शनिवार, 9 अक्तूबर 2021

शिक्षा परम्परा उन्नति औऱ घर की सामाजिक स्थिति: एक सार्थक चर्चा

Pintu Shailendra Jaruhar:


 आज की युवा पीढ़ी को इस बात का थोड़ा भी अनुमान नहीं रहता है कि उसके माता-पिता इस तरह की तकलीफें एवं अपनी शौक की तिलांजलि दे कर उनका लालन-पालन कर रहे हैं।जब वे माता-पिता बनेंगे तभी उनको इसका इल्म होगा। अभी आप उन्हें कुछ भी कहे उन्हें समझ नहीं आएगा।


 Titu आत्म स्वरूप:


Nahi aayega na bhai .. Pidhiyan change ho gayee ab ham sound position me aa gaye


Titu आत्म स्वरूप:


Hamare dada kheti papa Govt job aur ham log better financial job and beta enterpreuner


Pintu Shailendra Jaruhar:


 यह सभी पर लागू नहीं होता।आप सौभाग्यशाली है।



Titu आत्म स्वरूप:


पीढियों के साथ उन्नति बढ़ती ही है इतिहास यही कहता है जो कल एक छोटा दुकान था आज साम्राज्य है        अगर नही बढ़ता तो विचारनिय है क्यूं की माँ बाप का संघर्ष व्यर्थ हो गया



Pintu Shailendra Jaruhar:


उन्नति का अभिप्राय विभिन्न पहलुओं पर विचार करने की जरूरत है। वित्तीय उन्नति की प्रतिफल में प्रसन्नता की एक सिमा हैं । मां बाप अपने बच्चों की इस सफलता पर इतराता नहीं अघाते। स्वाभाविक भी है। किंतु समाज में जो देखने सुनने को मिल रहा है उसको भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता। अमेरिका, लंदन, कनाडा में बच्चें डालर कमाने की होड़ में मां बाप की संवेदना की किमत भी डालर से ही लगा बैठते हैं और उसकी किमत दुर्भाग्य से कम ही आंक पाते हैं।


आप सफल मां बाप है या नहीं उसे धन दौलत से नहीं आंक सकते।जब आप कमजोर,बिमार एवं असहाय हो तभी समझ में आएगा। ऐसे भगवान करे यह समझ किसी की जिंदगी में ना आए।


Titu आत्म स्वरूप:


 भाई हम मध्यम वर्गीय की बात करें, जब माँ बाप का सपना साकार कर रहे हो तो ये तो पता है कि हमारा वतन सब छूटेगा और संघर्ष का आलम ये है कि जब लोग घर मे पकवान खाते थे भाई तो हम भोजन को तरसते थे आज भी 8 शाम का भोजन सड़ा गला खाते है क्यों कि बेहतर आज और बेहतर कल हो अगर बाल बच्चे लायक नही हो और सर पे बोझ हो तो शायद बुढापा ज्यादा कष्टप्रद है रही बात श्रवण कुमार की तो ये प्रतियोगिता नही है प्यार दिखाने की नही महसूस करने की चीज है


Pintu Shailendra Jaruhar:


 इसे आज की युवा पीढ़ी नहीं समझती। यही तो मैं कह रहा हूं। और दिल की दिल ही समझे यही बेहतर है।


आत्म स्वरूप



: यही मेरा कहना है कि value based एजुकेशन और खुद example, हमने बचपन मे ये देखा कि मेरे पापा ने अपने पापा की सेवा की कभी जवाब नही दिया हमने क्या सीखा मेरे चार भाइयों ने आज तक पापा को पलट के जवाब नही दिया,बच्चों को केवल शिक्षा नही नैतिक शिक्षा भी देना चाहिए और निश्चित है कि अगर आम का पेड़ लगाया है तो 99.9% आम ही मिलेगा😃🙏


Pintu Shailendra Jaruhar:


आम तो आम ही देगा इसमें कोई संदेह नहीं।आम रसेदार एवं लजीज है कि नहीं यह उम्र के साथ बढ़ता हुआ तजुर्बा बताता है और इसे आम लगाने वाला ही बेहतर समझता है।



Titu आत्म स्वरूप:


न भाई इतनी समझ सबको है लंबे तीर मत चलाइये


[93342 12078: Very nice  👌


👌👌✌🏼✌🏼👍🙃

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