Anand Rana
ग्रामीण विकास की लगातार अनदेखी चिंताजनक
बजट प्लान आउट-ले में रूरल डवलपमेंट हेतु मात्र 162 करोड़ रुपए
दिल्ली सरकार को देहात की बदहाली पर ध्यान देने की जरूरत
नई दिल्ली। यूनिटी फॉर डवलपमेंट संस्था ने दिल्ली सरकार के बजट में ग्रामीण क्षेत्र की लगातार अनदेखी पर चिंता व्यक्त की है। संस्था के अध्यक्ष आनंद राणा ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित ने 22 मार्च मंगलवार को पेश किए बजट में 13 हजार 600 करोड़ के प्लान आउट-ले में से मात्र 1.19 फीसदी यानि 162 करोड़ रुपए की धनराशि ग्रामीण विकास की मद में रखी है। वर्ष 2010-11 के पिछले बजट में यह आंकड़ा 1.46 फीसदी यानि 163 करोड़ रुपए था। पिछले वित्त वर्ष का प्लान आउट-ले 11 हजार 200 करोड़ रुपए का था। इस वर्ष प्लान आउट-ले में 2 हजार 400 करोड़ का इजाफा किया गया है लेकिन निराशाजनक यह है कि ग्रामीण विकास के लिए निर्धारित धनराशि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कम कर दी गई है। श्री राणा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार लगातार ग्रामीण क्षेत्र की उपेक्षा कर रही है। शहरी क्षेत्र में ढांचागत विकास लगातार हो रहा है जबकि दिल्ली के गांव बदहाली की कगार पर पहुंच चुके हैं। वर्ष 2011-12 के प्लान आउट-ले में शहरी विकास के लिए 1466 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है। वर्ष 2010-11 के प्लान आउट-ले में शहरी विकास के लिए 1305 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। जाहिर है कि शहरी क्षेत्र के विकास के मुकाबले अगर ग्रामीण क्षेत्र के विकास की धनराशि की तुलना करें तो यह ऊंट के मुंह में जीरा जैसी स्थिति है।
देहात की सड़कें पिछले चार-पांच सालों से टूटी पड़ी हैं, टयूवबैल का कच्चा पानी पेयजल के तौर पर मुहैया कराया जा रहा है, ज्यादातर स्कूलों और डिस्पेंसरियों में सुविधाओं की कमी बनी हुई है। दिल्ली सरकार ने पिछले वित्त वर्ष 2010-11 में परिवहन क्षेत्र को प्लान आउट-ले का 37.71 फीसदी यानि 4224 करोड़ रुपए आवंटित किया था। वर्ष 2011-12 के प्लान आउट-ले में भी परिवहन क्षेत्र को सबसे ज्यादा धनराशि यानि 3348 करोड़ रुपए दी गई है। दु:खद पहलू यह है कि धनराशि शहरी क्षेत्र में ही परिवहन को बढ़ावा देने में खर्च की जा रही है। दिल्ली देहात के सभी डीटीसी बस डिपो में पुरानी खटारा बसें चलाई जा रही हैं। देहात के गांवों से मेट्रो कोसों दूर है। यूनिटी फॉर डवलपमेंट संस्था ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से आग्रह किया है कि ग्रामीण क्षेत्र की बदहाली और जरूरत के मद्देनजर प्लान आउट-ले में ग्रामीण विकास की धनराशि में बढ़ोत्तरी की जाए।
बजट प्लान आउट-ले में रूरल डवलपमेंट हेतु मात्र 162 करोड़ रुपए
दिल्ली सरकार को देहात की बदहाली पर ध्यान देने की जरूरत
नई दिल्ली। यूनिटी फॉर डवलपमेंट संस्था ने दिल्ली सरकार के बजट में ग्रामीण क्षेत्र की लगातार अनदेखी पर चिंता व्यक्त की है। संस्था के अध्यक्ष आनंद राणा ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित ने 22 मार्च मंगलवार को पेश किए बजट में 13 हजार 600 करोड़ के प्लान आउट-ले में से मात्र 1.19 फीसदी यानि 162 करोड़ रुपए की धनराशि ग्रामीण विकास की मद में रखी है। वर्ष 2010-11 के पिछले बजट में यह आंकड़ा 1.46 फीसदी यानि 163 करोड़ रुपए था। पिछले वित्त वर्ष का प्लान आउट-ले 11 हजार 200 करोड़ रुपए का था। इस वर्ष प्लान आउट-ले में 2 हजार 400 करोड़ का इजाफा किया गया है लेकिन निराशाजनक यह है कि ग्रामीण विकास के लिए निर्धारित धनराशि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कम कर दी गई है। श्री राणा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार लगातार ग्रामीण क्षेत्र की उपेक्षा कर रही है। शहरी क्षेत्र में ढांचागत विकास लगातार हो रहा है जबकि दिल्ली के गांव बदहाली की कगार पर पहुंच चुके हैं। वर्ष 2011-12 के प्लान आउट-ले में शहरी विकास के लिए 1466 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है। वर्ष 2010-11 के प्लान आउट-ले में शहरी विकास के लिए 1305 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। जाहिर है कि शहरी क्षेत्र के विकास के मुकाबले अगर ग्रामीण क्षेत्र के विकास की धनराशि की तुलना करें तो यह ऊंट के मुंह में जीरा जैसी स्थिति है।
देहात की सड़कें पिछले चार-पांच सालों से टूटी पड़ी हैं, टयूवबैल का कच्चा पानी पेयजल के तौर पर मुहैया कराया जा रहा है, ज्यादातर स्कूलों और डिस्पेंसरियों में सुविधाओं की कमी बनी हुई है। दिल्ली सरकार ने पिछले वित्त वर्ष 2010-11 में परिवहन क्षेत्र को प्लान आउट-ले का 37.71 फीसदी यानि 4224 करोड़ रुपए आवंटित किया था। वर्ष 2011-12 के प्लान आउट-ले में भी परिवहन क्षेत्र को सबसे ज्यादा धनराशि यानि 3348 करोड़ रुपए दी गई है। दु:खद पहलू यह है कि धनराशि शहरी क्षेत्र में ही परिवहन को बढ़ावा देने में खर्च की जा रही है। दिल्ली देहात के सभी डीटीसी बस डिपो में पुरानी खटारा बसें चलाई जा रही हैं। देहात के गांवों से मेट्रो कोसों दूर है। यूनिटी फॉर डवलपमेंट संस्था ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से आग्रह किया है कि ग्रामीण क्षेत्र की बदहाली और जरूरत के मद्देनजर प्लान आउट-ले में ग्रामीण विकास की धनराशि में बढ़ोत्तरी की जाए।