मध्यप्रदेश के सुदूर अंचल में रहने वाले ग्रामीणजनों खासकर जनजातीय समुदाय अब शीघ्र ही वन्या कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से अपनी बात आसानी से कह सकेंगे। इन केन्द्रों पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ग्रामीण स्वयं बनायेंगे और उनका प्रसारण उनकी बोली (भाषा) में किया जायेगा। सामुदायिक रेडियो जनता और शासन के बीच सेतु का कार्य करते हुए जनता की आवाज बनेंगे। इस संबंध में आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित वन्या प्रकाशन द्वारा कम्युनिटी रेडियो विषय पर एक कार्यशाला भोपाल में आज आयोजित की गई। कार्यशाला को वन्या के प्रबंध संचालक श्री श्रीराम तिवारी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार कम्युनिटी रेडियो की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। आज इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मातृ मृत्यु दर में कमी लाने, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने एवं परिवार नियोजन आदि गंभीर विषयों को चुना गया है। उन्होंने कहा कि इन विषयों पर कार्यक्रम निर्माता एवं लेखक समाज में जागरूकता पैदा करने का काम करें जिससे आम जनता शासन की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण वन्या के ओ.एस.डी. श्री सुधीर श्रीवास्तव ने दिया। यू.एन.एफ.पी.ए. के स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर श्री तेजराम जाट ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम कम्युनिटी रेडियो पर ऐसे कार्यक्रम बनायें और प्रसारित करें, जिससे ग्रामीण महिलाआं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ें तथा वह शासन की योजनाओं का लाभ उठाने आगे आयें। कार्यशाला में मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाने, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने एवं परिवार नियोजन जैसे गंभीर विषयों पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य विभाग की उप निदेशक डॉ. अर्चना मिश्रा ने स्लाइड्स के माध्यम से प्रतिभागियों को जानकारी दी। प्रोग्राम के समापन सत्र में डॉ. अपूर्वा चतुर्वेदी (स्वतंत्र रिसोर्स पर्सन) ने परिवार नियोजन की बारीकियों को विस्तार से समझाया। कार्यक्रम में नालछा (धार) एवं चाड़ा (डिण्डौरी) सहित अन्य स्थानों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। |
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