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मंगलवार, 15 जुलाई 2014

वृंदावन की अनाथ विधवाओं को मिली 'सुलभ छाया'








माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुरुप सुलभ ने वृंदावन की इन विधवाओं के राहत और कल्याण के लिए अनेक उपाय किये हैं ताकि वे सम्मानित जीवन जी सकें। गुरुवार को सुलभ आंदोलन के प्रणेता बिंदेश्‍वर पाठक ने विधवाओं को स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा मुहैया कराने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पांच एंबुलेंस मुहैया कराया। यही नहीं, उनकी मनोरंजन व अन्‍य सुविधाओं के लिए टेलीविजन सेट और फ्रीज भी उपलब्‍ध कराया। दिल्‍ली के रफी मार्ग स्थित मावलंकर सभागार में उन्‍हें सम्‍मानित कर उनके अंदर आत्‍मविश्‍वास जागृत किया ताकि वह अपना आगे का जीवन सामान्‍य रूप से जी सकें।
इस अवसर पर डॉ. पाठक ने कहा कि हमने वृंदावन में सरकार द्वारा संचालित पांच विधवाश्रमों में जीवन बसर कर रही प्रत्येक विधवा को प्रतिमाह एक हजार रुपए देना शुरू कर दिया है। इसके अलावा हमने उन विधवाओं के बेहतर स्वास्थ्य एवं पारम्परिक तरीके से अंतिम संस्कार करने के लिए वहां एक केंद्र भी स्थापित किया है।''
सुलभ इंटरनेशनल के संस्‍थापक डॉ बिंदेश्‍वर पाठक ने कहा कि किफायती शौचालय तक जन-जन की पहुंच सुनिश्चित करने और मैला ढोने वाली महिलाओं को समाज की मुख्‍यधारा में शामिल कराने के बाद उनके संगठन का अगला लक्ष्य अनाथ और शारीरिक तौर पर सक्षम विधवाओं को व्यावसायिक प्रद्गिाक्षण के प्रति प्रेरित करना होगा ताकि वे अपनी आजीविका खुद कमा सकें और सिर ऊँचा करके जीवन बसर कर सकें। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्‍यकार मैत्रेयी पुष्‍पा ने वृंदावन की विधवाओं के जीवन पर आधारित ' वृंदावन की विधवाएं: एक नया जीवन' का लोकार्पण किया। इस पुस्‍तक में इन विधवाओं की करुण कथाएं हैं।
गौरतलब है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने वृंदावन में बड़ी संख्‍या संखया में रह रही विधवाओं की दीनहीन स्थिति का हाल ही में संज्ञान लिया और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) को सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस आर्गेनाइजेद्गान से सम्पर्क करके यह पूछने का निर्देश दिया कि क्या सुलभ सरकारी विधवाश्रमों में रह रहीं विधवाओं को खाना खिला सकता है? बिंदेश्‍वर पाठक कहते हैं, यह भगवान श्रीकृष्‍ण की प्रेरणा ही थी, जिसकी वजह से इतने अरबपति-खरबपति और संस्‍थाओं के होते हुए भी सर्वोच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायधीशों ने सुलभ से इन विधवाओं को खाना खिलाने की व्‍यवस्‍था की बात पूछी। वह कहते हैं, मैं ईश्‍वर में विश्‍वास करता हूं और उसी विश्‍वास के आधार पर कह सकता हूं कि महामाया जी सर्वोच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायधीशों की जिह्वा पर बैठकर सुलभ को यह निर्देश दिया है।
डॉ. पाठक ने कहा, ''अब, हम वृंदावन की गलियों में भीख माँग रही विधवाओं और अनाथ महिलाओं की जरुरत की हर चीज का खयाल रखेंगे। सुलभ उन विधवाओं के लिए भोजन, कपड़ा, स्वास्थ्य सुविधाएँ एवं स्वच्छता का ध्यान रखेगा।''
उन्होंने कहा कि सुलभ अपने इस प्रयासों की सफलता की नियमित निगरानी करेगा और इसके लिए एक निगरानी केंद्र भी स्थापित करेगा। डॉ. पाठक ने कहा, ''फिलहाल हम इस काम को खुद ही करेंगे, लेकिन बाद में केंद्र और राज्य सरकारों तथा बड़े कॉरपोरेट घरानों से भी मदद मांगेंगे।''

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