बुधवार, 9 नवंबर 2022

आप को रोकने के लिए केंद्र सरकार की दिल्ली में MCD चुनावी पैंतरा


आप को रोकने के लिए मोदी सरकार की  दिल्ली में  MCD चुनावी पैंतरा  


अनामी शरण बबल 


नयी दिल्ली.   अब यह साबित हो गया है कि केंद्र की बीजेपी सरकार आप के बढ़ते प्रभाव से आतंकित हैं.  जिस तरह पंजाब में चुनाव जीतकर आपने अपनी ताकत का इजहार किया है वह बीजेपी के लिए खतरे की घंटी है.   हिमाचल प्रदेश और गुजरात में आप के बढ़ते जनाधार को रोकने के लिए अब बीजेपी बेचैन हैं.  बिना किसी तैयारी और पूर्व असीम संभावनाओं के मद्देनजर  चुनाव आयोग ने जिस तेजी के साथ दिल्ली नगर निगम के चुनाव की घोषणा की है, उससे सभी  हैरान रह गये  है.   हिमाचल प्रदेश और गुजरात में आप का भविष्य क्या होगा यह फैसला तो समय के हाथ में है, मगर अभी से यह तय हो गया हैं की तीनो नगर निगम में सत्तारूढ़  बीजेपी  को MCD  में सत्ता का सपना बिखरने वाला हैं


 पंजाब विधानसभा में बीजेपी की शर्मनाक  पराजय तो पहले से ही तय था मगर नयी नवेली आप  यानी आम आदमी पार्टी की शानदार विजय को आज तक लोग पचा नहीं पा रहें हैं.  अकाली दल के घोड़े पर सवार  बीजेपी अकेले अपने बूते कभी चुनाव में नहीं उत्तरी.  NDA  में शामिल अकाली दल बादल  की पालकी धोने में ही बीजेपी संतुष्ट रही.  मगर केवल एक दशक पुरानी  आप ने 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाब में 67/70 सीटे  जीत कर पूरी दुनियाँ को चकित कर दिया. 2020 विधानसभा चुनावे आप की सफलतः बरकरार रही और 63/70 सीटे लाकर  दोबारा सबको अचंभित कर दी.  प्रधानमंत्री का सारा जादुई  गेम दिल्ली में आप और अरविन्द केजरीवाल के सामने परास्त हो गया पंजाब फतह के बाद आप बीजेपी के रास्ते का सबसे बड़ा पत्थर साबित हो रहा हैं खासकर गुजरात में 27 साल से सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए आप सबसे बड़ी चुनौती की तरह उभरी हैं बीजेपी की नाकामियों को सामने रखते हुए अरविन्द केजरीवाल न्र पानी बजली मुफ्त बस यात्रा बेरोजगारी भत्ता और महिलाओ को पेंशन रोजगार का वादा दोहरा रहें हैं  गुजरात के अलग इलाको की समस्याओ को भी 100 दिन में सुलह करने का भरोसा  दिया हैं  आप की घोषणाओं का जनमानस पर गहरा असर पड़ा हैं और ज्यादातर लोग बदलाव की मानसिकता के लिए तैयार हो रहें हैं  आप  की तैयारियों और लोगों के बीच उसके प्रति आकर्षण से बीजेपी खतरा महसूस रही हैं


 खासकर मोरबी के मच्छू  नदी के ऊपर बने हैंगिंग पुल  के मात्र 100 घंटे के भीतर गिरने से बीजेपी स्तबध हैं एक झटके में 150 लोगों की मौत के बाद भी सरकार ने घड़ी मालिकों और जिम्मेदार दोषियों के प्रति दिखाई गयी नरमी से गुजरात हाई कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए सरकार को कटघरे और दोषियों को व्यग्र कर दिया हैं अभी बिलकिश  रेप  हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहें 11 खद्दर हॉफपैंटी बलात्कारियो को सरकार ने जिस उदारता  से सजा मैग कर छोड़ दी उससे पुरे गुजरात में ज्यादातर लोग सदमे में हैं इससे बीजेपी की नारी विरोधी छवि बनी हैं सरकसरी फैसले के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं और संभव हैं की कोर्ट का फैसला गुजरस्ट बीजेपी सरकार कको शर्मसार कर दें और सारे बलात्कारी फिर से जेल के पीछे नजर आए  बिलकिश और मोरबी पुल कांड से एक बड़ा वर्ग विमुख हुआ हैं  उन सबके के लिए आप एक उम्मीद बनी हैं हालांकि  मैदान में कांग्रेस भी हैं मगर अधूरे मन से प्रचार अभियान को देखते हुए फ़िलहाल मुख्य मुक़ाबला बीजेपी और आप में हैं  हिमाचल प्रदेश में भी आप को लेकर लीग उत्साहित हैं उधर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय सत्ता में ताक़तवर बने अनुराग ठाकुर की मौजूदगी के बाद भी हिमाचल की जनता बेहाल हैं सेब उत्पादन मे गिरावट  हैं टैक्स की मार  से पहाड़ी इलाके में असंतोष हैं उसपर आप के रियायतों के पिटारे से लोगो की उम्मीदें  जगी हैं खासकर पंजाब में आप की जीत से पहाड़ी मतदाताओं में उत्साह हैं  इस उत्साह पर पानी डालते हुए बीजेपी आप को चोर झूठी पार्टी का तोहमत लगा रही हैं मगर उनकी बातों पर जनता को यकीन नहीं हो रहा हैं

[11/9, 20:18] Anami Sharan Babal: दोनों राज्यों में आप की ताक़त को रोकने के लिए केंद्र ने इस बार चुनावी पैंतरा चला हैं गृह मंत्रालय के अधीन चुनाव आयोग ने एकाएक दिल्ली नगर निगम चुनाव की घोषणा कर दी. चुनाव


 हिमाचल प्रदेश का चुनाव 12  नवंबर को समाप्त हो रहा है जबकि गुजरात में  दिसंबर के पहले सप्ताह में दो और पांच को  चुनाव है.  दोनों राज्यों में चुनाव परिणाम 8 दिसंबर को आएगा. इन तारीखों के बीच में दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डो में मतदान चार  दिसंबर को होगा और चुनाव परिणाम 7 दिसंबर को आएगा. दिल्ली नगर निगम के विभाजन से पहले इसके 134 वार्ड होते थे तीन नगर निगम करने के बाद इसके 272, वार्ड हो गये थे जिसे फिर से एक निगम होने के बाद अब निगम को 250 वार्डो वाली दिल्ली का नया चेहरा हो गया हैं .  बीजेपी शासित नगर निगम में इस बार फिर सत्तारूढ़ होना जटिल सा हैं जबकि आप के लिए निगम में सत्तारूढ़ होने की उम्मीद और लहर दोनों हैं.  देखना हैं की चुनावी चाल से चुनावी गणित को तहस नहस करने की उम्मीद के बीच आप बंद मुठी लाख की तरह हैं देखना हैं की दो दो राज्यों में सरकार बना चुकी  आप कोई कमाल भी करती हैं या केवल शोर मचा कर सभी दलों  और नेताओ के रक्तचाप को बढ़ाने वाली साबित होगी ?

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