इस भूल भुलैया में दफन है अरबों का खजाना, जो भी गया अंदर नहीं लौटा वापस
प्रस्तुति- राहुल मानव
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》WORLD TOURISM Desk:
हरियाणा के महम में ‘चोरों की बावड़ी’ की इतिहास में खास जगह बनी हुई है।
इसे ‘स्वर्ग का झरना’ भी कहा जाता है। मुगलकाल की यह बावड़ी यादों से
ज्यादा रहस्यमयी किस्से-कहानियों के लिए जानी जाती है। कहा जाता है कि
सदियों पहले बनी इस बावड़ी में अरबों रुपए का खजाना छुपा हुआ है, यही नहीं
इसमें सुरंगों का जाल है जो दिल्ली, हिसार और लाहौर तक जाता है? लेकिन इन
बातों का इतिहास में कहीं कोई उल्लेख नहीं मिलता। कुछ ऐसे ही प्रश्न हैं जो
आज भी लोगों के लिए रहस्य बने हुए हैं।
Vijayrampatrika.com हरियाणा के स्थापना दिवस (1NOV) के मौके पर राज्य के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति, कला, विकास और सुनी-अनसुनी कहानियों से आपको अवगत कराएगा। इस कड़ी में आज पढें, महम की ‘चोरों की बावड़ी’ के बारे में जिसे शाहजहां द्वारा बनवाया गया था।
बावड़ी में है सुरंगों का जाल
Choron ki baoli in meham haryana
बावड़ी में लगे फारसी भाषा के एक अभिलेख के अनुसार इस स्वर्ग के झरने का निर्माण उस समय के मुगल राजा शाहजहां के सूबेदार सैद्यू कलाल ने 1658-59 ईसवी में करवाया था। इसमें एक कुआं है जिस तक पहुंचने के लिए 101 सीढिय़ां उतरनी पड़ती हैं। इसमें कई कमरे भी हैं, जो कि उस जमाने में राहगीरों के आराम के लिए बनवाए गए थे। सरकार द्वारा उचित देखभाल न किए जाने के कारण यह बावड़ी जर्जर हो रही है। इसके बुर्ज व मंडेर गिर चुके हैं। कुएं के अंदर स्थित पानी काला पड़ चुका है।
ज्ञानी चोर ने दफनाया अरबों का खजाना
इस बावड़ी को लेकर वैसे तो कई कहानियां गढ़ी गई है, लेकिन इनमें प्रमुख है ज्ञानी चोर की कहानी। कहा जाता है कि ज्ञानी चोर एक शातिर चोर था जो धनवानों का लूटता और इस बावड़ी में छलांग लगाकर गायब हो जाता और अगले दिन फिर राहजनी के लिए निकल आता था। लोगों का यह अनुमान है कि ज्ञानी चोर द्वारा लूटा गया सारा धन इसी बावड़ी में मौजूद है। दिए गए फोटोज़ छुएं और अंदर स्लाइड्स में पढें किसका था खजाना, क्यों उसे ढूढ़ने जाने वाले की हो जाती है मौत…..
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बावड़ी में है सुरंगों का जाल
Choron ki baoli in meham haryana
बावड़ी में लगे फारसी भाषा के एक अभिलेख के अनुसार इस स्वर्ग के झरने का निर्माण उस समय के मुगल राजा शाहजहां के सूबेदार सैद्यू कलाल ने 1658-59 ईसवी में करवाया था। इसमें एक कुआं है जिस तक पहुंचने के लिए 101 सीढिय़ां उतरनी पड़ती हैं। इसमें कई कमरे भी हैं, जो कि उस जमाने में राहगीरों के आराम के लिए बनवाए गए थे। सरकार द्वारा उचित देखभाल न किए जाने के कारण यह बावड़ी जर्जर हो रही है। इसके बुर्ज व मंडेर गिर चुके हैं। कुएं के अंदर स्थित पानी काला पड़ चुका है।
ज्ञानी चोर ने दफनाया अरबों का खजाना
इस बावड़ी को लेकर वैसे तो कई कहानियां गढ़ी गई है, लेकिन इनमें प्रमुख है ज्ञानी चोर की कहानी। कहा जाता है कि ज्ञानी चोर एक शातिर चोर था जो धनवानों का लूटता और इस बावड़ी में छलांग लगाकर गायब हो जाता और अगले दिन फिर राहजनी के लिए निकल आता था। लोगों का यह अनुमान है कि ज्ञानी चोर द्वारा लूटा गया सारा धन इसी बावड़ी में मौजूद है। दिए गए फोटोज़ छुएं और अंदर स्लाइड्स में पढें किसका था खजाना, क्यों उसे ढूढ़ने जाने वाले की हो जाती है मौत…..
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