प्रस्तुति- निम्मी नर्गिस , अभिषेक रस्तोगी
वर्धा,
गूगल का डिजिटल मैप आपको यादों की गली में ले जाने को तैयार है. अब ऐसे
मानचित्र बन रहे हैं, जो आपको अलग अलग वक्त के दौर की तस्वीरें दिखाएंगे.
गूगल की इस पहल को मील का पत्थर माना जा रहा है.
गूगल के स्ट्रीट व्यू पर हर महीने एक अरब विजिटर आते हैं. इसी में अब ऐसे
ऑप्शन होंगे कि अलग अलग वर्षों के चित्र देखे जा सकते हैं. गूगल अपनी खास
कारों से स्ट्रीट व्यू के लिए तस्वीरें लिया करता है. गूगल प्रोडक्ट मैनेजर
विनय सेठ का कहना है, "वक्त के साथ कई तस्वीरें खास पुरानी याद बन जाएंगी.
हम पूरे विश्व का एक डिजिटल आईना बनाना चाह रहे हैं और इस दिशा में हमारे
मैप बहुत विस्तृत होंगे."
गूगल मैप में यह सारी सुविधा मुफ्त होगी. कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू की यह कंपनी अपना ज्यादातर राजस्व इश्तिहार से निकालती है, लिहाजा यूजरों के लिए कोई दिक्कत नहीं होने वाली है. गूगल स्ट्रीट व्यू के पास 2007 से ही तस्वीरें हैं और इस तरह सिर्फ सात सालों में हुए बदलावों पर ही नजर डाली जा सकेगी. लेकिन इस दौरान भी दुनिया के कई हिस्सों में अजीबोगरीब बदलाव आए हैं. मिसाल के तौर पर जापान के तोहोकू में मार्च 2011 में आए भूकंप के बाद की तस्वीरें उससे पहले की तस्वीरों से बिलकुल अलग दिख रही हैं.
दूसरी तरफ कैटरीना तूफान से उबर रहे अमेरिकी प्रांत न्यू ऑरलींस में तस्वीर बेहतर होती जा रही है. वॉशिंगटन डीसी में दिख रहा है कि किस तरह से हावर्ड थियेटर की मरम्मत का काम चल रहा है.
गूगल के नए फीचर में शहर के प्रमुख जगहों की ज्यादा तस्वीरें शामिल की जाएंगी और इसके लिए गूगल की खास कारें इन इलाकों में ज्यादा से ज्यादा बार दौरा करेंगी. समझा जाता है कि स्ट्रीट व्यू में अगले दो दिन में तस्वीरें दोगुनी हो जाएंगी. दुनिया भर के 55 देशों की तस्वीरें स्ट्रीट व्यू में शामिल हैं. हालांकि गूगल यह नहीं बताता है कि इन तस्वीरों की संख्या कितनी है.
जर्मनी और स्विट्जरलैंड में रहने वाले इस खास फीचर का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, जहां के कानून गूगल को पुरानी तस्वीरों का इस्तेमाल नहीं करने देंगे. जबकि दक्षिण अफ्रीका में तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ऐसा नहीं किया जा सकेगा. इस फीचर के तहत तस्वीर के साथ एक छोटी सी घड़ी स्ट्रीट व्यू में नजर आएगी, जिस पर क्लिक करके अलग अलग वक्त की तस्वीरों को देखा जा सकेगा.
गूगल का कहना है कि तस्वीरों में जो लोग होते हैं, उनके लिए यह बहुत मायने रखती है. लेकिन उन लोगों के लिए यह मुसीबत साबित हो सकती है, जो खुद को तस्वीरों में नहीं देखना चाहते हैं. अब जो लोग चाहते हैं कि उनके चेहरे नहीं दिखें, वे गूगल से संपर्क कर सकते हैं और उसके बाद उनके चेहरों को ब्लर कर दिया जाता है.
एजेए/एमजे (एपी)
गूगल मैप में यह सारी सुविधा मुफ्त होगी. कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू की यह कंपनी अपना ज्यादातर राजस्व इश्तिहार से निकालती है, लिहाजा यूजरों के लिए कोई दिक्कत नहीं होने वाली है. गूगल स्ट्रीट व्यू के पास 2007 से ही तस्वीरें हैं और इस तरह सिर्फ सात सालों में हुए बदलावों पर ही नजर डाली जा सकेगी. लेकिन इस दौरान भी दुनिया के कई हिस्सों में अजीबोगरीब बदलाव आए हैं. मिसाल के तौर पर जापान के तोहोकू में मार्च 2011 में आए भूकंप के बाद की तस्वीरें उससे पहले की तस्वीरों से बिलकुल अलग दिख रही हैं.
दूसरी तरफ कैटरीना तूफान से उबर रहे अमेरिकी प्रांत न्यू ऑरलींस में तस्वीर बेहतर होती जा रही है. वॉशिंगटन डीसी में दिख रहा है कि किस तरह से हावर्ड थियेटर की मरम्मत का काम चल रहा है.
गूगल के नए फीचर में शहर के प्रमुख जगहों की ज्यादा तस्वीरें शामिल की जाएंगी और इसके लिए गूगल की खास कारें इन इलाकों में ज्यादा से ज्यादा बार दौरा करेंगी. समझा जाता है कि स्ट्रीट व्यू में अगले दो दिन में तस्वीरें दोगुनी हो जाएंगी. दुनिया भर के 55 देशों की तस्वीरें स्ट्रीट व्यू में शामिल हैं. हालांकि गूगल यह नहीं बताता है कि इन तस्वीरों की संख्या कितनी है.
जर्मनी और स्विट्जरलैंड में रहने वाले इस खास फीचर का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, जहां के कानून गूगल को पुरानी तस्वीरों का इस्तेमाल नहीं करने देंगे. जबकि दक्षिण अफ्रीका में तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ऐसा नहीं किया जा सकेगा. इस फीचर के तहत तस्वीर के साथ एक छोटी सी घड़ी स्ट्रीट व्यू में नजर आएगी, जिस पर क्लिक करके अलग अलग वक्त की तस्वीरों को देखा जा सकेगा.
गूगल का कहना है कि तस्वीरों में जो लोग होते हैं, उनके लिए यह बहुत मायने रखती है. लेकिन उन लोगों के लिए यह मुसीबत साबित हो सकती है, जो खुद को तस्वीरों में नहीं देखना चाहते हैं. अब जो लोग चाहते हैं कि उनके चेहरे नहीं दिखें, वे गूगल से संपर्क कर सकते हैं और उसके बाद उनके चेहरों को ब्लर कर दिया जाता है.
एजेए/एमजे (एपी)
- तारीख 24.04.2014
- कीवर्ड गूगल, याद, मैप्स, माउंटेन व्यू
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