शनिवार, 22 जनवरी 2011

मीडिया की आचार संहिता बनाएगा पत्रकारिता विश्वविद्यालय रिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले - डा. नंदकिशोर त्रिखा, प्रो. देवेश किशोर, रामजी त्रिपाठी और आशीष जोशी बने प्रोफेसर भोपाल, 1 नवंबर, 2010। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल की पिछले दिनों सम्पन्न महापरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। महापरिषद के अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुयी इस बैठक का सबसे बड़ा फैसला है मीडिया के लिए एक आचार संहिता बनाने का। इसके तहत विश्वविद्यालय मीडिया और जनसंचार क्षेत्र के विशेषज्ञों के सहयोग से तीन माह में एक आचार संहिता का निर्माण करेगा और उसे मीडिया जगत के लिए प्रस्तुत करेगा। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बीके कुठियाला के कार्यकाल की यह पहली बैठक है, जिसमें विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए महापरिषद ने अपनी सहमति दी और कहा है कि इसे मीडिया, आईटी और शोध के राष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। नए विभाग- नई नियुक्तियां- विश्वविद्यालय में शोध और अनुसंधान के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए संचार शोध विभाग की स्थापना की गयी है। जिसके लिए प्रोफेसर देवेश किशोर की संचार शोध विभाग में दो वर्ष के लिये प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति का फैसला लिया गया है। इस विभाग में मौलिक शोध व व्यवहारिक शोध के कई प्रोजेक्ट डॉ. देवेश के मार्गदर्शन में चलेंगें। प्रोफेसर (डॉ.) नंदकिशोर त्रिखा की दो वर्ष के लिये सीनियर प्रोफेसर पद पर नियुक्ति की गयी है। अगले दो वर्ष में डॉ. त्रिखा के मार्गदर्शन में मीडिया की पाठ्यपुस्तकें हिन्दी व अंग्रेजी में लिखी जाएंगी। इस काम को अंजाम देने के लिए विश्वविद्यालय में अलग से पुस्तक लेखन विभाग की स्थापना होगी। इसी तरह विश्वविद्यालय में प्रकाशन विभाग की स्थापना की गयी है। जिसमें प्रभारी के रूप में वरिष्ठ पत्रकार एवं पीपुल्स समाचार के पूर्व स्थानीय संपादक राधवेंद्र सिंह की नियुक्ति की गयी है, विभाग में सौरभ मालवीय को प्रकाशन अधिकारी बनाया गया है। अल्पकालीन प्रशिक्षण विभाग की स्थापना की गयी है, जिसके तहत श्री रामजी त्रिपाठी, केन्द्रीय सूचना सेवा (सेवानिवृत्त), पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक, प्रसार भारती (दूरदर्शन) की दो वर्ष के लिये प्रोफेसर के पद पर अल्पकालीन प्रशिक्षण विभाग में नियुक्ति की गयी है। श्री त्रिपाठी जिला और निचले स्तर के मीडिया कर्मियों के लिये प्रशासन में कार्यरत मीडिया कर्मियों के लिये व वरिष्ठ मीडिया कर्मियों के लिये प्रशिक्षण व कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे। इसी तरह श्री आशीष जोशी, मुख्य विशेष संवाददाता, आजतक की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग में प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति की गयी है। श्री आशीष जोशी, भोपाल परिसर में टेलीविजन प्रसारण विभाग में कार्यरत रहेंगे। टास्क कर्मचारियों को दीपावली का तोहफा- विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन पाने वाले लगभग 85 कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत वृद्धि करने का फैसला किया गया है। इसी तरह शिक्षकों के लिए ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश की व्यवस्था भी एक बड़ा फैसला है। अब तक विश्वविद्यालय में जाड़े और गर्मी की छुट्टी (अन्य विश्वविद्यालयों की तरह) नहीं होती थी। आपात स्थिति के लिये 10 करोड़ रूपये का कार्पस फंड बनाया गया है , जिसमें हर वर्ष वृद्धि होगी। शिक्षक कल्याण कोष की स्थापना भी की गयी है। इसके अलावा चार प्रोफेसर, आठ रीडर व आठ लेक्चरार (कुल 20) अतिरिक्त शैक्षणिक पदों का अनुमोदन किया गया है, जिसपर विश्वविद्यालय नियमानुसार नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगा। बनेगा स्मार्ट परिसरः विश्वविद्यालय के लिये भोपाल में 50 एकड़ भूमि पर ‘‘ग्रीन’’ व ‘‘स्मार्ट’’ परिसर बनाने के कार्यक्रम की शुरूआत की जाएगी। जिसके लिए भवन निर्माण शाखा की स्थापना भी की गयी है। आगामी दो वर्षों में टेलीविजन कार्यक्रम निर्माण, नवीन मीडिया, पर्यावरण संवाद, स्पेशल इफैक्ट्स व एनीमेशन में श्रेष्ठ सुविधाओं का निर्माण के लिए यह परिसर एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही आगामी पांच वर्षों में आध्यात्मिक संचार, गेमिंग, स्पेशल इफैक्ट्स, एनीमेशन व प्रकृति से संवाद के क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने की तैयारी है।इस बैठक में प्रबंध समिति के कार्यों व अधिकारों का स्पष्ट निर्धारण भी किया गया है। बैठक में महापरिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, कुलपति प्रो. बीके कुठियाला, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के कुलपति प्रो. रामराजेश मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार राधेश्याम शर्मा (चंडीगढ़), साधना(गुजराती) के संपादक मुकेश शाह, विवेक (मराठी) के संपादक किरण शेलार, सन्मार्ग- भुवनेश्वर के संपादक गौरांग अग्रवाल, स्वदेश समाचार पत्र समूह के संपादक राजेंद्र शर्मा, काशी विद्यापीठ के प्रोफेसर राममोहन पाठक, दैनिक जागरण भोपाल के संपादक राजीवमोहन गुप्त, जनसंपर्क आयुक्त राकेश श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सलाहकार अशोक चतुर्वेदी, विश्वविद्यालयय के रेक्टर प्रो.चैतन्य पुरूषोत्तम अग्रवाल, नोयडा परिसर में प्रो. डा. बीर सिंह निगम शामिल थे।


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मीडिया की आचार संहिता बनाएगा पत्रकारिता विश्वविद्यालय



-माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल की महापरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले
- डा. नंदकिशोर त्रिखा, प्रो. देवेश किशोर, रामजी त्रिपाठी और आशीष जोशी बने प्रोफेसर
भोपाल, 1 नवंबर, 2010। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल की पिछले दिनों सम्पन्न महापरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। महापरिषद के अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुयी इस बैठक का सबसे बड़ा फैसला है मीडिया के लिए एक आचार संहिता बनाने का। इसके तहत विश्वविद्यालय मीडिया और जनसंचार क्षेत्र के विशेषज्ञों के सहयोग से तीन माह में एक आचार संहिता का निर्माण करेगा और उसे मीडिया जगत के लिए प्रस्तुत करेगा। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बीके कुठियाला के कार्यकाल की यह पहली बैठक है, जिसमें विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए महापरिषद ने अपनी सहमति दी और कहा है कि इसे मीडिया, आईटी और शोध के राष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।
नए विभाग- नई नियुक्तियां- विश्वविद्यालय में शोध और अनुसंधान के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए संचार शोध विभाग की स्थापना की गयी है। जिसके लिए प्रोफेसर देवेश किशोर की संचार शोध विभाग में दो वर्ष के लिये प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति का फैसला लिया गया है। इस विभाग में मौलिक शोध व व्यवहारिक शोध के कई प्रोजेक्ट डॉ. देवेश के मार्गदर्शन में चलेंगें। प्रोफेसर (डॉ.) नंदकिशोर त्रिखा की दो वर्ष के लिये सीनियर प्रोफेसर पद पर नियुक्ति की गयी है। अगले दो वर्ष में डॉ. त्रिखा के मार्गदर्शन में मीडिया की पाठ्यपुस्तकें हिन्दी व अंग्रेजी में लिखी जाएंगी। इस काम को अंजाम देने के लिए विश्वविद्यालय में अलग से पुस्तक लेखन विभाग की स्थापना होगी। इसी तरह विश्वविद्यालय में प्रकाशन विभाग की स्थापना की गयी है। जिसमें प्रभारी के रूप में वरिष्ठ पत्रकार एवं पीपुल्स समाचार के पूर्व स्थानीय संपादक राधवेंद्र सिंह की नियुक्ति की गयी है, विभाग में सौरभ मालवीय को प्रकाशन अधिकारी बनाया गया है। अल्पकालीन प्रशिक्षण विभाग की स्थापना की गयी है, जिसके तहत श्री रामजी त्रिपाठी, केन्द्रीय सूचना सेवा (सेवानिवृत्त), पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक, प्रसार भारती (दूरदर्शन) की दो वर्ष के लिये प्रोफेसर के पद पर अल्पकालीन प्रशिक्षण विभाग में नियुक्ति की गयी है। श्री त्रिपाठी जिला और निचले स्तर के मीडिया कर्मियों के लिये प्रशासन में कार्यरत मीडिया कर्मियों के लिये व वरिष्ठ मीडिया कर्मियों के लिये प्रशिक्षण व कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे। इसी तरह श्री आशीष जोशी, मुख्य विशेष संवाददाता, आजतक की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग में प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति की गयी है। श्री आशीष जोशी, भोपाल परिसर में टेलीविजन प्रसारण विभाग में कार्यरत रहेंगे।
टास्क कर्मचारियों को दीपावली का तोहफा- विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन पाने वाले लगभग 85 कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत वृद्धि करने का फैसला किया गया है। इसी तरह शिक्षकों के लिए ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश की व्यवस्था भी एक बड़ा फैसला है। अब तक विश्वविद्यालय में जाड़े और गर्मी की छुट्टी (अन्य विश्वविद्यालयों की तरह) नहीं होती थी। आपात स्थिति के लिये 10 करोड़ रूपये का कार्पस फंड बनाया गया है , जिसमें हर वर्ष वृद्धि होगी। शिक्षक कल्याण कोष की स्थापना भी की गयी है। इसके अलावा चार प्रोफेसर, आठ रीडर व आठ लेक्चरार (कुल 20) अतिरिक्त शैक्षणिक पदों का अनुमोदन किया गया है, जिसपर विश्वविद्यालय नियमानुसार नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगा।
बनेगा स्मार्ट परिसरः विश्वविद्यालय के लिये भोपाल में 50 एकड़ भूमि पर ‘‘ग्रीन’’ व ‘‘स्मार्ट’’ परिसर बनाने के कार्यक्रम की शुरूआत की जाएगी। जिसके लिए भवन निर्माण शाखा की स्थापना भी की गयी है।
आगामी दो वर्षों में टेलीविजन कार्यक्रम निर्माण, नवीन मीडिया, पर्यावरण संवाद, स्पेशल इफैक्ट्स व एनीमेशन में श्रेष्ठ सुविधाओं का निर्माण के लिए यह परिसर एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही आगामी पांच वर्षों में आध्यात्मिक संचार, गेमिंग, स्पेशल इफैक्ट्स, एनीमेशन व प्रकृति से संवाद के क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने की तैयारी है।इस बैठक में प्रबंध समिति के कार्यों व अधिकारों का स्पष्ट निर्धारण भी किया गया है। बैठक में महापरिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, कुलपति प्रो. बीके कुठियाला, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के कुलपति प्रो. रामराजेश मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार राधेश्याम शर्मा (चंडीगढ़), साधना(गुजराती) के संपादक मुकेश शाह, विवेक (मराठी) के संपादक किरण शेलार, सन्मार्ग- भुवनेश्वर के संपादक गौरांग अग्रवाल, स्वदेश समाचार पत्र समूह के संपादक राजेंद्र शर्मा, काशी विद्यापीठ के प्रोफेसर राममोहन पाठक, दैनिक जागरण भोपाल के संपादक राजीवमोहन गुप्त, जनसंपर्क आयुक्त राकेश श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सलाहकार अशोक चतुर्वेदी, विश्वविद्यालयय के रेक्टर प्रो.चैतन्य पुरूषोत्तम अग्रवाल, नोयडा परिसर में प्रो. डा. बीर सिंह निगम शामिल थे।


-माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल की महापरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले
- डा. नंदकिशोर त्रिखा, प्रो. देवेश किशोर, रामजी त्रिपाठी और आशीष जोशी बने प्रोफेसर
भोपाल, 1 नवंबर, 2010। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल की पिछले दिनों सम्पन्न महापरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। महापरिषद के अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुयी इस बैठक का सबसे बड़ा फैसला है मीडिया के लिए एक आचार संहिता बनाने का। इसके तहत विश्वविद्यालय मीडिया और जनसंचार क्षेत्र के विशेषज्ञों के सहयोग से तीन माह में एक आचार संहिता का निर्माण करेगा और उसे मीडिया जगत के लिए प्रस्तुत करेगा। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बीके कुठियाला के कार्यकाल की यह पहली बैठक है, जिसमें विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए महापरिषद ने अपनी सहमति दी और कहा है कि इसे मीडिया, आईटी और शोध के राष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।
नए विभाग- नई नियुक्तियां- विश्वविद्यालय में शोध और अनुसंधान के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए संचार शोध विभाग की स्थापना की गयी है। जिसके लिए प्रोफेसर देवेश किशोर की संचार शोध विभाग में दो वर्ष के लिये प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति का फैसला लिया गया है। इस विभाग में मौलिक शोध व व्यवहारिक शोध के कई प्रोजेक्ट डॉ. देवेश के मार्गदर्शन में चलेंगें। प्रोफेसर (डॉ.) नंदकिशोर त्रिखा की दो वर्ष के लिये सीनियर प्रोफेसर पद पर नियुक्ति की गयी है। अगले दो वर्ष में डॉ. त्रिखा के मार्गदर्शन में मीडिया की पाठ्यपुस्तकें हिन्दी व अंग्रेजी में लिखी जाएंगी। इस काम को अंजाम देने के लिए विश्वविद्यालय में अलग से पुस्तक लेखन विभाग की स्थापना होगी। इसी तरह विश्वविद्यालय में प्रकाशन विभाग की स्थापना की गयी है। जिसमें प्रभारी के रूप में वरिष्ठ पत्रकार एवं पीपुल्स समाचार के पूर्व स्थानीय संपादक राधवेंद्र सिंह की नियुक्ति की गयी है, विभाग में सौरभ मालवीय को प्रकाशन अधिकारी बनाया गया है। अल्पकालीन प्रशिक्षण विभाग की स्थापना की गयी है, जिसके तहत श्री रामजी त्रिपाठी, केन्द्रीय सूचना सेवा (सेवानिवृत्त), पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक, प्रसार भारती (दूरदर्शन) की दो वर्ष के लिये प्रोफेसर के पद पर अल्पकालीन प्रशिक्षण विभाग में नियुक्ति की गयी है। श्री त्रिपाठी जिला और निचले स्तर के मीडिया कर्मियों के लिये प्रशासन में कार्यरत मीडिया कर्मियों के लिये व वरिष्ठ मीडिया कर्मियों के लिये प्रशिक्षण व कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे। इसी तरह श्री आशीष जोशी, मुख्य विशेष संवाददाता, आजतक की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग में प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति की गयी है। श्री आशीष जोशी, भोपाल परिसर में टेलीविजन प्रसारण विभाग में कार्यरत रहेंगे।
टास्क कर्मचारियों को दीपावली का तोहफा- विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन पाने वाले लगभग 85 कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत वृद्धि करने का फैसला किया गया है। इसी तरह शिक्षकों के लिए ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश की व्यवस्था भी एक बड़ा फैसला है। अब तक विश्वविद्यालय में जाड़े और गर्मी की छुट्टी (अन्य विश्वविद्यालयों की तरह) नहीं होती थी। आपात स्थिति के लिये 10 करोड़ रूपये का कार्पस फंड बनाया गया है , जिसमें हर वर्ष वृद्धि होगी। शिक्षक कल्याण कोष की स्थापना भी की गयी है। इसके अलावा चार प्रोफेसर, आठ रीडर व आठ लेक्चरार (कुल 20) अतिरिक्त शैक्षणिक पदों का अनुमोदन किया गया है, जिसपर विश्वविद्यालय नियमानुसार नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगा।
बनेगा स्मार्ट परिसरः विश्वविद्यालय के लिये भोपाल में 50 एकड़ भूमि पर ‘‘ग्रीन’’ व ‘‘स्मार्ट’’ परिसर बनाने के कार्यक्रम की शुरूआत की जाएगी। जिसके लिए भवन निर्माण शाखा की स्थापना भी की गयी है।
आगामी दो वर्षों में टेलीविजन कार्यक्रम निर्माण, नवीन मीडिया, पर्यावरण संवाद, स्पेशल इफैक्ट्स व एनीमेशन में श्रेष्ठ सुविधाओं का निर्माण के लिए यह परिसर एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही आगामी पांच वर्षों में आध्यात्मिक संचार, गेमिंग, स्पेशल इफैक्ट्स, एनीमेशन व प्रकृति से संवाद के क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने की तैयारी है।इस बैठक में प्रबंध समिति के कार्यों व अधिकारों का स्पष्ट निर्धारण भी किया गया है। बैठक में महापरिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, कुलपति प्रो. बीके कुठियाला, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के कुलपति प्रो. रामराजेश मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार राधेश्याम शर्मा (चंडीगढ़), साधना(गुजराती) के संपादक मुकेश शाह, विवेक (मराठी) के संपादक किरण शेलार, सन्मार्ग- भुवनेश्वर के संपादक गौरांग अग्रवाल, स्वदेश समाचार पत्र समूह के संपादक राजेंद्र शर्मा, काशी विद्यापीठ के प्रोफेसर राममोहन पाठक, दैनिक जागरण भोपाल के संपादक राजीवमोहन गुप्त, जनसंपर्क आयुक्त राकेश श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सलाहकार अशोक चतुर्वेदी, विश्वविद्यालयय के रेक्टर प्रो.चैतन्य पुरूषोत्तम अग्रवाल, नोयडा परिसर में प्रो. डा. बीर सिंह निगम शामिल थे।

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पत्रकारिता विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय प्रेस दिवस का आयोजन



भोपाल, 16 नवंबर,2010।माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में 16 नवम्बर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्यअतिथि मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष कैलाशचंद्र पंत तथा मुख्यवक्ता वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला ने की।
  इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता के सामने आज कई तरह की चुनौतियां हैं जिनसे युवा पत्रकारों को ही निपटकर रास्ता खोजना होगा। पत्रकारिता में मूल्यबोध की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता और मूल्यों की रक्षा से ही लेखन को सार्थकता मिलती है।
      साहित्यकार एवं चिंतक कैलाशचंद्र पंत ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ पत्रकारिता बहुत सक्षम तरीके से लड़ाई लड़ रही है। सामान्य सा पत्रकार भी अगर चाह ले तो सत्ता को सीधा संदेश दे सकता है। भ्रष्टाचार की कथाएं प्रायः पत्रकार ही सामने लेकर आते हैं। इससे समाज में पत्रकारिता के प्रति भरोसा जगता है, आरोपियों की नींद हराम होती है। उन्होंने कहा यह विश्वास हमने सालों की तपस्या से अर्जित किया है, उसे बचाए रखने की जरूरत है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला ने प्रेस कौंसिल को अधिकार संपन्न बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मीडिया के सामने आज चुनौतियां किसी भी समय से ज्यादा है। मीडिया में आचार संहिता की जरूरत को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इससे ही जनविश्वास और शुचिता की रक्षा हो सकेगी। प्रो. कुठियाला ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षाविदों, मीडिया कर्मियों और संचार क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ मिलकर आचार संहिता बनाने का काम करेगा और उसे मीडिया के विचारार्थ प्रस्तुत करेगा। संचालन विश्वविद्यालय के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने तथा आभार प्रदर्शन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर वर्किग जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा, रेक्टर प्रो. सी.पी. अग्रवाल, रजिस्ट्रार एस.के. त्रिवेदी, पुष्पेंद्रपाल सिंह, डा. पवित्र श्रीवास्तव, सौरभ मालवीय, डा. अविनाश वाजपेयी, डॉ. मोनिका वर्मा, डा. आरती सारंग, जया सुरजानी, लालबहादुर ओझा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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