सतगुरु प्यारे ने गिराया, काल कराला हो।।टेक।। सुन सुन महिमा सतसँग केरी। दरशन कर हुई चरनन चेरी। गुरु लीन सम्हाला हो।१। नाद की महिमा गुरु मोहि सुनाई। जस उतपति हुई सब गाई। लखा गुरु देश निराला हो।२। ता के नीचे काल पसारा। माया ब्रह्म और तिरगुन धारा। सब रचना दुख साला हो।३। गुरु ने निकसन जुगत बताई। शब्द भेद दे सुरत लगाई। लखा जोत जमाला हो।४। त्रिकुटी होय गई दस द्वारे। भँवरगुफा सतलोक निहारे। मिले पुरुष दयाला हो।५। काल बिघन गुरु दूर कराये। मन माया भी रहे मुरझाये। गुरु कीन निहाला हो।६। पुरुष दया कर अंग लगाई। बल अपना दे अधर चढाई। जहाँ राधास्वामी तेज जलाला हो।७।। (प्रेमबानी-3-शब्द-22-पृ.सं.119,120) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
[8/4, 06:06] +91 94500 70604: 🌻🍁🙏🏻 *राधास्वामी* 🙏🏻🍁🌻 सतसंग परिवार के सभी प्रिय सदस्यों को *" _हार्दिक राधास्वामी_ "* *कुल मालिक हुज़ूर राधास्वामी दयाल की दया व मेहर का हाथ सदैव हमारे परिवार पर बना रहे। 🙏राधास्वामी* 🙏 💐🌻🍃🌻🍃🌻🌻🍃💐
[8/4, 12:55] +91 97176 60451: राधास्वामी!! - 04-08-2021-आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:- राधास्वामी मेरी सुनो पुकारा। घट प्रीति बढ़ाओ सारा।१।•••••• नित नित भरमन में भरमाई। सत्संग बचन न चित्त समाई।९। कुमति अधीन हुआ अब यह मन। कौन सुधारे इसको गुरु बिन।१०। याते करूँ प्रकार पुकारी। हे राधास्वामी मोहि लेव सम्हारी।११। दीन अधीन पड़ी तुम द्वारे। तुम बिन अब मोहि कौन सुधारे।१२। चरन बिना नहिं ठौर ठिकाना। जैसे काग जहाज़ निमाना।१३। तुम बिन और न कोई आसर। राधास्वामी २ गाँऊ निस बासर।१४। अब तो लाज तुम्हे है मेरी। सरन पड़ी होय चरनन चेरी।१५। राधास्वामी पति और पिता दयाला। अपनी मेहर से करो निहाला।१६। (प्रेमबानी-1- शब्द- 9 -पृ.सं.,118, 119 ) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
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