अगर हम इतिहास के पन्ने पलट कर
देखें तो हमारे पूर्वजों द्वारा किये गए कई आविष्कार और तरीके बहुत ही अजीब
थे, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो कारगर नहीं थे. आज कल गर्भ निरोध के
लिए कंडोम से लेकर नसबंदी जैसे कई उपाय हैं. लेकिन पहले जो तरीके अपनाये
जाते थे, उसमें से कुछ तो बेतुके थे, कुछ बहुत ही दर्दनाक. तो जानते हैं
गर्भ निरोध के कुछ अटपटे तरीके, जो इतिहास के पन्नों में कहीं खो गए.
1. जादुई थूक और चांदनी
एक समय में ग्रीनलैंड के मूल निवासी
मानते थे कि महिलायें चांद की वजह से गर्भवती होती हैं, इसीलिए वो चांद की
तरफ पीठ करके सोती थीं. और सोने से पहले वो अपनी नाभि पर थूक लगाती थीं,
जिससे चन्द्रमा उन्हें नींद में गर्भवती न बना दे. कुछ भी!
चाइना में गर्भ रोकने का बहुत ही डरावना
तरीका अपनाया जाता था. महिलाओं को खाली पेट तेल और मरक्युरी का घोल पिलाया
जाता था. मरक्युरी शरीर के लिए ज़ेहर होती है जिसके अधिक सेवन से
इनफर्टिलिटी हो जाती है. सच में, चाइना से ही ऐसे अजीब तरीके की उम्मीद की
जा सकती है.
प्राचीन इजिप्ट में सेक्स के पहले शहद के
घोल को गर्भाशय पर लगाया जाता था. इससे स्पर्म के लिए एक अवरोध बन जाता था
और प्रेगनेंसी बच जाती थी. आज भी इस तरीके को अपनाया जाता है जिसे “हनी
कैप” कहते हैं.
हिब्रू संस्कृति में माना जाता था कि
स्पंज को विनेगर के घोल में डुबा कर अगर स्त्री की योनि में प्रविष्ठ किया
जाए तो उससे गर्भ धारण नहीं होता है. विनेगर में कुछ रासायनिक गुण होते हैं
जिससे स्पर्म का असर ख़त्म हो जाता है.
कई तथ्य बताते हैं कि कंडोम का उपयोग
हज़ारों सालों से होता आ रहा है. लेकिन लेटेक्स कंडोम्स के आविष्कार के पहले
ग्रीक और रोमन लोग जानवरों की अंतड़ियों से बने कंडोम का उपयोग करते थे. ये
कंडोम यौन संक्रमण रोग होने से तो बचाता ही था, साथ ही गर्भ धारण नहीं
होता था.
हैडिंग पढ़ कर ही समझ जाइए कि ये एक बहुत
ही अजीब प्रथा थी. मध्य युग के समय सेक्स के बाद महिलायें वहां पेशाब करती
थीं जहां किसी मादा भेड़िये ने पेशाब किया हो. मान्यता थी कि ऐसा करने से
गर्भ धारण नहीं होता था. हमारे पूर्वजों का दिमाग न जाने कहां-कहां घूमता
था!
तीसरी और चौथी सदी में जंगली गाजर बहुत
उगती थी जिसे सेक्स के बाद खाया जाता था. कहते थे कि ये गर्भ निरोधक का काम
करता था लेकिन ये तरीका 100% विश्वसनीय नहीं था और इसीलिए इसे आगे उपयोग
में नहीं लाया गया.
आज-कल टैम्पॉन का उपयोग महिलायें
पीरियड्स के समय करती हैं, लेकिन इजिप्ट में टैम्पॉन को गर्भ निरोधक की तरह
भी उपयोग किया जाता था. वहां के लोग मानते थे कि टैम्पॉन को प्राकृतिक
जूसों जैसे नींबू वगैरह में डुबो कर इस्तेमाल किया जाए तो उससे स्पर्म का
असर ख़त्म हो जाता है.
1900 में लाइज़ॉल कीटाणुनाशक ने एक
विज्ञापन निकाला जिसमें उन्होंने महिलाओं को गर्भ निरोध के लिए लाइज़ॉल
इस्तेमाल करने की हिदायत दी. लेकिन इसके उपयोग से महिलाओं को जलन और सूजन
की शिकायत होने लगी. 1911 में 193 महिलायें लाइज़ॉल पोइज़निंग से ग्रसित हो
गयीं और 5 की मृत्यु भी हो गयी.
हम भाग्यशाली हैं जो ऐसे समय में रह रहे
हैं जहां गर्भ निरोध के लिए आसान और कारगर तरीके उपयोग में लाये जाते हैं.
प्राचीन काल में लोगों ने किस-किस तरह के अजीब आविष्कार और नुस्ख़े अपनाये
थे ये तो आप पढ़ कर ही समझ गए होंगे. इस आर्टिकल को शेयर करके अपने दोस्तों
को भी बताएं.
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