हास्य अभिनेता 'महमूद अली 'की पुण्य तिथि (23 जुलाई 2004) पर विशेष
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उस समय महमूद की मांग का अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है वे तत्कालीन हीरो और विलेन से ज़्यादा फ़ीस लिया करते थे। फ़िल्म 'मैं सुंदर हूँ' में लीड एक्टर थे विश्वजीत।...... इस फ़िल्म में काम करने के लिए विश्वजीत ने 2 लाख रुपए लिए जबकि महमूद ने 8 लाख लिए। ....वैसे ही फ़िल्म 'हमजोली' के लिए उन्हें जितेंद्र से ज़्यादा पैसे मिले। ....अब जब उनके पास एक से एक महंगी कारे थे और महमूद एक बड़े स्टार बन गए थे उनके पास किसी चीज़ की कमी नहीं थी लेकिन बावजूद इसके बचपन में घटी इस घटना ने महमूद के जीवन में ऐसा गहरा प्रभाव डाला था वो उस साईकल वाली घटना को ताउम्र नहीं भूले ........अपने संघर्ष के दिनों में माली हालत ठीक करने के लिए महमूद ने मलाड से विरार के बीच चलने वाली लोकल में टॉफ़ियां तक बेचीं। ड्राइवर बन कर लोगो की गाड़ी चलाई इसलिए वो गरीबी का दर्द समझते थे ...
महमूद ने कईयों का कॅरियर संवारा उसमें से एक पंचम भी हैं। पंचम यानी राहुल देव बर्मन, जिन्हें आर डी कहते हैं। इन्हें महमूद ने फ़िल्म 'छोटे नवाब' में बतौर संगीतकार लिया। अमिताभ बच्चन को अपनी फिल्म 'बॉम्बे तो गोवा ' के लिए महमूद ने उस वक्त साईन किया जब लोग उन्हें पहचानते भी नहीं थे .....
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पवन मेहरा ✒
#ब्लॉग_सुहानी_यादें_बीते_सुनहरे_दौर_की
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