शुक्रवार, 19 मार्च 2021

सशाधर मुखर्जी का जलवा

 #साशधरमुख़र्जी

  दिन देके देखो’, ‘लव इन शिमला’, ‘एक मुसाफिर एक हसीना’ और ‘लीडर’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाने वाले बॉलीवुड के मशहूर निर्माता सशाधर मुखर्जी का जन्म 29 सितंबर 1909 को झांसी में हुआ था। सशाधर ने अपने करियर की शुरुआत भारतीय सिनेमा के इतिहास के पुराने स्टुडियो बॉम्बे टॉकीज से की। उन्होंने अपने करियर में न सिर्फ बेहतरीन फिल्में बनाई बल्कि उन्होंने कई लोगों को भी फिल्म इंडस्ट्री से जोड़ा। अशोक कुमार को बॉम्बे टॉकीज सशाधर मुखर्जी ले कर आये थे।


सशाधर मुखर्जी ने सती रानी देवी से शादी की। उनके 6 बच्चे थे। सती रानी देवी अशोक कुमार, अनूप कुमार, किशोर कुमार की इकलौती बहन थीं। सशाधर मुखर्जी अपने बेटे जॉय मुखर्जी को हिंदी सिनेमा में बतौर अभिनेता लॉन्च करना चाहते थे। इसलिए सशाधर एक नये चेहरे की तलाश कर रहे थे। इसी दौरान साधना ने सिंधी फिल्म ‘अबाना’ की थी और उनकी फोटो एक मैगजीन में छपी थी। सशाधर मुखर्जी ने मैगजीन की वो फोटो देखी और साधना को अपनी फिल्म ‘लव इन शिमला’ में कास्ट कर लिया गया। इस फिल्म से साधना को खूब शोहरत मिली और वो रातों-रात  स्टार बन गई। इस फिल्म के बाद साधना के प्रशंसक उनके हेयरस्टाइल से लेकर उनके कपड़ों की भी नकल करने लगे थे।


1943 में अभिनेता अशोक कुमार ने निर्माता सशाधर मुखर्जी के साथ मिलकर एक प्रोडक्शन हाउस खोला। नाम रखा फिल्मिस्तान स्टूडियो। यह स्टूडियो 4.5 एकड़ जमीन पर फैला है। 1940 और 50 के दशक में यहां कई बड़ी फिल्मों की शूटिंग हुई। 14 सेट वाले इस स्टूडियो में करीब 60 हिट फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। इनमें ‘नागिन’, ‘अनारकली’, ‘शहीद’ और ‘शबनम’ शामिल हैं। सशाधर के बाद उनके बच्चे जॉय, देव, शोमू ने फिल्मिस्तान स्टूडियो का काम संभाला।


सशाधर मुखर्जी के बेटे शोमू ने अब्बीनेत्री तनुजा से शादी की। उनकी दो बेटियां हैं काजोल और तनिशा। काजोल एक अभिनेत्री हैं जिनकी शादी अजय देवगन से हुई। जो कि एक सुपरस्टार हैं। वहीं सशाधर मुखर्जी के पोते अयान मुखर्जी हिंदी फिल्मों के मशहूर निर्देशक हैं। इस तरह मुखर्जी के पूरे परिवार ने बॉलीवुड में अपना योगदान दिया है।


ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाने वाले निर्माता सशाधर को साल 1967 में पद्मश्री से  सम्मानित किया गया। साल 1990 में उनका निधन हो गया था।

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