रविवार, 1 अप्रैल 2018

काला अक्षर भैंस बराबर मंद छात्रों के लिए मिशन बुनियाद





लाखों कमजोर और मंद बुद्धि के बच्चों के लिए आज से मिशन बुनियाद

अनामी शरण बबल / राजेश सिन्हा


नयी दिल्ली। राजधानी दिल्ली के सरकारी  स्कूलों में पढ़ने वाले पांच लाख से भी अधिक निष्ठा बच्चों के लिए कल (आज) से मिशन बुनियाद आरंभ किया जा रहा है। दो चरणों में 30 जून यानी तीन माह तक मिशन बुनियाद चलेगा। इससे कमजोर और अक्षर ज्ञान से भी वंचित छात्र छात्राओं की शैक्षणिक बुनियाद को ठीक करने का लक्ष्य रखा गया है। दिल्ली के तीनों नगर निगम के प्राथमिक स्कूलों में तीसरी कक्षा के बच्चों से लेकर दिल्ली सरकार के स्कूलों में नौंवी कक्षा के निष्ठा छात्र -छात्रात्रों को इस मिशन में रखा गया है। 2011 में केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार की नो डिटेंशन स्कीम के चलते शिक्षा की बुरी हालात से निपटने के लिए ही मिशन चुनौती के बाद अब मिशन बुनियाद से शिक्षा की हालात को सुधारने की पहल हो रही है।  

उल्लेखनीय है कि 2011 में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिव सिब्बल ने नो डिटेंशन पॉलिसी को देश की सभी स्कूलों के लिए लागू किया था। जिसके तहत कक्षा नौ तक किसी भी छात्र को फेल नहीं करना था। चाहे छात्र ने यदि अपनी कॉपी में कुछ भी लिखा हो या न हो। फिर भी शिक्षक द्वारा छात्रो को एनडीएस के तहत पास कर दिया जाता था। बड़े बड़े शिक्षाविदों ने इस योजना की सराहना की, मगर फेल न होने के डर से कक्षा नौ पास कर गए ज्यादातर छात्रों की बुनियाद ही कमजोर हो गयी. जिससे 10 वी परीक्षा में ज्यादातर छात्र फेल हो गए। शिक्षा की गिरती हालात की जमकर निंदा हुई और इसमें बदलाव की पहल होने लगी।

दिल्ली की आप सरकार में डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री बने मनीष सिसौदिया ने शिक्षा की लस्त पस्त हालात को सिरे से सुधारने की पहल की। 2015-16 में मिशन चुनौती आरंभ किया और कमजोर छात्रओं की बुनियाद को ठीक करने की बीड़ा उठाया। इसके बेहतर परिणाम से उत्साहित होकर ही श्री सिसौदिया ने इस बार कक्षा छह की बजाय मिशन बुनियाद को कक्षा तीन से आरंभ किया है। 2016 से ही हर क्लास के साथ चुनौती योजना के तहत कमजोर बच्चों का एक अलग सेक्शन निष्ठा बनाया गया था। निष्ठा में सामान्य से बेहतर परिणाम देने वाले बच्चों को प्रतिभा श्रेणी में रखकर उन्हें अन्य सामान्य कक्षाओं में भेजा जाता है। ।

मिशन बुनियाद की शुरूआत दो अफ्रैल से 11 मई तक होगा । इस दौरान दिल्ली के सारे स्कूल खुले हैं। लंच से पहले के तीन घंटे के बीच इनको बुनियादी बातें बतायी जाएगी। मिशन बुनियाद में निष्ठा और नव निष्ठा की दो श्रेणी रखी गयी है। सामान्य अक्षर ज्ञान और गुना भाग करने वाले छात्रों को निष्ठा श्रेणी में और काला अक्षर भैंस बराबर ज्ञान रखने वाले छात्रों को नव निष्ठा श्रेणी में रखा गया है। सरकार दो चरणों में इस मिशन बुनियाद से तमाम बच्चों के ज्ञान को एक समान करने के लिए प्रतिबद्ध है। 12 मई से 30 जून तक मिशन दो का दूसरा चरण शुरू होगा । उस समय ग्रीष्मावकाश के चलते सभी स्कूलें बंद रहेंगी।  22 अफ्रैल को दिल्ली में मेगा पीटीएम रखा गया है जिसमें बच्चों के बाबत अभिभावकों को जानकारी दी जाएगी। बुनियाद की सफलता के बाद निष्ठा कक्षाओं का नया नाम जुलाई से हैप्पी क्लास हो जाएगा।  

डिप्टी सीएम सिसौदिया ने देशप्राण से कहा कि यह मिशन भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। मनमोहन सरकार और उस सम. के मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल की गलत नीतियों का यह कुफल है। मिसन बुनियाद के बारे में सिसौदिया. ने कहा कि सरकारी स्कूल की करीब 20 हजार शिक्षिकाओं को हर स्तर पर इस मिशन की निगरानी प्रक्रिया में रखा गया है। सामान्य ज्ञानदान की यह मौखित शाब्दिक मनोवैज्ञानिक और मनोरंजन को आधार बनाकर बच्चों को प्रेरित करने का लक्ष्य रखा गया है। दिल्ली की शीला सरकार में शिक्षा मंत्री रहे अरविंदर सिंह लवली ने आप सरकार पर काम से अधिक हंगामा करने का आरोप लगाया। जबकि पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री सिब्बल ने मिशन बुनियाद के लिए प सरकार को शुभकामनाएं दी। उन्होने देशप्राण से कहा कि 2009-10 के दौरान परीक्षा के भय से हर साल सैकड़ों छात्र आत्महत्या कर रहे थे। उनके मन के भय को मिटाने के लिए एनडीएस लाया गया था। सिबिबल ने कहा कि आप सरकार की योजनाएं स्वागत योग्य हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मिशन बुनियाद के जरिये आप सरकार लाखों बच्चों की शैक्षणिक बुनियाद को किस हद तक बेहतर बनाने में कामयाब रहेगी ?

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