मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर

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भारतीय पताका
सचिन तेंदुलकर
भारत (IND)
सचिन तेंदुलकर
पूरा नाम सचिन तेंदुलकर
जन्म 24,अप्रैल 1973
बल्लेबाज़ी का तरीक़ा दाये हाथ के बल्लेबाज
गेंदबाज़ी का तरीक़ा दाये हाथ का मध्यम गति और स्पिन के गेंदबाज़

टेस्ट क्रिकेट एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट
मुक़ाबले १७१ 442
बनाये गये रन १४०१७ 17,598
बल्लेबाज़ी औसत 55.56 45.12
100/50 51/54 48/94
सर्वोच्च स्कोर 248* 200*
फेंकी गई गेंदें 3,982 8,020
विकेट 44 154
गेंदबाज़ी औसत 52.22 44.26
पारी में 5 विकेट 0 2
मुक़ाबले में 10 विकेट 0 नहीं है
सर्वोच्च गेंदबाज़ी 3/10 5/32
कैच/स्टम्पिंग 104/- 132/-
25 फ़रवरी, 2010 के अनुसार
स्रोत: CricketArchive
सचिन रमेश तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुम्बई में हुआ। सचिन क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं।।उन्होंने अपने खेल की शुरुआत १९८९ मे की थी। वे बल्लेबाजी में कई कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों मे सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ है। इसके साथ टेस्ट क्रिकेट में १४००० से अधिक रन बनाने वाले वे विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय मैचों मे भी उन्हें कुल सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है। उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुंबई के लिये १४ वर्ष की उम्र मे खेला। उनके अन्तर्राष्ट्रीय खेल जीवन की शुरुआत १९८९ मे पाकिस्तान के खिलाफ कराची से हुई।
सचिन राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वे सन् २००८ मे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है। वे क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रायोजित खिलाड़ी हैं और विश्वभर मे उनके अनेक प्रशंसक हैं। उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर कह कर बुलाते हैं। क्रिकेट के अलावा वे अपने ही नाम के एक सफल रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं।

अनुक्रम

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[संपादित करें] व्यक्तिगत जीवन

राजापुर के मराठी परिवार मे जन्मे सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंडुलकर ने उनके चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था। उनके बड़े भाई अजीत तेंडुलकर ने उन्हें खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था। सचिन के एक भाई नितिन तेंडुलकर और एक बहन सवितई तेंडुलकर भी हैं। 1995 मे सचिन तेंडुलकर का विवाह अंजलि तेंडुलकर से हुआ। सचिन के दो बच्चे हैं - सारा व अर्जुन।
सचिन ने शारदाश्रम विद्यामंदिर में अपनी शिक्षा ग्रहण की। वहीं पर उन्होंने प्रशिक्षक (कोच) रमाकांत अचरेकर के सान्निध्य में अपने क्रिकेट जीवन का आगाज किया। तेज गेंदबाज बनने के लिये उन्होंने एम०आर०एफ० पेस फाउंडेशन के अभ्यास कार्यक्रम में शिरकत की। पर वहाँ तेज गेंदबाजी के कोच डेनिस लिली ने उन्हें पूर्ण रूप से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।

[संपादित करें] अन्य रोचक तथ्य

  • युवाकाल में सचिन अपने कोच के साथ अभ्यास करते थे। उनके कोच स्टम्प्स पर एक रुपये का सिक्का रख देते, और जो गेंदबाज सचिन को आउट करता, वह् सिक्का उसी को मिलता था। और यदि सचिन बिना आउट हुये पूरे समय बल्लेबाजी करने मे सफल हो जाते, तो ये सिक्का उन्हें मिलता था। सचिन के अनुसार उस समय उनके द्वारा जीते गये 13 सिक्के आज भी उन्हे सबसे ज्यादा प्रिय हैं।[citation needed]
  • १९८८ में स्कूल के एक हॅरिस शील्ड मैच के दौरान साथी बल्लेबाज विनोद कांबली के साथ सचिन ने ऐतिहासिक ६६४ रनों की अविजित साझेदारी की। इस धमाकेदार जोडी के अद्वितीय प्रदर्शन के कारण एक गेंदबाज तो रो ही दिया और विरोधी पक्ष ने मैच आगे खेलने से इंकार कर दिया। सचिन ने इस मैच में ३२० रन और प्रतियोगिता में हजार से भी ज्यादा रन बनाये।[citation needed]
  • सचिन प्रति वर्ष २०० बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी ‘अपनालय’, एक गैर सरकारी संगठन, से लेते हैं।{{citation needed}

[संपादित करें] खेल पद्धति

सचिन तेंदुलकर उभयहस्त हैं। वे गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी दायें हाथ से करते हैं किंतु लिखते बाये हाथ से हैं। वे नियमित तौर पर बायें हाथ से गेंद फेंकने का अभ्यास करते हैं। उनकी बल्लेबाज़ी उनके बेहतरीन संतुलन व नियंत्रण पर आधारित है। वे भारत की धीमी पिचों की बजाय वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया की सख्त व तेज़ पिच पर खेलना ज्यादा पसंद करते हैं [1]। वे अपनी बल्लेबाजी की अनूठी पंच शैली के लिये भी जाने जाते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रशिक्षक जॉन ब्यूकैनन का मानना है कि तेंदुलकर अपनी पारी की शुरुआत में शार्ट गेंद के ग्रहणशील हैं। उनका मानना यह भी है कि बायें हाथ की तेज गेंद तेंदुलकर की कमज़ोरी है [2] । अपने करियर के शुरुआत मे सचिन की खेल शैली आक्रमणकारी हुआ करती थी। सन् २००४ से वे कई बार चोटग्रस्त रहे हैं। इस वजह से उनकी बल्लेबाजी की आक्रामकता फ्ग्फ्ग्फ्ग्फ्ग्ग्फ्में थोड़ी कमी आई है। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ईयन चैपल का मानना है कि तेंदुलकर अब पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रहे। किन्तु २००८ में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तेंदुलकर ने कई बार अपनीफ्ग् आक्रामक बल्लेबाज़ी का परिचय दिया।
तेंडुलकर नियमित गेंदबाज़ नहीं हैं। किन्तु वे मध्यम तेज, लेग स्पिन व ऑफ स्पिन गेंदबाज़ी में प्रखर हैं। वे कई बार लम्बी देर से टिकी हुई बल्लेबाजों की जोडी को तोड़ने के लिये गेंदबाज़ के रूप में लाए जाते हैं। भारत की जीत पक्की कराने में अनेक बार उनकी गेंदबाज़ी का प्रमुख योगदान रहा है[3]
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[संपादित करें] कीर्तिमान स्थापित

  • एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक[200] जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बने
  • एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा रन (१७००० से अधिक)
  • एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा 48 शतक
  • एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय के विश्व कप मुक़ाबलों में सबसे ज्यादा रन
  • टेस्ट क्रिकेट मे सबसे ज्यादा शतक (51)[4]
  • रिकार्डो के बादशाह सचिन तेंडुलकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 November 2009 को अपनी १७५ रन की पारी के दौरान एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में १७ हजार रन पूरे करने वाले पहले बल्लेबाज बने।
  • टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रनों का कीर्तिमान| [5]
  • टेस्ट क्रिकेट १३००० रन बनने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज |
  • एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा मैन आफ् द सीरीज
  • एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा मैन आफ् द मैच
  • अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबलो मे सबसे ज्यादा ३०००० रन बनाने का कीर्तिमान्

[संपादित करें] यह भी देखें

5 नवम्बर 2009 गुरूवार, मास्टर ब्लास्टर तेंदुलकर को इसके लिए केवल 28 रन की दरकार थी। अपना 435वां मैच खेल रहे तेंदुलकर ने अब तक 424 पारियों में 44.21 की औसत से 17000 रन बनाए हैं जिसमें 45 शतक और 91 अर्धशतक शामिल हैं। तेंदुलकर के बाद एक दिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन श्रीलंका के सनथ जयसूर्या ने बनाए हैं जिनके नाम पर इस मैच से पहले तक 12207 रन दर्ज थे। जयसूर्या 441 मैच खेल चुके है। अब तक 400 से अधिक एकदिवसीय मैच केवल इन्हीं दो खिलाडि़यों ने खेले हैं।
तेंदुलकर 160 टेस्ट मैचों में भी अब तक 12877 रन बना चुके हैं और इस तरह से उनके नाम पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ३०००० से ज्यादा रन और 99 शतक दर्ज हैं। तेंदुलकर ने अपने एक दिवसीय करियर में सर्वाधिक रन आस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए हैं। उन्होंने विश्व चैंपियन के खिलाफ 60 मैच में 3000 से ज्यादा रन ठोके हैं जिसमें 9 शतक और १५ अर्धशतक शामिल हैं। श्रीलंका के खिलाफ भी उन्होंने सात शतक और 14 अर्धशतक की मदद से 2471 रन बनाए हैं लेकिन इसके लिए उन्होंने 66 मैच खेले हैं।
इस स्टार बल्लेबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ 66 मैच में 2381 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने दक्षिण अफ्रीका [1655], वेस्टइंडीज [1571], न्यूजीलैंड [1460], जिम्बाब्वे [1377] और इंग्लैंड [1274] के खिलाफ भी एक हजार से अधिक रन बनाए हैं। तेंडुलकर ने घरेलू सरजमीं पर 142 मैच में 46.12 की औसत से 5766 और विदेशी सरजमीं पर 127 मैच में 35.48 की औसत से 4187 रन बनाए हैं लेकिन वह सबसे अधिक सफल तटस्थ स्थानों पर रहे हैं जहां उन्होंने 140 मैच में 6054 रन बनाए हैं और उनका औसत 50.87 है। वह भारत के अलावा इंग्लैंड [1051], दक्षिण अफ्रीका [1414], श्रीलंका [1302] और संयुक्त अरब अमीरात [1778] की धरती पर भी एक दिवसीय मैचों में एक हजार रन बना चुके हैं।
पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने तेंडुलकर को सलामी बल्लेबाज के तौर पर भेजने की शुरुआत की थी जिसमें मुंबई का यह बल्लेबाज खासा सफल रहा। ओपनर के तौर पर उन्होंने 12891 रन बनाए हैं। जहां तक कप्तानों का सवाल है तो तेंडुलकर सबसे अधिक सफल अजहर की कप्तानी में ही रहे। उन्होंने अजहर के कप्तान रहते हुए 160 मैच में 6270 रन बनाए जबकि गांगुली की कप्तानी में 101 मैच में 4490 रन ठोंके। हालांकि स्वयं की कप्तानी में वह अधिक सफल नहीं रहे और 73 मैच में 37.75 की औसत से 2454 रन ही बना पाए।
24 फ़रवरी 2010, सचिन तेंदुलकर ने अपने वनडे क्रिकेट के 442वें मैच में 200 रन बनाकर नया ऐतिहासिक पारी खेली। वनडे क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बने।
तेंदुलकर 160 टेस्ट मैचों में भी अब तक १५००० रन बना चुके हैं और इस तरह से उनके नाम पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ३०००० से ज्यादा रन और 99 शतक दर्ज हैं। तेंदुलकर ने अपने एक दिवसीय करियर में सर्वाधिक रन आस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए हैं। उन्होंने विश्व चैंपियन के खिलाफ 60 मैच में 3000 से ज्यादा रन ठोके हैं जिसमें 9 शतक और १५ अर्धशतक शामिल हैं। श्रीलंका के खिलाफ भी उन्होंने सात शतक और 14 अर्धशतक की मदद से 2471 रन बनाए हैं लेकिन इसके लिए उन्होंने 66 मैच खेले हैं।

[संपादित करें] बाहरी कड़ियाँ

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