सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

delhi police / दूध की धोई नहीं दिल्ली पुलिस!

भड़ास4पुलिस। अब यह मान लें कि दिल्ली पुलिस दूध की धोयी नहीं है. इस पर यौन उत्पीड़न के आरोप भी हैं. अब यह मान लें कि दिल्ली पुलिस दूध की धोयी नहीं है. जब रक्षक में ही भक्षक हो तो जन मानस ही रक्षा कैसे संभव है. यौन उत्पीड़न के आरोप में पिछले तीन साल में 30 पुलिस अधिकारियों पर मामला दर्ज हुआ है।
दिल्ली पुलिस ने पिछले तीन साल में सहायक पुलिस आयुक्त से लेकर सिपाही तक अपने 30 से अधिक कर्मचारियों पर यौन दुर्व्यवहार का मामला दर्ज किया. देश के सबसे प्रतिष्ठित पुलिस बल कहे जाने वाले दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों पर छेड़छाड़, बलात्कार, महिलाओं की पिटाई, फर्जी पहचान के आधार पर जबरन संबंध बनाना, अभद्र और विरोधजनक भाषा का इस्तेमाल कर पत्र लिखना और दहेज को लेकर प्रताडि़त किये जाने का आरोप लगा है।
सूचना के अधिकार कार्यकर्ता अश्विनी श्रीवास्तव ने वर्ष 2007 से सितंबर 2010 तक के बीच दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों पर लगे यौन उत्पीड़न के बारे में सूचना मांगा था. इससे मिली सूचना के मुताबिक इस दौरान दिल्ली पुलिस के 33 अधिकारियों पर मामला पंजीकृत किया गया है. इस संबंध में पंजीकृत किये गये कुछ मामलों की जांच अभी भी जारी है जबकि कुछ मामलों में विभागीय कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. वहीं कुछ मामलों में अधिकारियों को या तो सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है या अदालत से दोषमुक्त करार दिया गया है. सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली सशस्त्र पुलिस के चौथी बटालियन में तैनात सहायक उप निरीक्षक सरबजीत कौर ने सहायक पुलिस आयुक्त बलवीर सिंह के खिलाफ 17 जून 2009 को शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले का निपटारा पुलिस मुख्यालय द्वारा किया गया।
बाहरी दिल्ली में दर्ज किये गये तीन मामलों में एक में एक सिपाही रोहताश पर एक महिला के साथ ‘अवैध संबंध’ बनाने और उसके साथ दुर्व्यवहार किये जाने का आरोप लगाया गया है. यह मामला 13 अप्रैल को पंजीकृत किया गया था और 23 जुलाई को एक विभागीय जांच शुरू की गई थी. इसी साल एक सिपाही सोमदेव ने महिला को कथित रूप से शादी का झांसा देकर उसके साथ यौन संबंध बनाये और अपनी वास्तविक पहचान गुप्त रखी. उसके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई शुरू की गई।

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