शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012

याद नहीं




आज से 22 साल पहले आज ही के दिन शहर को छोड़ना पड़ा था। केवल एक माह के बाद। (21) या 22 साल (आने वाले दिनों में समय और साल गुजरते ही चले जाएगें (गए।)। इन सालो में जमाना बदल गया, जवानी की चढ़ती उम्र भी अधेड़ हो रही है, मगर नहीं बदला तो यादों का वह अंतहीन सिलसिला। क्या रिश्ता था कि फिर कभी अलग नहीं हो पाए। यादें भी मानों कल सी लगती है। कल यानी कभी ना आने वाला कल । एक तरफ तकरार इंतजार तो एक तरफ इंकार। आज भी लगता है मानों कुछ होकर भी नहीं है या कुछ नहीं होकर भी सब कुछ है। बस साथ नहीं है, मगर यादों से कब अलग हुए ? याद नहीं। यङ शाप है या ....?  कह नहीं सकता।
शुक्र है कि देख लिया चेहरा
शायद वो पूरी तरह याद नहीं था।
महज एक इतफाक नहीं था यार मिलना।
सैकड़ों से मिलकर नाम तक भूल गए मगर,
भूलना चाहकर भी नहीं भूल पाना (पाए) किसी को
क्या है पता नहीं ? शूल बनकर भूल भी साथ साथ है
क्या है ये , पता है किसी को ?
फिर भी 21 (अब 22 साल ) साल हो गए (यानी यादें भी अब बालिग हो गई)
मगर
अगले 21 साल में क्या होगा ?
हमें पता है।
य़ादें तो रहेंगी, हमेशा, हर पल हरदम  ......
मगर हम नहीं होगें..... हम नहीं होगें
मगर हम साथ नहीं होगें
 पक्का
हम नहीं होगें।

 Do not miss


Today, 21 years ago on this day had to leave town. Only a month later. 21 years have passed. Times have changed but not changed, then a series of memories. What was the relationship that can never be separated again. Values ​​tends to be last memories. Tomorrow tomorrow or never. If the argument to wait a turn to one side. The values ​​and there is still little or nothing and still have everything. It has to do with, but when separated from the memories remember.
Thank sees the face
Maybe he did not fully remember.
Itfak was not merely a man meet.
Consisting of hundreds of forgotten names, but,
Do not forget to anyone wishing to
Do not know ?
What is this, anyone know ?
Yet 21 years (the memories are now adults)
But
What will happen in the next 21 years ?
We know.
Yhaden always there, always ......
But we will not ..... We will not.
 Certain
We will not.

Posted 6th April 2011 by Anami Sharan Babal

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