13 मार्च को पुराने ज़माने के सुपर हिट निर्माता निदेशक,कथा लेखक,संवाद लेखक मरहूम नासीर हुसैन साहब की पुण्यतिथि पर विनम्र अभिवादन करते हुए उनकी सुपरहिट फिल्मों से रफ़ी साहब के गाये सर्वश्रेष्ठ नग़मों की सूची पेश है* ....
*रफ़ी-नासिर हुसैन के सर्वश्रेष्ठ नग़मे*
*संकलनकर्ता-संतोष कुमार मस्के*
*फ़िल्म-तीसरी मंज़िल*
१)-
ओ हसीना ज़ुल्फो वाली,जाने-जहाँ, ढूँढती है क़ाफ़िर आँखे, किसके निशां- *साथ आशा*
२)-
दीवाना मुझ सा नहीं,इस अम्बर के नीचे- *एकल*
३)-
तुमने मुझे देखा,होकर बेवफ़ा, रुक गयी ये जमीं,थम गया आसमाँ, जानेमन जाने जाँ- *एकल*
४)-
देखिए,साहिबो,वो कोई,और थी,और ये वो है जिनपे मैं मरता हूँ- *साथ आशा*
५)-
आजा आजा,मैं हूँ प्यार तेरा,अल्ला अल्ला,इंतज़ार तेरा- *साथ आशा*
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*फ़िल्म-कारवाँ*
६)-
कितना प्यारा वादा है,इन मतवाली आँखो का- *साथ लता*
७)-
चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी,तूने कदर ना जानी रामा- *साथ लता*
८)-
अरे हो,गोरियां कहाँ तेरा देस रे,गोरिया कहाँ तेरा देस रे- *साथ आशा*
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*फ़िल्म-प्यार का मौसम*
९)-
तुम बिन जाऊँ कहाँ,के दुनिया मे आके,चाहा तुझे- *साथ किशोर व एकल भी*
१०)-
चे खुश नज़ारें,चे खुश नज़ारें,के दिल पुकारे है प्यार की मंजिल- *एकल*
११)-
निसुल्ताना रे,प्यार का मौसम आया,अरे हाये रे हरी हरी छाया- *साथ लता*
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*"फ़िल्म-दिल देके देखो*
१२)-
दिल देके देखो दिल देके देखो,दिल लेने वालों,दिल देना सीखो जी- *साथ आशा*
१३)-
ओ मेघा रे छाए घनन घनन,पवन चले सनन सनन- *एकल*
१४)-
यार चुलबुला है,हसीन दिलरुबा है मेरे दिल मे प्यार का थोड़ा थोड़ा- *साथ आशा*
१५)-
प्यार की क़सम है,न देखो ऐसे प्यार से- *साथ आशा*
१६)-
हम और तुम और ये समाँ- *एकल*
१७)-
बड़े है दिल के काले,हाँ वही,भोली सी सूरत वाले- *साथ आशा*
१८)-
राही मिल गए राहों में,बातें हुईं निग़ाहों में,तुम समझे हम समझे,प्यार हो गया- *एकल*
१९)-
बोलो बोलो,कुछ तो बोलो,प्यार हो तो कह दो हाँ, प्यार नहीं तो कह दो ना- *एकल*
२०)-
रॉक रॉक बेबी रॉक,दो एकम दो,दो दूनी चार- *साथ आशा*
२१)-
कौन ये आया महफ़िल में,बिजली सी चमकी इस दिल मे- *साथ आशा*
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*फ़िल्म-हम किसी से कम नहीं*
२२)-
क्या हुआ वादा तेरा,वो क़सम,वो इरादा- *साथ सुषमा श्रेष्ठ*
२३)-
है अगर दुश्मन,दुश्मन,ज़माना ग़म नहीं ग़म नहीं,हम किसी से कम नहीं,कम नहीं- *साथ आशा*
२४)-
चाँद मेरा दिल,चाँदनी हो तुम,चाँद से भी दूर,न जाओ मेरी जान- *एकल*
२५)-
क्या हुआ तेरा वादा,वो क़सम,वो इरादा- *एकल*
----- *संतोष कुमार मस्के-संकलन से* -----
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भाग-2
*रफ़ी-नासीर हुसैन के सर्वश्रेष्ठ नग़मे*
*संकलनकर्ता-संतोष कुमार मस्के*
*फ़िल्म-जब प्यार किसी से होता है*
२६)-
जियाँ हो जियाँ हो जियाँ कुछ बोल दो,अरे हो,दिल का पर्दा खोल दो- *साथ लता व एकल भी*
२७)-
सौ साल पहले,मुझे तुमसे प्यार था,आज भी है और कल भी रहेगा- *साथ लता*
२८)-
तेरी ज़ुल्फो से जुदाई तो नहीं माँगी थी,क़ैद माँगी थी,रिहाई तो नहीं माँगी थी- *एकल*
२९)-
बिन देखे और बिन पहचाने,तुम पर हम कुर्बान,मोहब्बत इसको कहते है,मोहब्बत इसको कहते है- *एकल*
३०)-
ये आँखे उफ़ उई,ये अदाएं उफ उई मा,प्यार क्यों न होगा- *एकल*
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*फ़िल्म-तुमसा नहीं देखा*
३१)-
यूँ तो हमने लाख हसीं देखे है,तुमसा नहीं देखा- *एकल*
३२)-
छुपने वाले सामने आ,छुप छुप के मेरा जी ना जला,सूरज की किरण,बादल की छुअन- *एकल*
३३)-
जवानियाँ ये मस्त मस्त बिन पिए, जलाती चल रही है राह में दीये- *एकल*
३४)-
आये है दूर से,मिलने हुजूर से,ऐसा भी गुस्सा क्या है,दिन है के रात है- *साथ आशा*
३५)-
देखो क़सम से देखो क़सम से,कहते है तुमसे हाँ,हम भी जलेंगे हाथ मलेंगे,सोच के तुमको हाँ- *साथ आशा*
३६)-
सर पे टोपी लाल हाथ मे,रेशम का रुमाल,ओ तेरा क्या कहना- *साथ आशा*
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*फ़िल्म-फिर वही दिल लाया हूँ*
३७)-
बंदा परवर,थाम लो ज़िगर,बनके प्यार मैं आया हूँ,आपके लिए हुजूर फिर वही दिल लाया हूँ- *एकल*
३८)-
हमदम मेरे,खेल ना जाना,चाहत के इक़रार का- *साथ आशा*
३९)-
लाखों है निग़ाह में,जिंदगी की राह में,सनम हसीन जवाँ- *एकल*
४०)-
अजी,क़िबला मोहतरमा,कभी शोला, कभी नग़मा- *एकल*
४१)-
आँचल में सजा लेना कलियाँ,ज़ुल्फो में सितारें भर लेना,जब याद मेरी सताने लगे,तब याद हमे भी कर लेना- *एकल*
४२)-
ज़ुल्फ़ की छाँव में,चेहरे का उजाला लेकर,तेरी वीरान सी रातों को,सजाया हमने- *साथ आशा*
४३)-
दूर बहुत दूर,मत जाइए,लेके क़रार हमारा,ऐसा न हो कि राह में लूट जाए, प्यार हमारा- *साथ आशा*
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*फ़िल्म-ज़माने को दिखाना है*
४४)-
पूछो ना यार क्या हुआ,दिल का क़रार क्या हुआ- *साथ आशा,पद्मिनी कोल्हापुरे व ऋषि कपूर*
४५)-
बोलो बोलो,कुछ तो बोलो,सामने वाले ले गए बाज़ी- *साथ आशा*
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*फ़िल्म-यादों की बारात*
४६)-
यादों की बारात,निकली है आज,दिल के द्वारे,दिल पुकारे- *साथ किशोर, लता,पद्मिनी व शिवांगी कोल्हापुरे*
४७)-
चूरा लिया है तुमने जो दिल को,नजऱ नहीं चुराना सनम,बदल के मेरी तूम जिंदगानी,कहीं बदल ना जाना सनम- *साथ आशा*
४८)-
यादों की बारात,निकली है आज दिल के द्वारे,दिल पुकारे- *साथ किशोर*
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४९)-
ज़माने ने मारे,जवाँ कैसे कैसे,जमीं खा गयी, आसमाँ कैसे कैसे- *बहारों के सपने* *एकल*
५०)-
सुनो सीता की कहानी,के वो महलों की रानी,छोड़कर घरबार,गयी वनवास,किसी ने क़दर ना जानी- *बिराज बहु* *एकल*
५१)-
घुँघट से क्यों नैना झाँके,जाने वाले जान गये- *आँगन* *साथ आशा*
----- *संतोष कुमार मस्के-संकलन से* -----
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