पेज

पेज

गुरुवार, 18 मार्च 2021

आदमकद लाजवाब भारत भूषण अग्रवाल

 भारत भूषण...! 


 एक  एसा कलाकार ....सुखदुःख ..जिंदगी की छाओं घुप..  खुशी कम...गम जयादा   जिसके जीवन का मानों की हिस्सा ही बन गये थे!  एक बार भारत भुषण ने अपनी जिंदगी से दुखी हो कर कहा था.... मौत तो सबको आती हे जीना सबको नहीं आता.. मुझे तो बिलकुल नही आया...!! 


भारत भुषण अग्रवाल का जन्म मेरठ शहर में तारीख 14 जुन 1920 के रोज हुआ था। उनके पिताजी वकिल थे तो अपना बेटा भी वकिल बने एसा चाहते थे लेकिन भारत भुषण को तो फिल्म कलाकार बनना था तो कलकत्ता चले गये। भारत भुषण ने सन 1941 मे फिल्म चित्र लेखा में एक छोटी सी भूमिकाg निभा कर अपनी फिल्मी जिंदगी शुरू की।  इस फिल्म में मेहताब  नांद़ेकर   ज्ञानी और रमोला की प़मुख भूमिकाएं थी।इस फिल्म से भारत भुषण को कामयाबी ऐसी मिली कि  फिल्म भक्त कबीर में महेताब और मजहरखां के साथ प़मुख भूमिका निभायी। भारत भुषण की शक्ल भी हूबहू भक्त कबीर जैसी ही थी...!  


भारत भुषण फिर बंबई आ गये 1943 में फिल्म भाइचारा में काम किया।. केदार शर्मा की फिल्म सोहाग रात में काम मिला । फिल्म में गीता बाली और बेगम पारा भी थे। शांताक़ुज में एक कमरा लेकर रहने लगे। 


फिर क्या. !   फिलमें मिलने लगी.... सफलता का दौर शुरू हुआ। 1948 में सोहाग रात  1949 में नलीनी जयवंत के साथ चकोरी । फिल्म उधधार जीसमे देव आनंद मूननवर सुलतान और निरूपा रोय भी थे। 1951 में गीता बाली के साथ एक थी लड़की नरगिस के साथ सागर.. .  नलीनी जयवंत और शेखर के साथ आंखे.1952 में गीता बाली और प़िथवीराज के साथ आनंद मठ प़दिपकुमार भी थे इस फिल्म में उनकी पहेली फिल्म थी। बैजु बावरा ने तो धुम मचा दी..! भारत भुषण सुपर स्टार बन गये..! 1954 में फिल्म चैतन्य महाप्रभु के लिए फिल्म फेयर एवोर्ड मिला! 


भारत भुषण की फिल्म केरीयर बुलंदी पर थी।


भारत भुषण ने उस समय सबसे बड़ी और किंमती कार शैवरलेट खरीदी। कालांतर में टैगोर रोड पर अपना आलीशान बंगला खडा़ किया जिसके निर्माण का काम एक अंग्रेज को दिया था। बंगला खुब कलात्मक ढंग से सजाया गया! 


भारत भुषण की हिट फिल्में आती रही। जेसे 1953 में वैजयन्ती माला के साथ लड़की.. 1954 में बीना राय के साथ मीनार जिसमें प़ाण भी थे। 1954 में ही गीता बाली के साथ  कवि  इस फिल्म का तलत महेमुद का गाया हुआ  में पि के नहीं आया.. बहुत ही मधुर था। सुरैया के साथ मिरज़ा साहेब नूतन के साथ सबाब आइ।और हिट फिलमें जैसे कि बसंत बहार  गेटवे ओफ इंडिया  चंपावती फागुन  रानी रुप मती सोहीनी महिवाल  सम़ाट चंद़ गुप्त  सावन घुंघट बरसात की रात   परदेशी जैसी फिलमो में काम करके भारत भुषण ने  खुब नाम और दाम कमाये। 


उस दौर की सभी नामी अभिनेत्रीओ के साथ भारत भुषण ने काम किया। 


भारत भुषण ने फिल्म बसंत बहार  और बरसात की रात का निर्माण भी किया दोनों फिलमें हिट हो गई और  भारत भुषण के पास खुब पैसा आ गया और वह मालामाल हो गये! 


मधुबाला से दोस्ती का चर्चा भी आम हूवाँ! 


अब समय ने करवट ली! 


कहते हे अपने भाई के कहने पर ओर अपने भाई के बेटे को हिरो बनाने के चक्कर में भारत भुषण ने  1964 में एक फिल्म का निर्माण किया।यही भारत भुषण के जीवन की सबसे बड़ी भुल साबित हुई! फिल्म का नाम था दूज का चांद.. फिल्म की हिरोइन थी बी. सरोजा देवी... फिल्म में अशोक कुमार भी थे। 


इस फिल्म के निर्माण में भारत भुषण ने अपनी सारी कमाई लगा दी! मगर अफसोस! फिल्म बुरी तरह से फलोप हो ग इ..!!  भारत भुषण की जीवन भर की कमाई  इस फिल्म की वजह से चली गई;! भारत भुषण पैसे से बरबाद हो गये. ! फिल्म बनाने में लगाई गई  रकम उधार ली गई थी उसे चुकाने में  भारत भुषण की सभी  मोटर कार   बंगले बीक गये! भारत भुषण का आलिशान बंगला आशिर्वाद राजेन्द्र कुमार ने खरीद लिया.. भारत भुषण को पढाई का बहोत शौक था उनके पास क इ किंमती किताबें थी वह भी  कबाडी को बेचनी पडी! 


भारत भुषण का सब कुछ बिक गया। इज्जत दौलत शौहरत सब कुछ  चला गया  । भारत भुषण मशहूरी से गुमनामी में चले गये! अपना बंगला छोड़ कर किराये के  छोटे मकान में रहने के दिन आये! 


बड़ी फिल्मों में काम मिलना बंद हो गया। तो जो भी  रोल मीले करने लगे! बड़ी बड़ी कार में बैठ कर शूटिंग में जाने वाले भारत भुषण बस में बैठ कर काम  पर जाने लगे! 


फिल्म जहाँ आरा और तकदीर के बाद जितेंद्र की फिल्म विश्वास और शशि कपूर की फिल्म पयार का मौसम में पिता के रोल करने के बाद तो बीलकुल extra  जैसे रोल मिले..! कहते हे पेट और पैसे के लिए   वह भी किये! 


इस तरह एक सुपर स्टार extra कलाकार बन गये! 


अपने जमाने में बडी ही सातविक विचारधारा के थे भारत भुषण! विसुद्ध शाकाहारी... अपने दोस्तों को मूंग की दाल खीचडी पालक आलू का भोजन करा के खुश होते थे। 


12 नवंबर 1954 के रोज उनकी पहेली  पत्नी सरला की  मौत के बाद  लंबे समय तक शादी नहीं की। पुस्तकें  पढते रहते। बाद में  रत्ना से दुसरी शादी की थी। रत्ना भी फिलमो में केरेक्टर ऐकटर थी। 


भारत भुषण की बेटी  अपराजिता  ने रामानंद सागर की  सीरीयल  रामायण मै रावण की पत्नी मंदोदरी का रोल किया था। अपराजीता कै क इ फिल्मों में छोटे मोटे रोल में देखा हे। दुसरी बेटी का नाम अनुराधा हे। 


भारत भुषण ने दिलीप कुमार  राज कपुर देवा आनंद जैसे  बडे  कलाकारों दौर में भी अपनी एक अलग जगह बनाइ थी। लेकिन भारत भुषण ने खास तौर पर साधु गायक या कवि की भूमिकाएं निभाई हे। लंबे बाल भोलाभाला खुबसूरत चहेरा वाकई  साधु गायक या कवि के रोल के लिए ही बना था! 


सुपर स्टार से  बीलकुल  extra कलाकार बनने वाले और मशहूरी से गुमनामी में चले जाने वाले ओर अपनी जिंदगी में सुख समृद्धि से गरीबी तक का अनुभव करने वाले भारत भुषण का तारीख 27.1.1992 के रोज बंबई में देहांत हो गया! 


1959 में मधुबाला के साथ भारत भुषण की एक फिल्म कल हमारा हे आइ थी। उस फिल्म में महंमद रफी की आवाज में एक गीत था..... ये सच हे ए जहाँ वालो  हमें जीना नहीं आया.. मरे सो बार जी ते जी ...मगर मरना नहीं आया...!! 


एसा नहीं  लगता.!? गीत कार ने भारत भुषण की मनो वेदना अपने गीत मे  लिख दी हे..!!  ?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें