें सुनीता, अमृता, मूर्ति, महिमा और दरियाई को शामिल किया गया है। टीम को भैंसावाल गांव तथा आसपास के क्षेत्र में इस फरमान को लागू कराने की जिम्मेदारी दी गई है। पंचायत के इस तुगलकी फरमान से लड़किया और महिलाएं काफी परेशान हैं। उन्होंने इसका व्यापक विरोध बी शुरू कर दिया है।महिला संगठनों ने खाप के चौधरियों के विरुद्ध कानूनी [^] कार्रवाई की मांग की है।

भैंसवाल गांव के डा. सुधीर पवार का कहना है कि ये प्रतिबंध छोटी सोच का परिणाम है और इस गांव की करीब 17 लड़कियां सरकारी व निजी संस्थानों में विभिन्न पदों पर तैनात हैं। समाजशास्त्री डा. गीतांजलि वर्मा का मानना है कि खाप इस तरह के फैसले बगैर सोचे-समझे दे रही है। शिक्षित समाज में जीवनशैली, रहन-सहन, खान-पान के मुद्दे निजी हैं। इसमें किसी बाहरी व्यक्ति को हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।
English summary

सेक्‍स लाइफ पर दवाओं का साइड इफेक्‍ट!

मंगलवार, जनवरी 18, 2011,14:50[IST]
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दुनिया भर में कई सारी दवाएं हैं, जिनके साइड इफेक्‍ट यानी दुष्‍प्रभाव किसी पर भी हो सकते हैं। लेकिन क्‍या आपको पता है, ये साइड इफेक्‍ट आपकी सेक्‍स लाइफ पर भी पड़ सकते हैं। ये आपके अंदर सेक्‍स करने की क्षमता को कम कर सकते हैं या फिर घटा सकते हैं। खास बात यह है कि इन साइड इफेक्‍ट्स के बारे में आपको डॉक्‍टर कभी नहीं बताएंगे। इस मामले में आपको खुद अपना ध्‍यान रखना होगा। 

अब आप सोच रहे होंगे, कि सेक्‍स लाइफ पर साइड इफेक्‍ट के बारे में हमें कैसे पता चल सकता है। तो उसके जवाब आपको नीचे जरूर मिल जाएंगे। यह ध्‍यान आपको तभी रखना होगा, जब आप किसी रोग का नियमित इलाज कर रहे हैं, या फिर आप किसी लंबे इलाज से गुजर रहे हैं। छोटी-मोटी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार, आदि की दवाओं का प्रभाव आम तौर पर यौन क्षमता पर नहीं पड़ता। तो अगर आप किसी बड़ी [^] बीमारी का इलाज करवा रहे हैं, तो निम्‍न बातों का ध्‍यान अवश्‍य रखें- 

1.
दवाओं के बारे में पूर्ण जानकारी- जब भी डॉक्‍टर आपको कोई ऐसी दवा लिखे जो आपको लंबे समय तक लेनी है, या फिर एक महीने से ज्‍यादा समय तक लेनी है, तो उसके बारे में पूर्ण जानकारी एकत्र करने के प्रयास करें। इसका सबसे अच्‍छा स्रोत इंटरनेट [^]है। सर्च इंजन में जाकर दवा का नाम लिखें, और उसके बारे में जानकारी प्राप्‍त करें। 

आम तौर पर बड़ी फार्मा कंपनियां दवाओं के साइड इफेक्‍ट्स के बारे में अपनी वेबसाइट पर लिख देती हैं। यदि आपको ऐसी कोई जानकारी मिले, तो तुरंत अपने डॉक्‍टर को बताएं और दवा बदलने के लिए कहें। 

2.
इलाज शुरू होने के बाद यदि आपकी सेक्‍स के प्रति रुचि घट जाती है तो भी डॉक्‍टर को बिना झिझक बताएं। जरूरी नहीं है कि दवा का सीधा असर आपके यौन अंगों पर पड़ रहा हो, हो सकता है दवा की वजह से ब्‍लड प्रेशर बढ़ जाता हो, या फिर आप ज्‍यादा तनाव में रहने लगें। इन बातों का प्रभाव भी सेक्‍स लाइफ पर पड़ता है। 

3.
दवा शुरू होने के बाद यदि आप को रतिनिष्‍पत्ति यानि संभोग की चरमसीमा तक पहुंचने में दिक्‍कत होने लगे तो वो भी दवा का साइड इफेक्‍ट हो सकता है। आम तौर पर ऐसा असर तुरंत नहीं दिखाई देता है। बेहतर होगा, इलाज के दौरान सेक्‍स करते वक्‍त इस बात का ध्‍यान रखें, अगर समस्‍या बढ़ती दिखाई दे, तो तुरंत अपने डॉक्‍टर को बताएं। अगर डॉक्‍टर के पास दवा का कोई विकल्‍प नहीं मौजूद हो, तो उससे डोज़ घटाने को कहें। इस बात का आंकलन महिलाओं के लिए काफी [^] कठिन होता है, लिहाजा उन्‍हें यह देखना होगा कि पहले की तुलना में वो चरम सीमा तक पहुंचने में कितना असहज महसूस करती हैं। 

4.
यदि पुरुषों में वीर्य की मात्रा में कमी दिखाई दे या लिंग [^] की मांसपेशियों में तनाव बंद हो जाए या फिर महिलाओं की योनी खुश्‍क हो जाए, तो वो भी साइड इफेक्‍ट के कारण संभव है। ऐसा होने पर तुरंत अपने डॉक्‍टर को बताएं। 

अंत में एक बात जो सबसे अहम है, वो यह कि दवाओं के साइड इफेक्‍ट हमेशा व्‍यक्ति से व्‍यक्ति पर निर्भर करते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है, कि जो साइड इफेक्‍ट आप पर पड़ा है, वो दूसरों पर पड़े या फिर अगर कोई दूसरा आपसे शिकायत करे कि किसी विशेष दवा को खाने से उसकी सेक्‍स लाइफ प्रभावित हुई, तो एकदम से दवा बंद मत कर दें। डॉक्‍टर से सलाह लेकर ही कोई निर्णय लें। ये साइड इफेक्‍ट कुछ दिनों के लिए लिए भी हो सकते हैं।
English summary




सेक्‍स लाइफ पर दवाओं का साइड इफेक्‍ट!

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दुनिया भर में कई सारी दवाएं हैं, जिनके साइड इफेक्‍ट यानी दुष्‍प्रभाव किसी पर भी हो सकते हैं। लेकिन क्‍या आपको पता है, ये साइड इफेक्‍ट आपकी सेक्‍स लाइफ पर भी पड़ सकते हैं। ये आपके अंदर सेक्‍स करने की क्षमता को कम कर सकते हैं या फिर घटा सकते हैं। खास बात यह है कि इन साइड इफेक्‍ट्स के बारे में आपको डॉक्‍टर कभी नहीं बताएंगे। इस मामले में आपको खुद अपना ध्‍यान रखना होगा।

अब आप सोच रहे होंगे, कि सेक्‍स लाइफ पर साइड इफेक्‍ट के बारे में हमें कैसे पता चल सकता है। तो उसके जवाब आपको नीचे जरूर मिल जाएंगे। यह ध्‍यान आपको तभी रखना होगा, जब आप किसी रोग का नियमित इलाज कर रहे हैं, या फिर आप किसी लंबे इलाज से गुजर रहे हैं। छोटी-मोटी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार, आदि की दवाओं का प्रभाव आम तौर पर यौन क्षमता पर नहीं पड़ता। तो अगर आप किसी बड़ी [^] बीमारी का इलाज करवा रहे हैं, तो निम्‍न बातों का ध्‍यान अवश्‍य रखें-

1. दवाओं के बारे में पूर्ण जानकारी- जब भी डॉक्‍टर आपको कोई ऐसी दवा लिखे जो आपको लंबे समय तक लेनी है, या फिर एक महीने से ज्‍यादा समय तक लेनी है, तो उसके बारे में पूर्ण जानकारी एकत्र करने के प्रयास करें। इसका सबसे अच्‍छा स्रोत इंटरनेट [^]है। सर्च इंजन में जाकर दवा का नाम लिखें, और उसके बारे में जानकारी प्राप्‍त करें।

आम तौर पर बड़ी फार्मा कंपनियां दवाओं के साइड इफेक्‍ट्स के बारे में अपनी वेबसाइट पर लिख देती हैं। यदि आपको ऐसी कोई जानकारी मिले, तो तुरंत अपने डॉक्‍टर को बताएं और दवा बदलने के लिए कहें।

2. इलाज शुरू होने के बाद यदि आपकी सेक्‍स के प्रति रुचि घट जाती है तो भी डॉक्‍टर को बिना झिझक बताएं। जरूरी नहीं है कि दवा का सीधा असर आपके यौन अंगों पर पड़ रहा हो, हो सकता है दवा की वजह से ब्‍लड प्रेशर बढ़ जाता हो, या फिर आप ज्‍यादा तनाव में रहने लगें। इन बातों का प्रभाव भी सेक्‍स लाइफ पर पड़ता है।

3. दवा शुरू होने के बाद यदि आप को रतिनिष्‍पत्ति यानि संभोग की चरमसीमा तक पहुंचने में दिक्‍कत होने लगे तो वो भी दवा का साइड इफेक्‍ट हो सकता है। आम तौर पर ऐसा असर तुरंत नहीं दिखाई देता है। बेहतर होगा, इलाज के दौरान सेक्‍स करते वक्‍त इस बात का ध्‍यान रखें, अगर समस्‍या बढ़ती दिखाई दे, तो तुरंत अपने डॉक्‍टर को बताएं। अगर डॉक्‍टर के पास दवा का कोई विकल्‍प नहीं मौजूद हो, तो उससे डोज़ घटाने को कहें। इस बात का आंकलन महिलाओं के लिए काफी [^] कठिन होता है, लिहाजा उन्‍हें यह देखना होगा कि पहले की तुलना में वो चरम सीमा तक पहुंचने में कितना असहज महसूस करती हैं।

4. यदि पुरुषों में वीर्य की मात्रा में कमी दिखाई दे या लिंग [^] की मांसपेशियों में तनाव बंद हो जाए या फिर महिलाओं की योनी खुश्‍क हो जाए, तो वो भी साइड इफेक्‍ट के कारण संभव है। ऐसा होने पर तुरंत अपने डॉक्‍टर को बताएं।

अंत में एक बात जो सबसे अहम है, वो यह कि दवाओं के साइड इफेक्‍ट हमेशा व्‍यक्ति से व्‍यक्ति पर निर्भर करते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है, कि जो साइड इफेक्‍ट आप पर पड़ा है, वो दूसरों पर पड़े या फिर अगर कोई दूसरा आपसे शिकायत करे कि किसी विशेष दवा को खाने से उसकी सेक्‍स लाइफ प्रभावित हुई, तो एकदम से दवा बंद मत कर दें। डॉक्‍टर से सलाह लेकर ही कोई निर्णय लें। ये साइड इफेक्‍ट कुछ दिनों के लिए लिए भी हो सकते हैं।
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