रविवार, 24 अगस्त 2014

मीडिया शब्दावली बनाम पत्रकरिता कोष

 

 

 

 मुद्रित, इलेक्ट्रानिक तथा न्यू मीडिया

 लगभग आठ हजार शब्दों का बनेगा पत्रकरिता कोष


मुद्रित, इलेक्ट्रानिक तथा न्यू मीडिया के लगभग आठ हजार शब्दों का बनेगा पत्रकरिता कोष

वर्धा. पत्रकारिता एवं मुद्रण शब्दावली अद्यतन के तहत वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में आयोजित बैठक में मुद्रित, इलेक्ट्रानिक तथा न्यू मीडिया के लगभग दो हजार शब्दों को शामिल करते हुए अंगरेजी शब्दों का हिंदी विकल्प तैयार किया गया। 

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग में सहायक वैज्ञानिक अधिकारी चकप्रम बिनोदनी देवी की देखरेख में देशभर से आए मीडियाविद, पत्रकार, विद्वान  तथा पत्रकारिता विभाग के अध्यापकों ने इस कोश को अंतिम रूप प्रदान किया। नया कोश लगभग आठ हजार शब्दों का बनेगा। न्यू मीडिया में जो नए शब्द आए हैं उनके  हिंदी में शब्द ढूंढना एक चुनौतीभरा कार्य था। 
माध्यमों में आए अंगरेजी शब्दों को हिंदी शब्द प्रदान करते समय परस्पर सहयोग की भावना रही। बैठक में शामिल विद्वानों  का मानना है कि यह कोश मीडिया क्षेत्र में काम करनेवाले लोगों के साथ-साथ पत्रकारिता के अध्यापक एवं शोधार्थियों को दिशा-निर्देश देने के लिए भी लाभप्रद होगा। शब्दों का केवल शब्दानुवाद न कर उसके व्यावहारिक पक्ष को ध्यान में रखते हुए कोश में शामिल किया गया है।  कोश में शब्दों की जटिलता को कम करने की कोशिश की गई है। अंगरेजी से आएं प्रत्येक शब्दों पर गहन विचार-विमर्श के बाद ही उसे सुयोग्य हिंदी शब्द का पर्याय दिया गया है। शब्द के चुनाव इस प्रकार किए गए हैं जिससे पाठकों में रोचकता भी बनी रहे।
इस कोश में पूर्व में प्रकाशित कोश को संशोधित किया गया है। आज के संदर्भ की प्रासंगिकता को देखते हुए उन शब्दों को नए शब्द प्रदान किए गए। आयोग ने करीब पैंतीस साल पहले पत्रकारिता कोश का निर्माण किया था।  पहले के कुछ शब्द ऐसे हैं जो मीडिया बिरादरी से बेदखल हुए हैं या वैसे शब्द जो अपनी उपयोगिता खो चुके हैं, परंतु मीडिया के इतिहास के शोधार्थी एवं जानकारी के लिए उन शब्दों की भी आवश्यकता है।
उन्हें आज की प्रासंगिकता के साथ जोड़ते हुए नया शब्द दिया गया। वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग में सहायक वैज्ञानिक अधिकारी चकप्रम बिनोदिनी देवी ने बताया कि शब्दों को अर्थपूर्ण, सहज और बोधगम्य बनाने और प्रचलित करने के लिए आयोग का यह गंभीर प्रयास है। तीन दशकों के बाद आयोग  ने पत्रकारिता कोश को नया स्वरूप  देने का कार्य शुरू  किया है और इसका प्रारंभ महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय में हो रहा है। यह काम हिंदी के बाद मराठी में भी किया जाएगा और वह शब्दकोश अंग्रेजी-हिंदी-मराठी इस प्रारूप  में बनेगा।
इस बैठक में विश्वविद्यालय के संचार एवं मीडिया अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. अनिल कुमार राय, आकाशवाणी भोपाल के पूर्व निदेशक डा. महावीर सिंह, महाराजा अग्रसेन महाविद्यालय, नई दिल्ली के सहायक प्रोफेसर सुधीर रीन्टन, इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र नई दिल्ली के सीईओ अनिल गुप्ता, आईआईएमसी, नई दिल्ली के पूर्व पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार माथुर, ज्ञानवानी वाराणसी के निदेशक बी.बी. शर्मा,  वरिष्ठ  पत्रकार अनामी शरण बबल, भारतीय भाषा संस्कृति संस्थान गुजरात विश्वविद्यालय अहमदाबाद के निदेशक डा. किशोर वासवानी, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. धर्मेश धवनकर, पत्रकार प्रकाश चंद्रायन भाग ले रहे हैं।

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