रविवार, 29 जनवरी 2012

चाय के बारे में कुछ सवाल-Manoj Srivastava



देखिये चाय के बारे में कितना कुछ बता रहा हूँ आपको..

टी-डाईट
दिन भर में 3 कप से ज्यादा चाय अवोइड करें. जिसमे 1 कप ब्लैक टी जरुर शामिल करें. दूध और शक्कर हमेशा ऊपर से ही जरुरत के अनुसार डाले. चाय और खाने के बीच कम से कम 2 घंटे का फासला हो और लगातार 1 कप से ज्यादा चाय कभी न ले. चाय के साथ हल्का फुल्का स्नैक्स ले ले..बहुत तीखा या मसालेदार नमकीन भी अवोइड करें. इससे चाय की मेडिसिनल यूज़ भी होवेगी और एनर्जी भी मिलेगी.
चाय की मेडिसनल वैल्यू
चाय को कैंसर, हाई कॉलेस्ट्रॉल, एलर्जी, लिवर और दिल की बीमारियों में फायदेमंद माना जाता है। कई रिसर्च कहती हैं कि चाय कैंसर व ऑर्थराइटस की रोकथाम में भूमिका निभाती है और बैड कॉलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कंट्रोल करती है। साथ ही, हार्ट और लिवर संबंधी समस्याओं को भी कम करती है लेकिन दूध और चीनी मिलाने से चाय के गुण कम हो जाते हैं। दूध मिलाने से एंटी-ऑक्सिडेंट तत्वों की ऐक्टिविटी भी कम हो जाती है। चीनी डालने से कैल्शियम घट जाता है और वजन बढ़ता है। इससे एसिडिटी (जलन) की आशंका बढ़ जाती है। दरअसल, चाय में फाइब्रीन व एल्ब्यूमिन होते हैं, जबकि चाय में टैनिन। ये आपस में मिलकर ड्रिंक को गंदला कर देते हैं। दूध में मौजूद प्रोटीन चाय के फायदों को खत्म करता है।
चाय के फायदे
- चाय में कैफीन और टैनिन होते हैं, जो स्टीमुलेटर होते हैं। इनसे शरीर में फुर्ती का अहसास होता है।
- चाय में मौजूद एल-थियेनाइन नामक अमीनो-एसिड दिमाग को ज्यादा अलर्ट लेकिन शांत रखता है।
- चाय में एंटीजन होते हैं, जो इसे एंटी-बैक्टीरियल क्षमता प्रदान करते हैं।
- इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट तत्व शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और कई बीमारियों से बचाव करते हैं।
- एंटी-एजिंग गुणों की वजह से चाय बुढ़ापे की रफ्तार को कम करती है और शरीर को उम्र के साथ होनेवाले नुकसान को कम करती है।
- चाय में फ्लोराइड होता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है और दांतों में कीड़ा लगने से रोकता है।
चाय के नुकसान
- दिन भर में तीन कप से ज्यादा पीने से एसिडिटी हो सकती है।
- आयरन एब्जॉर्ब करने की शरीर की क्षमता को कम कर देती है।
- कैफीन होने के कारण चाय पीने की लत लग सकती है।
- ज्यादा पीने से खुश्की आ सकती है।
- पाचन में दिक्कत हो सकती है।
- दांतों पर दाग आ सकते हैं लेकिन कॉफी से ज्यादा दाग आते हैं।
- देर रात पीने से नींद न आने की समस्या हो सकती है।
सो अपनी टी डाईट को मैनेज करिए और एन्जॉय करिए.

.. मनोज-
बहुत खूब
अनामी

मंगलवार, 17 जनवरी 2012

दाउदनगर/ लापरवाही से खंडहर में तब्दील हो रहा ऐतिहासिक स्थल

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दाउदनगर (अनुमंडल) : दाउदनगर के पुराना शहर स्थित दाऊद खां का ऐतिहासिक किला सरकारी उदासीनता की उपेक्षा का शिकार है. समुचित देखरेख के अभाव में यह ऐतिहासिक एवं प्राचीन पुरातात्विक स्थल खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.
किले की जमीन अतिक्रमित कर ली गयी है. दीवारें क्षतिग्रस्त हो रही हैं. परिसर में गंदगी व्याप्त है. हालांकि कुछ वर्ष पूर्व प्रशासन द्वारा सफाई करायी गयी थी, परंतु बाद में स्थिति पूर्ववत हो गयी. यदि इसके ऐतिहासिक संदर्भ की चर्चा की जाये तो यह किले भी सूबे के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है.
मुगल शासक औरंगजेब के शासन काल में दाऊद खां कुरैशी बिहार के प्रथम सूबेदार थे. उनके पलामू विजय अभियान के बाद औरंगजेब ने 1074 हिजरी में उन्हें अंछा परगना इनाम स्वप दिया.
ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार 23 अप्रैल 1660 ई. को दाऊद खां ने पलामू विजय अभियान चलाया था. पलामू फतह के बाद जब उन्हें ठहरने की नौबत आयी तो घने जंगलों को कटवा कर सैनिक छावनी (किला) का निर्माण करवाया गया जो 1663 ई. से शुरू हुआ और 1673 ई. में बन कर तैयार हुआ.
शहर के चारों ओर चार बड़े-बड़े फाटक बनवाये गये. जिसमें छत्तर दरवाजा का वजूद आज भी है. हर प्रकार के हुनर एवं तालिम रखने वालों को लाकर बसाया गया. कहा जाता है कि दाऊद खां के नाम पर इस शहर का नाम सिलौटा बखौरा से दाउदनगर पड़ा.
ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इस किले के जीर्णोद्धार की जरूरत है. यदि इसका समुचित संरक्षण नहीं किया गया तो यह एक दिन अतीत की बात बन कर रह जायेगा.

झांसी का किला देखिए तस्वीरों में / शबनम खान







कुछ दिन पहले झांसी जाना हुआ... वहां झांसी की पहचान 'झांसी का किला ' देखा.... ऊंचाई पर बसा ये किला वाकई बहुत खूबसूरत है.
किले का रखरखाव काफी अच्छा है और हरियाली ने किले की खूबसूरती में चार चांद लगाए हुए हैं. किला कांफी ऊंचाई पर बना है जिस वजह से यहां से पूरे झांसी का नज़ारा देखा जा सकता है. अगर मौका मिले तो शाम को किला घूमिए, जब वहां लाइट्स जलती है तो और सुंदर लगता है.




शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

कर्मचारियों के लिए वैश्विक निजता नीति






1परिचय
प्रबंधन, मानव संसाधन और पेरोल उद्देश्यों के लिए अपने संभावित, वर्तमान और भूतपूर्व कर्मचारियों (”आप“ या ”कर्मचारी“) के संबंध में हम जो व्यक्तिगत जानकारी एकत्रित करते हैं उसकी निजता की सुरक्षा करने के लिए हम वचनबद्ध हैं।
2इस नीति का अनुप्रयोग
यह कर्मचारियों हेतु वैश्विक निजता नीति (”नीति“) कर्मचारियों की व्यक्तिगत जानकारी पर और उस व्यक्तिगत जानकारी का - मौखिक, इलेक्ट्राॅनिक या लिखित - किसी भी रूप में प्रबंधन करने पर लागू होती है।
यह नीति आपकी जानकारी की सुरक्षा करने की हयात की वचनबद्धता को प्रभावी बनाती है और इसे दुनिया भर में मौजूद विभिन्न Hyatt Hotels और Resorts™ (चाहे उनका ब्रांड “Hyatt™”, “Hyatt Regency™”, “Park Hyatt™”, “Grand Hyatt™”, “Andaz®”, “Hyatt Place®” या “Hyatt Summerfield Suites®” हो) या Hyatt Vacation Club™ की सम्पत्तियों का प्रबंधन, प्रचालन, फ्रेंचाइज, स्वामित्व रखने वाले और/या सेवाएं प्रदान करने वाले सभी पृथक और विशिष्ट कानूनी निकायों द्वारा अपना लिया गया है। इन निकायों में हयात होटल्स कॉर्पोरेशन और इसकी प्रत्यक्ष तथा परोक्ष सहायक कंपनियां, और दुनिया भर में मौजूद निजी हयात होटल्स एंड रिजॉर्ट्स तथा हयात वैकेशन क्लब की सम्पत्तियों का स्वामित्व रखने वाले सभी पृथक और विशिष्ट कानूनी निकाय शामिल हैं। इस सम्पूर्ण नीति में आए ”हयात“, ”हम“ और ”हमारे“ के सम्बोधन, संदर्भ के अनुसार, सामूहिक रूप से उन पृथक और विशिष्ट कानूनी निकायों को सम्बोधित करते हैं।
यदि हम आफ बारे में अपने पास रखी गई आपकी व्यक्तिगत जानकारी को अपने अन्य सम्बंद्ध आतिथ्य-सत्कार व्यवसायों के समक्ष उजागर करते हैं, तो उन निकायों को पहले आपकी व्यक्तिगत जानकारी को अपने यहां प्रसंस्कृत करने के संदर्भ में इस नीति को मानने की बाध्यता पर सहमत होना चाहिए।
हालांकि इस नीति का मंतव्य वैश्विक रूप से जानकारी प्रसंस्कृत करने संबंधी हमारी गतिविधियों की व्यापकतम रेंज का वर्णन करना है, लेकिन प्रसंस्कृत करने संबंधी ये गतिविधियां कुछ अधिक्षेत्रों में अपने कानूनी प्रतिबंधों के आधार पर अधिक सीमित हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, किसी खास देश के कानून हमारे द्वारा एकत्रित की जा सकने वाली व्यक्तिगत जानकारी के प्रकारों या उस जानकारी को प्रसंस्कृत करने के हमारे ढंग को सीमित कर सकते हैं। इन स्थितियों में, हम स्थानीय कानून की आवश्यकताओं का पालन करने के लिए अपनी आंतरिक नीतियों और अभ्यासों को समायोजित करेंगे।
3हमारे द्वारा प्रसंस्कृत की जाने वाली व्यक्तिगत जानकारी के प्रकार
इस नीति में उल्लिखित ”व्यक्तिगत जानकारी“ शब्द का अर्थ ऐसी जानकारी से है जो एक व्यक्ति के रूप में आपकी पहचान करती है या आपकी पहचान करने में समर्थ है। हमारे द्वारा प्रसंस्कृत की जाने वाली व्यक्तिगत जानकारी (जो लागू होने वाले कानूनों और कर्मचारी की स्थिति तथा दायित्वों की प्रकृति के आधार पर विभिन्न अधिक्षेत्रों में भिन्न-भिन्न हो सकती है) के प्रकारों में निम्न शामिल हैं ः

  • नाम, लिंग, घर का पता और टेलीफोन नम्बर, जन्मतिथि, वैवाहिक स्थिति, आपातकालीन सम्फ-सूत्र;
  • आवास तथा कार्य परमिट की स्थिति, सैन्य स्थित, राष्ट्रीयता और पासपोर्ट की जानकारी;
  • सामाजिक सुरक्षा या अन्य करदाता पहचान संख्या, बैंक संबंधी ब्योरे;
  • बीमारी भुगतान, पेंशन, बीमा या अन्य लाभ संबंधी जानकारी (जीवनसाथी, नाबालिग बच्चों या अन्य अर्ह आश्रितों तथा हिताधिकारियों के लिए लिंग, आयु, राष्ट्रीयता और पासपोर्ट की जानकारी सहित);
  • भर्ती की तिथि, पदोन्नति(यों) की तिथि(यां), कार्य इतिहास, तकनीकी कौशल, शैक्षणिक पृष्ठभूमि, पेशेवराना प्रमाणपत्र और पंजीकरण, भाषा संबंधी क्षमताएं, जिन प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में भाग लिया हो;
  • ऊंचाई, वजन और कपडों का नाप, फोटोग्राफ, भौतिक सीमाएं और विशेष जरूरतें;
  • कार्य से अनुपस्थिति, अधिकृत अवकाश और किए गए सम्बन्धित अनुरोध, वेतन संबंधी इतिहास और अपेक्षाएं, कार्य-प्रदर्शन का मूल्यांकन, प्रशंसा एवं संस्तुति पत्र, और अनुशासनात्मक तथा शिकायत प्रक्रियाओं के रिकॉर्ड (हयात की नीतियों के अनुपालन और क्रियान्वयन संबंधी निगरानी सहित);
  • जहां कानून द्वारा अनुमोदित हो और किसी कर्मचारी या संभावित कर्मचारी द्वारा किए जाने वाले कार्यों को देखते हुए उचित हो, तो वहां साख और आपराधिक पृष्ठभूमि संबंधी जांचों के परिणाम, नशीली दवाओं तथा अल्कोहल परीक्षण के नतीजे, आरंभिक जांच, स्वास्थ्य संबंधी प्रमाणपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस नम्बर, वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग संबंधी इतिहास;
  • कानूनों के अनुपालन के लिए आवश्यक जानकारी, कानून प्रवर्तन प्राधिकारियों के अनुरोध तथा दिशा-निर्देश या न्यायालय के आदेश (जैसे बाल सहायता और ऋण भुगतान संबंधी जानकारी);
  • हयात की नीतियों के संदर्भ में स्वीकृतियां, नैतिकता और/या हितों के टकराव संबंधी नीतियों और कम्प्यूटर तथा अन्य कॉर्पोरेट संसाधन के इस्तेमाल से सम्बन्धित नीतियों सहित;
  • सुरक्षा प्रणालियों में कैद जानकारी, सीसीटीवी और की कार्ड एंट्री प्रणालियों सहित;
  • किसी कर्मचारी द्वारा हयात के कम्प्यूटर या संचार उपकरण का इस्तेमाल करके सृजित, भंडारित या संप्रेषित वॉयसमेल, ई-मेल, पत्र-व्यवहार और अन्य कार्य उत्पाद तथा संचार;
  • त्यागपत्र या कार्यमुक्ति की तिथि, त्यागपत्र या कार्यमुक्ति का कारण, रोजगार से हटाए जाने की व्यवस्था करने से सम्बन्धित जानकारी (जैसे कि संदर्भ)।
हमारे द्वारा प्रसंस्कृत की जाने वाली ज्यादातर व्यक्तिगत जानकारी ऐसी जानकारी होती है जिसे आप समझ-बूझकर हमें प्रदान करते हैं। फिर भी, कुछ मामलों में, हम ऐसी जानकारी प्रसंस्कृत करते हैं जिसे हम आफ द्वारा हमें प्रदान की गई अन्य जानकारी या आफ साथ हुए हमारे मेल-जोल, या किसी तृतीय पक्ष से आफ जानते हुए हमें आफ बारे में मिली व्यक्तिगत जानकारी के आधार पर हम निष्कर्ष के रूप में निकालने में समर्थ होते हैं।
ऐसी स्थिति हो सकती है जिसमें आफ द्वारा हमें प्रदान की गई व्यक्तिगत जानकारी को कुछ देशों के निजता कानूनों के तहत ”संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी“ माना जा सकता है। ये कानून ”संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी“ को ऐसी व्यक्तिगत जानकारी के रूप में परिभाषित करते हैं जिनसे हम किसी व्यक्ति के नस्ल या जातीय मूल, राजनीतिक विचार, धार्मिक आस्थाओं या मिलती-जुलती प्रकृति के अन्य आस्थाओं, किसी ट्रेड यूनियन की सदस्यता, भौतिक या मानसिक स्वास्थ्य या स्थिति, यौन-आचरण, या न्यायिक आंकडे (किसी आपराधिक मामले के कमीशन या आरोपित कमीशन से सम्बन्धित जानकारी सहित) निर्धारित कर सकते हैं या इनके बारे में नतीजे निकाल सकते हैं।
4हम व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल कैसे करते हैं
हम कर्मचारियों से सम्बन्धित व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल निम्न हेतु करते हैं ः

  • रोजगार के लिए आवेदनपत्रों का मूल्यांकन करना;
  • कर्मचारी के रोजगार संबंध के सभी पहलुओं का प्रबंधन करना, जिसमें पेरोल, लाभ, कॉर्पोरेट यात्रा और अन्य वापस मिलने वाले खर्चे, विकास तथा प्रशिक्षण, अनुपस्थिति निगरानी, कार्य-प्रदर्शन आकलन, अनुशासनिक और शिकायत प्रक्रियाएं और सामान्य प्रशासनिक तथा मानव संसाधन संबंधी अन्य प्रक्रियाएं शामिल हैं लेकिन ये इन्हीं तक सीमित नहीं हैं;
  • जनशक्ति और क्रमिक योजनाओं को विकसित करना;
  • बीमारी संबंधी रिकॉर्डों और व्यवसाय संबंधी स्वास्थ्य कार्यक्रमों को बनाए रखना;
  • हयात के अतिथियों, स्टाफ और सम्पत्ति (सुरक्षित स्थलों में और हयात के कम्प्यूटरों, संचार तथा अन्य संसाधनों के इस्तेमाल से की जाने वाली गतिविधि तक पहुंच को नियंत्रित करने तथा इसकी सुविधा प्रदान करने सहित) की सुरक्षा तथा हिफाजत करना;
  • हयात और इसके अतिथियों के खिलाफ किए गए दावों की जांच करना तथा प्रत्युत्तर देना;
  • कर्मचारियों के राय जानने से सम्बन्धित सर्वेक्षण संचालित करना और कर्मचारी को पहचान दिलाने वाले कार्यक्रम चलाना;
  • रोजगार से हटाना और संदर्भ प्रदान करना तथा बनाए रखना;
  • आपातकालीन सम्फ और हिताधिकारी संबंधी ब्योरे (जिसमें इस संदर्भ में आफ द्वारा नामित व्यक्तियों के बारे में हयात द्वारा जानकारी रखना शामिल है) बनाए रखना; और
  • लागू होने वाले कानूनों (जैसे स्वास्थ्य और सुरक्षा) का पालन करना, व्यक्तिगत कर्मचारियों के संदर्भ में न्यायिक या प्रशासकीय आदेशों सहित (उदाहरणार्थ, वेतन रोक, बाल सहायता भुगतान)।
  • अपराध की रोकथाम और पता लगाने के लिए;
  • हयात के अतिथियों और स्टाफ के स्वास्थ्य और सुरक्षा की हिफाजत करने के लिए;
  • हयात की सम्पत्ति और हयात के अतिथियों तथा अन्य मुलाकातियों की सम्पत्ति के प्रबंधन और सुरक्षा के लिए; और
  • गुणवत्ता संबंधी आश्वासन के उद्देश्यों के लिए।
साथ ही हम अपने ग्राहक सेवा की गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए, ’सीक्रेट शॉपर‘ या ’मिस्ट्री गेस्ट‘ कार्यक्रम भी करते हैं।
प्रौद्योगिकीय संसाधनों के इस्तेमाल हेतु नीति और समय-समय पर उस नीति को प्रतिस्थापित, संशोधित या संपूरित कर सकने वाली इस्तेमाल संबंधी अन्य किन्हीं भी स्वीकार्य नीतियों के अनुसार इंटरनेट के इस्तेमाल तथा संचार पर निगरानी रखते हैं।
5आपकी व्यक्तिगत जानकारी का प्रकटीकरण

    5.1सामान्य
    उपरोक्त वर्णित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, आपकी जानकारी उपरोक्त वर्णित उद्देश्यों के लिए मानव संसाधन स्टाफ, लाइन मैनेजरों, परामर्शदाताओं, सलाहकारों और हमारे होटलों तथा कार्यालयों में स्थित अन्य उचित व्यक्तियों के समक्ष प्रकट की जाएगी।
    5.2हमारे एजेंट, सेवा प्रदाता और आपूर्तिकर्ता
    अनेक व्यवसायों की तरह, हम समय-समय पर कुछ निश्चित कार्यों और/या जानकारी को प्रसंस्करण के लिए तृतीय पक्षों को आउटसोर्स करते हैं। कृपया याद रखें कि जब आप किसी पद के लिए हमारे पास ऑनलाइन आवेदन करते हैं, तो आपको किसी तृतीय पक्ष की साइट पर स्थानांतरित किया जा सकता है जिसके साथ हयात ने हमारी ओर से आपकी व्यक्तिगत जानकारी का प्रसंस्कृत करने के लिए अनुबंध किया हो। जब हम आपकी व्यक्तिगत जानकारी को प्रसंस्कृत करने के लिए तृतीय पक्षों को आउटसोर्स करते हैं या आपकी व्यक्तिगत जानकारी तृतीय पक्ष के सेवा प्रदाताओं को प्रदान करते हैं, तो हम उन तृतीय पक्षों को उपयुक्त सुरक्षा उपायों के साथ आपकी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा करने के लिए बाध्य करते हैं और आपकी व्यक्तिगत जानकारी को उनके अपने उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने या आपकी व्यक्तिगत जानकारी को अन्य लोगों के समक्ष प्रकट करने से रोकते हैं।
    5.3व्यवसाय हस्तांतरण
    चूंकि हमारे व्यवसाय का विकास जारी है, इसलिए हम होटल और अन्य परिसम्पत्तियां खरीद या बेच सकते हैं। ऐसे लेन-देनों में, कर्मचारी संबंधी जानकारी सामान्यतः हस्तांतरित होनी वाली व्यावसायिक परिसम्पत्तियों में से एक होती है और हम ऐसे किन्हीं भी हस्तांतरणों में आपकी व्यक्तिगत जानकारी को एक परिसम्पत्ति के रूप में शामिल करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं। साथ ही, ऐसी किसी असंभावित घटना में जबकि हमें, या हमारी समस्त उल्लेखनीय परिसम्पत्तियों को अधिग्रहित कर लिया जाता है तो कर्मचारी संबंधी जानकारी भी हस्तांतरित परिसम्पत्तियों में से एक हो सकती है।
    5.4कानूनी आवश्यकताएं
    हम अपने पास स्थित आपसे सम्बन्धित किसी भी व्यक्तिगत जानकारी को प्रकट करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं बशर्ते कि हमें किसी न्यायालय द्वारा ऐसा करने को बाध्य किया जाता है या किसी सरकारी निकाय द्वारा ऐसा करने का अनुरोध किया जाता है या यदि हम कानून का पालन करने या अपने अधिकारों या सम्पत्ति के बचाव में या रक्षा करने के लिए ऐसा करना आवश्यक या वांछित समझते हैं। हम एकत्रित की गई जानकारी को बनाए रखने और अकाउंटिंग तथा टैक्स नियमों एवं विनियमों का पालन करते हुए ऐसी जानकारी को प्रसंस्कृत करने का अधिकार भी सुरक्षित रखते हैं।
6केंद्रीकृत डेटा प्रसंस्करण गतिविधियां
अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय व्यवसायों की तरह, हमने अपने डेटा प्रसंस्करण और मानव संसाधन प्रबंधन के कुछ निश्चित पहलुओं को केंद्रीकृत किया है ताकि हम अपने व्यवसाय का बेहतर प्रबंधन कर सकें। इस केंद्रीकरण के परिणामस्वरूप व्यक्तिगत जानकारी का एक देश से दूसरे देश में स्थानांतरण हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप निम्न में रोजगार करते हैं या निम्न में रोजगार पाने के एक उम्मीदवार हैं तो आपकी व्यक्तिगत जानकारी युनाइटेड स्टेट्स को स्थानांतरित तथा वहीं प्रसंस्कृत की जाएगी ः (क) युनाइटेड स्टेट्स के बाहर स्थित हयात की किसी संबंद्ध कंपनी में; या (ख) युनाइटेड स्टेट्स के बाहर स्थित हमारे किन्हीं भी निकायों या संबंद्ध आतिथ्य-सत्कार व्यवसायों में से किसी के एग्जेक्यूटिव कमिटी मेम्बर, डिपार्टमेंट हेड या अन्य महत्वपूर्ण कर्मचारी के रूप में।
यदि आपको किसी अन्य देश में स्थित किसी हयात होटल या सम्बंद्ध आतिथ्य-सत्कार व्यवसाय में किसी पद पर रखने पर विचार किया जा रहा है, तो आपसे जुडी कुछ व्यक्तिगत जानकारी उस देश को स्थानांतरित कर दी जाएगी जहां यह पद रिक्त है। आपसे जुडी व्यक्तिगत जानकारी को अन्य स्थानों में मौजूद हयात के संबंद्धों के प्रबंधकों और/या मानव संसाधन स्टाफ को भी स्थानांतरित किया जा सकता है ताकि वे किसी भिन्न पद के लिए आवेदन करने के संदर्भ में आपसे सम्फ करने में समर्थ हो सकें। आफ लिए आवेदन प्रपत्र इस विकल्प को चुनने का अवसर होगा। जिन अधिकार-क्षेत्रों में जानकारी स्थानांतरित की जाएगी वहां व्यक्तिगत जानकारी की निजता संरक्षित रखने से सम्बन्धित कानून हो भी सकते हैं और नहीं भी। फिर भी, जब कभी भी आपकी व्यक्तिगत जानकारी हयात के अंदर स्थानांतरित की जाती है, तो आपकी व्यक्तिगत जानकारी इस नीति के नियमों और शर्तों के अनुसार प्रसंस्कृत की जाएगी।
7  आपकी व्यक्तिगत जानकारी को अद्यतन करना या उस तक पहुंच बनाना
कुछ सीमित अपवादों के साथ, आप हमें नीचे खंड ९ में दिए गए पतों पर पत्र या ईमेल से लिखित अनुरोध भेजकर हमारे द्वारा अपने बारे में बरकरार रखी गई व्यक्तिगत जानकारी के संबंध में पूछताछ कर सकते हैं। कृपया इसमें अपना पूरा नाम, वर्तमान (या पिछला) पद-नाम और हयात के साथ रोजगार करने का स्थान जरूर शामिल करें ताकि हम आपकी पहचान और हमारे द्वारा आफ बारे में बरकरार रखी गई व्यक्तिगत जानकारी सुनिश्चित कर सकें। हो सकता है कि हम ऐसे आंकडों को प्रकट नहीं करें जिन्हें लागू होने योग्य कानूनों के तहत पाने के लिए आप अधिकृत नहीं हों (जैसे कि किसी अन्य व्यक्ति के बारे में जानकारी उजागर करने वाला आंकडा)।
यदि लागू होने वाले कानूनों के तहत अनुमति हो, तो ऐसे किसी भी अनुरोध को प्रसंस्कृत करने के लिए हम आपसे एक शुल्क लेने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं, जो सामान्यतः लगभग २० डॉलर होती है। जब आप जल्दी-जल्दी एक से अधिक अनुरोध करते हैं, तो हम बाद के अनुरोध पर अपने पिछले जवाब का उल्लेख करते हुए जवाब दे सकते हैं और केवल उन्ही मदों को चिह्वित करते हैं जिनमें भौतिक रूप से बदलाव आया है।
आप नीचे खंड ९ में दिए गए पतों पर पत्र या ईमेल भेजकर हमारे द्वारा आफ बारे में रखी गई व्यक्तिगत जानकारी को सही करने, या उसका प्रसंस्करण रोकने का अनुरोध कर सकते हैं। यदि हम इस बात पर सहमत होते हैं कि जानकारी गलत है या कि प्रसंस्करण को रोक दिया जाना चाहिए, तो हम जानकारी को हटा देंगे या सही कर देंगे। यदि हम जानकारी के गलत होने पर सहमत नहीं होते, तो हम, इसके बावजूद, इस तथ्य को दर्ज कर देंगे कि आफ विचार से प्रासंगिक फाइल(लों) में मौजूद यह जानकारी गलत है।
8नीति में बदलाव
जिस प्रकार हमारे व्यवसाय में निरंतर बदलाव आता रहता है, ठीक उसी प्रकार यह नीति भी बदल सकती है। आपकी सहायता के लिए, यह नीति दिनांकित है और इस दस्तावेज के अंत में इससे सम्बन्धित एक संस्करण संख्या दी गई है।
9व्यक्तिगत जानकारी/प्रश्नों या शिकायतों तक पहुंच बनाने के लिए अनुरोध
यदि इस नीति के बारे में आफ कोई प्रश्न हैं, या नीति के प्रबंधन के संदर्भ में कोई सरोकार या शिकायतें हैं, या यदि आप हमारे द्वारा आफ बारे में बरकरार रखी गई व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच बनाने के लिए कोई अनुरोध (ऊपर दिए गए खंड ७ में वर्णित ढंग से) दाखिल करना चाहते हैं, तो कृपया निम्नलिखित माध्यमों में से किसी के द्वारा हमसे सम्फ करें ः

  • वर्तमान कर्मचारियों के लिए, अपने लाइन मैनेजर या अपने मानव संसाधन प्रबंधक से सम्फ करने के द्वारा; और
  • आवेदकों और भूतपूर्व कर्मचारियों के लिए, हयात अप्लीकेशन को-ऑर्डिनेटर से Privacy.ApplicantCoordinator@hyatt.com पर सम्फ करने के द्वारा।
शिकायतों के लिए, कर्मचारी के पास शिकायत को अधिक आगे तक ले जाने, उपयुक्त होटल जनरल मैनेजर और अंततः मुख्य निजता अधिकारी के पास तक ले जाने, का विकल्प है।
इस नीति में वर्णित वचनबद्धताओं के अतिरिक्त, हयात ने, अनेक राष्ट्रीय निजता नियामकों के द्वारा अनुमोदित, मानकों और नीतियों का एक बंधनकारी समुच्चय (जिसे कुछ देशों में बंधनकारी कॉर्पोरेट नियम के नाम से जाना जाता है) निर्मित करके व्यक्तिगत जानकारी के संबंध में कुछ देशों में अपनी कुछ कानूनी बाध्यताओं का अनुपालन किए जाने को भी सुनिश्चित किया है। परिणामस्वरूप, अपनी परिस्थितियों और स्थिति के अनुसार, आप उस नियामक या किसी न्यायालय के जरिए उन मानकों या नीतियों का इस्तेमाल करके अपने निजता अधिकारों को लागू कराने में सक्षम हो सकते हैं। यदि आप इन मानकों और वचनबद्धताओं के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो कृपया privacy@hyatt.com पर एक ईमेल भेजकर मुख्य निजता अधिकारी से सम्फ करें।
जैसा कि ऊपर बताया गया है, अपनी व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच बनाने के लिए किए जाने वाले सभी अनुरोध लिखित रूप में दाखिल किए जाने चाहिए।
प्रभावी होने की तिथि : १ अक्टूबर, २००९

गुरुवार, 12 जनवरी 2012

हिंदी-2050


हिन्दी 2050

एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा
  • अक्षरों को बडा करें
  • वर्तमान मे अक्षरों का आकार
  • अक्षरों को छोटा करें
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हिंदी पर विदेशियों के विचार

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- बदरीनारायण तिवारी
वार्सा विश्वविद्यालय, पोलैण्ड में भारत विद्या विभाग के अध्यक्ष तथा भारत में पोलैण्ड के राजदूत रह चुकी प्रो मारिया स्टोफ़ बृस्की ने राष्ट्रपति को राजभवन में अपना परिचय-पत्र हिन्दी में ही प्रस्तुत किया था। हिन्दीनिष्ठ बृस्की की दृष्टि में बच्चों की पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी होने से संपूर्ण मानसिक शक्ति अध्ययन में नही लग सकती आधी शक्ति केवल दूसरी भाषा सीखने में लग जाती है। उनका स्पष्ट मत था कि भारत की आत्मा को पहचानने के लिये हिन्दी भाषा का ज्ञान अत्यन्त आवश्यक है। हम विदेशी लोग भारतीय समाज और संस्कृति को अंग्रेजी में नहीं जान सकते हैं। ‘मानस संगम’ में भाग लेने हेतु उनका स्वीकृति पत्र भी हिन्दी में ही आया था।
वर्तमान समय में विदेशी हिंदी विद्वानों की शृंखला काफी बड़ी हो चुकी है। हिन्दी फिल्मों तथा कथा-प्रवचनकारों द्वारा विदेशों में हिन्दी का प्रचार-प्रसार विस्तृत हुआ है। जिसकी लोकप्रियता को देखकर अनेक विदेशी और अंग्रेजी चैनलों ने उनका हिन्दी में प्रसारण प्रारम्भ कर दिया। त्रिनिदाद एवं टोबैगो के भारत स्थित उच्चायुक्त पं मणिदेव प्रसाद ने ‘इंडियन एराइवल डे’ के १६२ वर्ष पूरे होने पर कानपुर प्रवास में तुलसीदास की पंक्तियाँ—‘धन्य देश सो जहँ सुरसरी...’ सुनाते हुए कहा कि उस देश को प्रणाम जहाँ पवित्र गंगा प्रवाहित होती है। त्रिनिदाद की भूमि में प्रवेश करते ही वहाँ के रेडियो में फिल्मी हिन्दी गीत के स्वरों से भारत देश का भ्रम हो जायेगा।


हिन्दी में सर्वप्रथम बीबीसी लंदन ने नियमित समाचारों का प्रसारण शुरू किया था। इसके बाद हिन्दी प्रसारण हेतु ‘वॉयस आफ अमेरिका’ जर्मन रेडियो, जापान रेडियो, पीकिंग रेडियो (चीन) ‘विविध भारती’ सीलोन प्रकाश में आए। हालाँकि बाद में इसमें से कुछ बंद भी हुए पर फ्रान्स, कोरिया, मारीशस, त्रिनिडाड, गयाना, सूरीनाम, म्यांमार, बंगलादेश, पाकिस्तान, सऊदी अरब, इंडोनेशिया आदि देशों में भी हिन्दी में काफी कार्य हुए हैं। इंग्लैण्ड के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने अपने कार्यकाल में दीपावली के अवसर पर हिन्दी में मुबारकबाद देकर अंग्रेजी भाषा की मानसिकता वाले लोगों मे हिंदी का विश्वास जगाया। बीबी सी के भारतीय संवाददाता मार्क टली बहुत ही साफ और अच्छी हिंदी बोलते हैं।
‘हिंदी ज्ञान मेरे लिये अमृतपान है, जितनी बार उसे पीता हूँ, उतनी बार लगता है, पुनः जीता हूँ।’ मन को झंकृत करने वाली इन पंक्तियों को पढ़ने की बार-बार इच्छा होती है और यह जानकर प्रसन्नता भी कि हिन्दी की इन पंक्तियों को किसी भारतवासी ने नहीं वरन् दूर देश के निवासी (चेकोस्लोवाकिया) एक चेक नागरिक तथा प्रमुख शिक्षाविद् एवं भारत के राजदूत रहे डॉ ओदेलोन स्मेकल ने लिखा है। उन्होंने हिन्दी में १२ से अधिक पुस्तकें लिखीं जो प्रकाशित भी हुईं। उसी हिन्दीनिष्ठ ने हमारे आमन्त्रण को स्वीकार कर ‘मानस संगम’ समारोह में भाग लेकर हिन्दी में दो रचनायें भी सुना कर अपार जनसमूह को चमत्कृत किया।
ब्रिटेन में उज्बेकिस्तान के राजदूत फतेह तेशबीब हिन्दी के प्रति समर्पित हैं। उनके अनुसार वहाँ के ताशकंद, समरकंद, अंदीजान में बच्चों को तीसरी से दसवीं कक्षा तक हिन्दी पढ़ाई जाती है। संसार में हमारे पूर्वज जो गिरमिटिया मजदूर होकर मारीशस, सूरीनाम, फिजी, त्रिनीडाड, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में गये, वह अपने साथ तुलसीदास की रामायण और हनुमान चालीसा लेकर गये—उसी ने हिन्दी भाषा और संस्कृति को सुरक्षित रखा। अब इन देशों में बहुत बड़ी संख्या में हिन्दी संस्थाओं द्वारा हिन्दी शिक्षण कार्य हो रहे हैं जिन्हें मैंने प्रत्यक्ष अनुभव भी किया।


अभी कुछ वर्ष पूर्व अमेरिका के राष्ट्रपति जार्ज बुश ने यह कह कर कि हिन्दी २१वीं सदी की भाषा होने जा रही है, अपने देश में भी हिन्दी की संरक्षा अति आवश्यक है, उन्होंने अमेरिकी संसद से ११ करोड़ डालर हिन्दी विकास के लिये स्वीकृत कराने की घोषणा भी की। कम्प्यूटर तथा तकनीकी क्षेत्र पर भी हिन्दी में अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता को विश्व ने स्वीकारा है। इसका प्रयोग अक्षरात्मक हिन्दी के अतिरिक्त संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, मराठी तथा नेपाली आदि भाषाओं को लिखने में भी होता है।


डॉ लुइजि पियो तेस्सी तोरी हिन्दी के सबसे पहले विदेशी शोधार्थी थे जिन्होंने फ्लोरेंस विश्वविद्यालय, इटली में ‘रामचरित मानस और वाल्मीकि रामायण का तुलनात्मक अध्ययन’ पर शोध किया। भारत से इतना प्रभावित हुए कि वह स्वदेश इटली छोड़कर जीवनपर्यन्त भारत (बीकानेर) में रहे। साम्यवादी देशों में तुलसी कृत रामचरितमानस की लोकप्रियता देख स्टालिन ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय अकादमीशियन अलकसेई वरान्निकोव द्वारा रूसी भाषा में पद्यानुवाद कराया। यह अनुवाद होने में साढ़े दस वर्षों का समय लगा। तुलसी भक्त हिन्दी प्रेमी बेल्जियम (योरोप) में जन्मे फादर डॉ० कामिल बुल्के ने हिन्दी प्रेम के कारण भारत की नागरिकता ली और यहीं चिर निद्रा में विलीन हुए। भारत एक बहुभाषी देश है। सम्पूर्ण देश में भाषा वैज्ञानिकों ने 1652 भाषायें तथा बोलियाँ बोली जाने की मान्यता दी है। शीर्षस्थ नेताओं ने अन्य प्रान्तीय भाषाओं और बोलियों का सहारा क्यों नहीं लिया इसका एक प्रमुख कारण यह है कि ‘हिन्दी एक ओर जनपदीय स्तर पर बोलियों के बीच आंतरिक एकता बनाती रही है तो दूसरी ओर भारतीय सन्दर्भ में अन्य भाषाओं के बीच सम्पर्क व एकता लाने का प्रयास करती रही है।’


फिजी देश के हिन्दीनिष्ठ पूर्व मंत्री विवेकानन्द शर्मा ने कहा था—‘हम फिजी में बसे प्रवासी लोग अपनी संस्कृति और अपनी आत्मा के लिये भारत की ओर देखते हैं। मगर हिन्दी-रूपी द्रौपदी आज भारत में नग्न हो रही है और द्रोण चुप बैठें हैं। आज कृष्ण नहीं है, मगर फिजी जैसे छोटे से द्वीप से भी हम चीर देने को तैयार हैं। इसके लिये हम शहीद होने को भी तैयार हैं।’ इस सन्दर्भ में मॉरीशस के भारत स्थित राजदूत रोहित नारायण सिंह गत्ति ने मुझे भेजे गए एक पत्र में लिखा -- ‘यों तो इस छोटे से देश में फ्रेंच, इंग्लिश, उर्दू, तेलुगू, चीनी, तमिल, मराठी, गुजराती एवं क्रियोल भाषायें बोली जाती हैं लेकिन हिन्दी सबसे अधिक लोग समझते और बोलते हैं। युग पुरुष महात्मा गाँधीजी के सद्प्रयास से मॉरीशस में हिन्दी संस्थाओं का जन्म हुआ। सन १९६८ में स्वतन्त्रता के पश्चात मॉरीशस में हिन्दी के पठन-पाठन की सुविधाओं का बहुत विकास हुआ है।’


जनवादी जर्मन गणतन्त्र में रेडियो बर्लिन के अधिकारी डॉ० फैडमैन श्लैडर की हिन्दी के प्रति भावना उन्हीं की कलम से, ‘‘हमें न केवल प्रसन्नता होती है बल्कि गर्व भी है कि हम बर्लिन रेडियो द्वारा छोटी सी सेवा कर रहे हैं और कार्यक्रमों द्वारा उसे अन्तर्राष्ट्रीय संवाद की भाषा बनाने में योगदान दे रहे हैं। हिन्दी एक अन्तर्राष्ट्रीय चरित्र अपना रही है और हम उसके अन्तर्राष्ट्रीय चरित्र में अपना निरन्तर मर्यादित योगदान दे रहे हैं।’’ अब ‘हिन्दी’ अन्तर्राष्ट्रीय भूमण्डलीयकरण युग की विश्व-भाषा बन चुकी है।
 



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हिंदी पर विदेशियों के विचार

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- बदरीनारायण तिवारी
वार्सा विश्वविद्यालय, पोलैण्ड में भारत विद्या विभाग के अध्यक्ष तथा भारत में पोलैण्ड के राजदूत रह चुकी प्रो मारिया स्टोफ़ बृस्की ने राष्ट्रपति को राजभवन में अपना परिचय-पत्र हिन्दी में ही प्रस्तुत किया था। हिन्दीनिष्ठ बृस्की की दृष्टि में बच्चों की पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी होने से संपूर्ण मानसिक शक्ति अध्ययन में नही लग सकती आधी शक्ति केवल दूसरी भाषा सीखने में लग जाती है। उनका स्पष्ट मत था कि भारत की आत्मा को पहचानने के लिये हिन्दी भाषा का ज्ञान अत्यन्त आवश्यक है। हम विदेशी लोग भारतीय समाज और संस्कृति को अंग्रेजी में नहीं जान सकते हैं। ‘मानस संगम’ में भाग लेने हेतु उनका स्वीकृति पत्र भी हिन्दी में ही आया था।
वर्तमान समय में विदेशी हिंदी विद्वानों की शृंखला काफी बड़ी हो चुकी है। हिन्दी फिल्मों तथा कथा-प्रवचनकारों द्वारा विदेशों में हिन्दी का प्रचार-प्रसार विस्तृत हुआ है। जिसकी लोकप्रियता को देखकर अनेक विदेशी और अंग्रेजी चैनलों ने उनका हिन्दी में प्रसारण प्रारम्भ कर दिया। त्रिनिदाद एवं टोबैगो के भारत स्थित उच्चायुक्त पं मणिदेव प्रसाद ने ‘इंडियन एराइवल डे’ के १६२ वर्ष पूरे होने पर कानपुर प्रवास में तुलसीदास की पंक्तियाँ—‘धन्य देश सो जहँ सुरसरी...’ सुनाते हुए कहा कि उस देश को प्रणाम जहाँ पवित्र गंगा प्रवाहित होती है। त्रिनिदाद की भूमि में प्रवेश करते ही वहाँ के रेडियो में फिल्मी हिन्दी गीत के स्वरों से भारत देश का भ्रम हो जायेगा।


हिन्दी में सर्वप्रथम बीबीसी लंदन ने नियमित समाचारों का प्रसारण शुरू किया था। इसके बाद हिन्दी प्रसारण हेतु ‘वॉयस आफ अमेरिका’ जर्मन रेडियो, जापान रेडियो, पीकिंग रेडियो (चीन) ‘विविध भारती’ सीलोन प्रकाश में आए। हालाँकि बाद में इसमें से कुछ बंद भी हुए पर फ्रान्स, कोरिया, मारीशस, त्रिनिडाड, गयाना, सूरीनाम, म्यांमार, बंगलादेश, पाकिस्तान, सऊदी अरब, इंडोनेशिया आदि देशों में भी हिन्दी में काफी कार्य हुए हैं। इंग्लैण्ड के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने अपने कार्यकाल में दीपावली के अवसर पर हिन्दी में मुबारकबाद देकर अंग्रेजी भाषा की मानसिकता वाले लोगों मे हिंदी का विश्वास जगाया। बीबी सी के भारतीय संवाददाता मार्क टली बहुत ही साफ और अच्छी हिंदी बोलते हैं।
‘हिंदी ज्ञान मेरे लिये अमृतपान है, जितनी बार उसे पीता हूँ, उतनी बार लगता है, पुनः जीता हूँ।’ मन को झंकृत करने वाली इन पंक्तियों को पढ़ने की बार-बार इच्छा होती है और यह जानकर प्रसन्नता भी कि हिन्दी की इन पंक्तियों को किसी भारतवासी ने नहीं वरन् दूर देश के निवासी (चेकोस्लोवाकिया) एक चेक नागरिक तथा प्रमुख शिक्षाविद् एवं भारत के राजदूत रहे डॉ ओदेलोन स्मेकल ने लिखा है। उन्होंने हिन्दी में १२ से अधिक पुस्तकें लिखीं जो प्रकाशित भी हुईं। उसी हिन्दीनिष्ठ ने हमारे आमन्त्रण को स्वीकार कर ‘मानस संगम’ समारोह में भाग लेकर हिन्दी में दो रचनायें भी सुना कर अपार जनसमूह को चमत्कृत किया।
ब्रिटेन में उज्बेकिस्तान के राजदूत फतेह तेशबीब हिन्दी के प्रति समर्पित हैं। उनके अनुसार वहाँ के ताशकंद, समरकंद, अंदीजान में बच्चों को तीसरी से दसवीं कक्षा तक हिन्दी पढ़ाई जाती है। संसार में हमारे पूर्वज जो गिरमिटिया मजदूर होकर मारीशस, सूरीनाम, फिजी, त्रिनीडाड, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में गये, वह अपने साथ तुलसीदास की रामायण और हनुमान चालीसा लेकर गये—उसी ने हिन्दी भाषा और संस्कृति को सुरक्षित रखा। अब इन देशों में बहुत बड़ी संख्या में हिन्दी संस्थाओं द्वारा हिन्दी शिक्षण कार्य हो रहे हैं जिन्हें मैंने प्रत्यक्ष अनुभव भी किया।


अभी कुछ वर्ष पूर्व अमेरिका के राष्ट्रपति जार्ज बुश ने यह कह कर कि हिन्दी २१वीं सदी की भाषा होने जा रही है, अपने देश में भी हिन्दी की संरक्षा अति आवश्यक है, उन्होंने अमेरिकी संसद से ११ करोड़ डालर हिन्दी विकास के लिये स्वीकृत कराने की घोषणा भी की। कम्प्यूटर तथा तकनीकी क्षेत्र पर भी हिन्दी में अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता को विश्व ने स्वीकारा है। इसका प्रयोग अक्षरात्मक हिन्दी के अतिरिक्त संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, मराठी तथा नेपाली आदि भाषाओं को लिखने में भी होता है।


डॉ लुइजि पियो तेस्सी तोरी हिन्दी के सबसे पहले विदेशी शोधार्थी थे जिन्होंने फ्लोरेंस विश्वविद्यालय, इटली में ‘रामचरित मानस और वाल्मीकि रामायण का तुलनात्मक अध्ययन’ पर शोध किया। भारत से इतना प्रभावित हुए कि वह स्वदेश इटली छोड़कर जीवनपर्यन्त भारत (बीकानेर) में रहे। साम्यवादी देशों में तुलसी कृत रामचरितमानस की लोकप्रियता देख स्टालिन ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय अकादमीशियन अलकसेई वरान्निकोव द्वारा रूसी भाषा में पद्यानुवाद कराया। यह अनुवाद होने में साढ़े दस वर्षों का समय लगा। तुलसी भक्त हिन्दी प्रेमी बेल्जियम (योरोप) में जन्मे फादर डॉ० कामिल बुल्के ने हिन्दी प्रेम के कारण भारत की नागरिकता ली और यहीं चिर निद्रा में विलीन हुए। भारत एक बहुभाषी देश है। सम्पूर्ण देश में भाषा वैज्ञानिकों ने 1652 भाषायें तथा बोलियाँ बोली जाने की मान्यता दी है। शीर्षस्थ नेताओं ने अन्य प्रान्तीय भाषाओं और बोलियों का सहारा क्यों नहीं लिया इसका एक प्रमुख कारण यह है कि ‘हिन्दी एक ओर जनपदीय स्तर पर बोलियों के बीच आंतरिक एकता बनाती रही है तो दूसरी ओर भारतीय सन्दर्भ में अन्य भाषाओं के बीच सम्पर्क व एकता लाने का प्रयास करती रही है।’


फिजी देश के हिन्दीनिष्ठ पूर्व मंत्री विवेकानन्द शर्मा ने कहा था—‘हम फिजी में बसे प्रवासी लोग अपनी संस्कृति और अपनी आत्मा के लिये भारत की ओर देखते हैं। मगर हिन्दी-रूपी द्रौपदी आज भारत में नग्न हो रही है और द्रोण चुप बैठें हैं। आज कृष्ण नहीं है, मगर फिजी जैसे छोटे से द्वीप से भी हम चीर देने को तैयार हैं। इसके लिये हम शहीद होने को भी तैयार हैं।’ इस सन्दर्भ में मॉरीशस के भारत स्थित राजदूत रोहित नारायण सिंह गत्ति ने मुझे भेजे गए एक पत्र में लिखा -- ‘यों तो इस छोटे से देश में फ्रेंच, इंग्लिश, उर्दू, तेलुगू, चीनी, तमिल, मराठी, गुजराती एवं क्रियोल भाषायें बोली जाती हैं लेकिन हिन्दी सबसे अधिक लोग समझते और बोलते हैं। युग पुरुष महात्मा गाँधीजी के सद्प्रयास से मॉरीशस में हिन्दी संस्थाओं का जन्म हुआ। सन १९६८ में स्वतन्त्रता के पश्चात मॉरीशस में हिन्दी के पठन-पाठन की सुविधाओं का बहुत विकास हुआ है।’


जनवादी जर्मन गणतन्त्र में रेडियो बर्लिन के अधिकारी डॉ० फैडमैन श्लैडर की हिन्दी के प्रति भावना उन्हीं की कलम से, ‘‘हमें न केवल प्रसन्नता होती है बल्कि गर्व भी है कि हम बर्लिन रेडियो द्वारा छोटी सी सेवा कर रहे हैं और कार्यक्रमों द्वारा उसे अन्तर्राष्ट्रीय संवाद की भाषा बनाने में योगदान दे रहे हैं। हिन्दी एक अन्तर्राष्ट्रीय चरित्र अपना रही है और हम उसके अन्तर्राष्ट्रीय चरित्र में अपना निरन्तर मर्यादित योगदान दे रहे हैं।’’ अब ‘हिन्दी’ अन्तर्राष्ट्रीय भूमण्डलीयकरण युग की विश्व-भाषा बन चुकी है।
 


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