शुक्रवार, 14 जनवरी 2011

राशिफल पृथ्‍वी की चाल बदली- 12 नहीं अब 13 राशियां!

पृथ्‍वी की चाल बदली- 12 नहीं अब 13 राशियां!

Vote this article
Up (33)
Down (75)
Ads by Google
Rs. 1500 Free Advertising  www.Google.com/AdWords
Start Running Your Own Ads Here. Fill Out the Form & We'll Help You!
न्‍यूयॉर्क। तारे अपनी चाल बदल चुके हैं। चंद्रमा का पृथ्‍वी की ओर गुरुत्‍वाकर्षण बल परिवर्तित हो रहा है, जिस वजह से सूर्य के सापेक्ष पृथ्‍वी की स्थितियां बदल चुकी हैं। और इसके परिणाम स्‍वरूप सभी राशियां बदल चुकी हैं। यही नहीं एक नई राशि उत्‍पन्‍न हो गई है, जिसका नाम है 'ओफियूकस'।

शायद आपको यह खबर पढ़ कर यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन प्रख्‍यात मैगजीन दि मिनेसोटा स्‍टार ट्रिब्‍यून की मानें तो आपको भी यकीन हो जाएगा। पत्रिका के मुताबिक बेबीलोन में निजाद की गई पद्धति के अंतर्गत हम सभी अब तक अपने सनशाइन यानी सूर्य राशियां देखते आ रहे थे, लेकिन चंद्रमा की ओर गुरुतवाकर्षण बल बढ़ने के कारण सितारों की स्थितियां बदल गई हैं। यही नहीं राशियों पर पूरे एक महीने का परिवर्तन आया है।

ऐसा होने से एक और नई राशि बन गई है, जिसका नाम ओफिकस रखा गया है। यह राशि वृश्चिक के बाद और धनु के पहले आएगी। बीच में आने से अब सभी राशियों की निर्धारित तिथियां बदल गई हैं।
  Read:  In English 
कर्क : 20 जनवरी से 16 फरवरी
कुंभ : 16 फरवरी से 11 मार्च
मीन : 11 मार्च से 18 अप्रैल
मेष : 18 अप्रैल से 13 मई
वृषभ : 13 मई से 21 जून
मिथुन : 21 जून से 20 जुलाई
कर्क : 20 जुलाई से 10 अगस्‍त
सिंह : 10 अगस्‍त से 16 सितंबर
कन्‍या : 16 सितंबर से 30 अक्‍तूबर
तुला : 30 अक्‍तूबर से 23 नवंबर
वृश्चिक : 23 नवंबर से 29 नवंबर
ओफियूकस : 29 नवंबर से 17 दिसंबर
धनु : 17 दिसंबर से 20 जनवरी

इस हिसाब से नई पद्धति आने के बाद अधिकांश लोगों की राशि बदल जाएगी। लेकिन हम आपको बता दें कि दुनिया के बड़े-बड़े 
ज्‍योतिष इस पर चर्चा में जुट गए हैं। फिलहाल अभी इस पर अंतिम निर्णय वैश्विक स्‍तर पर नहीं लिया गया है


दिल्ली पुलिस का नया वादा, अब होंगे वुमन फ्रेंडली पुलिस स्टेशन

Women
Vote this article
Up (1)
Down (0)
Ads by Google
Rs. 1500 Free Advertising  www.Google.com/AdWords
Start Running Your Own Ads Here. Fill Out the Form & We'll Help You!
नई दिल्ली। दिल्ली में महिलाओं के ऊपर होने वाले अपराधों का ग्राफ लगातार चढ़ता ही जा रहा है। ये भी तब है जब पिछले 15 सालों से दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का राज है। खैर इस तरह की वारदातों से साफ जाहिर है कि चाहे महिला हो या पुरुष इस जंग लगी शासन व्यवस्था में कोई भी देश के नागरिकों को भयमुक्त समाज नहीं दे सकता।

दिल्ली पुलिस पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते आखिरकार दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। पुलिस ने महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए गश्त लगाने के लिए और अधिक महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती का बात कही है।

पुलिस आयुक्त ने दिल्ली पुलिस के सालाना प्रेस सम्मेलन में कहा "तीन जिलों में तीन महिला उपायुक्त हैं और चार स्थानों पर महिला थाना प्रभारी (एसएचओ) हैं। हम उनकी संख्या और बढाएंगे।" उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय परिसरों में महिलाओं को अधिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए मोरिस नगर थाने का नाम बदलकर नॉर्थ कैम्पस थाना किया जाएगा और दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैम्पस के लिए भी एक पुलिस थाना शुरू किया जाएगा।

इसके अलावा महिला कॉलेजों के बाहर महिला पुलिस अधिकारी वैनों में सवार होकर गश्त लगाएंगी। गुप्ता ने बताया कि सभी थानों में महिलाओं की मदद के लिए एक हेल्पडेस्क होगी जहां महिला अधिकारी ही बैठेंगी। उनके मुताबिक, यात्री बसों में महिलाओं की सुरक्षा का ख्याल रखने के लिए अधिक महिला अधिकारियों को तैनात किया जाएगा। खासकर सुबह व शाम ऐसा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि साल 2010 में राजधानी दिल्ली में महिलाओं के साथ अपराध की घटनाओं में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई है।

अब सवाल ये उठता है कि जिस दिल्ली में महिला अधिकारी, पत्रकार, पुलिस से लेकर कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है, वहां कॉलेजों के आस-पास सुरक्षा मुहैया करा कर या मामूली गश्त बढ़ा कर इन अपराधों पर लगाम लगाया जा सकता है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं, नीचे बने 

दिल्ली : पुलिस अधिकारी ने की आत्महत्या, कारणों का पता नहीं

Vote this article
Up (13)
Down (0)
Ads by Google
Rs. 1500 Free Advertising  www.Google.com/AdWords
Start Running Your Own Ads Here. Fill Out the Form & We'll Help You!
नई दिल्ली। भारत की राजधानी इन दिनों जितना सर्दी से नहीं कांप रही है उससे कहीं ज्यादा वो अवसाद और अपराध के कारण थर-थरा रही है ताजा खबर के मुताबिक दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सामने विजय चौक पर गुरुवार को एक पुलिस उप निरीक्षक ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोलीमार कर आत्महत्या कर ली।

जानिए क्या है तेलंगाना?

पुलिस के अनुसार विजय चौक पर गुरुवार सुबह 7.30 बजे उप निरीक्षक अजित ने सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अजित को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ले जा गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। एक अधिकारी ने बताया, 'अजित के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। हम हत्या के कारणों को जानने की कोशिश कर रहे हैं।'
English summary

clear

दिल्ली वालों के पास सितारों को देखने की फुरसत नहीं: विद्या

Vidya Balan
Vote this article
Up (0)
Down (0)
Ads by Google
Flipkart.com - Books  www.flipkart.com/Books
Largest Range. Lowest Prices Free Home Delivery: All India
विद्या बालन ने अपनी फिल्म 'नो वन किल्ड जेसिका' की शूटिंग के दौरान दिल्ली का एक नया पहलू खोज निकाला है।

शूटिंग के लिए विद्या दिल्ली की भीड़ भरी सड़कों और पुरानी दिल्ली से भी गुजरीं लेकिन वह यह देखकर आश्चर्यचकित रह गईं कि यहां के लोगों की शूटिंग देखने में कोई दिलचस्पी नहीं है। विद्या कहती हैं कि मुम्बईवासियों की तरह दिल्लीवासी भी बेहद व्यस्त हैं।

देखें नो वन किल्ड जेसिका के प्रमोशन की तस्वीरें 
एक इंटरव्यू में विद्या ने कहा, "मैं हमेशा से सोचती थी कि मुम्बई की अपेक्षा दिल्ली में उतनी दौड़-भाग नहीं है लेकिन 'नो वन किल्ड जेसिका' की शूटिंग के दौरान मैंने देखा कि यहां भी लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वे आपको देखें।"

इस फिल्म में उन्होंने जेसिका की बहन सबरीना की भूमिका निभाई है। फिल्म के कई दृश्यों के लिए विद्या ने भीड़ भरे कनाट प्लेस और भीकाजी कामा प्लेस पर शूटिंग की।

वह कहती हैं कि उन्होंने हमेशा से सुना था कि मुम्बई को सितारों को देखने की आदत है लेकिन दिल्ली इसकी आदी नहीं है पर मुझे लगता है दिल्ली वालों को भी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। विद्या ने दिल्ली में लगभग डेढ़ महीना इस फिल्म की शूटिंग की।
E

नए साल पर रेप [^] -रेप के शोर से कांपी दिल्ली

Rape Victim
Vote this article
Up (0)
Down (0)
Ads by Google
Save 64% on Narita Hotels  www.JAPANiCAN.com/Select
JAPANiCAN Select hotels are your best bet for quality and price!
नई दिल्ली | नया साल हो या पुराना ना दिल्ली बदलेगी और ना ही दिल्ली में रहने वाले अपनी महिलाओं की सुरक्षा के लिए चेतेंगे। नये साल की शुरुआत में ही एक 17 साल की नाबालिग लड़की के साथ हुए रेप ने इस बात की चीख-चीख कर पुष्टि कर दी है कि दिल्ली में महिलाओं के शिकारी बसते हैं और भारत [^] की राजधानी दिल्ली महिलाओं के प्रति होने वाले एक से बढ़ कर एक कुकर्मों की साक्षात गवाह है।

दक्षिणी पूर्वी दिल्ली स्थित द्वारका में एक 17 साल की नाबालिग लड़की के साथ नये साल में रेप हो गया। कुकर्म करने के बाद अपराधियों ने लड़की को निर्दयतापूर्वक मौत के घाट उतार दिया। लड़की अपने दोस्तों के साथ नये साल की पार्टी करने घर से बाहर गई थी। लड़की का मृत शरीर द्वारका सेक्टर 9 से लगे दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्रपोरेशन की खाली जमीन पर मिला। हत्यारों ने शव की पहचान [^] मिटाने के लिए लड़की का चेहरा पत्थर से कुचल दिया।

पुलिस के मुताबिक लड़की ने अपने भाई को बताया था कि वह दोसेतों के साथ बाहर पार्टी पर जा रही है। पुलिस ने इस मामले में अब तक दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि शायद लड़की बलात्कारी को जानती थी। लड़की की लाश शाम 3.30 बजे एक राहगीर ने देखी और पुलिस को सूचित किया।
English

आठ साल की हुई 'Delhi Metro'

Vote this article
Up (8)
Down (0)
Ads by Google
शेयर बाजार  ShareKhan-FirstStep.com
स्टॉक मारकेट की एक्सपर्ट सलाह.
नई दिल्ली। राजधानी की सवारी यानी दिल्ली की मैट्रो का आज जन्मदिन है, आज वो आठ साल की हो गई है। जीं हां पाठकों तेजी से दिल्ली की लाईफ-लाईन का रूप अख्तियार कर रही दिल्ली मेट्रो ने शुक्रवार को अपने आठ वर्ष पूरे कर लिए। मेट्रो से प्रतिदिन करीब 16 लाख लोग सफर कर रहे हैं और इस संख्या में और इजाफा करने के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की योजना है। मैट्रो का सारा श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है जिन्होंने 24 दिसम्बर 2002 को पहली दिल्ली मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

पढ़े : दिल्ली मेट्रो में महिलाओं ने की पुरुष यात्रियों की पिटाई 

आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने द्वारका-नोएडा और द्वारका-आनंद विहार रूट पर छह कोच की दो मेट्रो चलाने का निर्णय लिया है। डीएमआरसी के मुताबिक इस कदम के बाद यात्रियों को भारी भीड़ से कुछ राहत मिलेगी। दो अतिरिक्त कोच जुड़ने से 600 अतिरिक्त यात्री सफर कर सकेंगे।

चार कोच की एक ट्रेन में कुल 1,200-1,500 लोग यात्रा करते हैं जबकि छह कोच वाली ट्रेन में 1,800-2,100 लोग सफर कर सकेंगे। गौरतलब है कि वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 16 लाख यात्री मेट्रो से सफर कर रहे हैं और ऐसी उम्मीद है कि छह कोच वाली मेट्रो की शुरुआत के बाद यात्रियों की संख्या प्रतिदिन 25 लाख तक पहुंच जाएगी।
English summary


हरियाणा में तेजी से बढ़ा 'बहु' खरीदने का कारोबार

Vote this article
Up (7)
Down (0)
Ads by Google
Invest in Share Market  AxisDirectOnlineTrading.in
Axis Direct Offers Advanced Alerts & Tool to help you Trade Better.
सिरसा। नंबर वन हरियाणा दूसरे राज्यों से बीवी लाने में भी आगे निकलता नजर आ रहा है, क्योंकि राज्य में उड़ीसा, बंगाल, बिहार, आसाम, केरल, कर्नाटक, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश से बहुओं की संख्या लाने में निरंतर वृद्धि हो रही है। प्रदेश के हर छोटे बड़े शहरों में कुकरमुत्तों की तरह बढ़ रही मैरिज ब्यूरों की संख्या में रिश्ते कम तथा बहुओं की खरीदों-फरोक्त का कारोबार ज्यादा हो रहा है।


देशभर के विभिन्न विभिन्न राज्यों से लड़कियों की खरीद बेच करने वाले नेटवर्क ने हरियाणा तथा पंजाब प्रदेश में अपनी जड़े मजबूत कर ली है। इस नेटवर्क से जुड़े लोग उच्च, मध्यम तथा निम्र वर्ग में जीवन गुजार रहे परिवारों से संपर्क बढ़ाकर उन्हे मोल की बहू दिलवाने में अहम भूमिका निभाते है।


सामाजिक नियमों, परंपराओं की दुहाई देने वाले हरियाणा की वर्तमान स्थिति है कि प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में अन्य राज्यों की खरीद कर लाई गई लड़कियां जीवन संगनी बन चुकी है और बन रही है। सरकारी दावे भले ही लड़की के जन्मदिन पर 'कुआं पूजन' का प्रचार प्रयास कर रहे है, मगर वास्तविकता यह है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्र स्तर तक भ्रूण हत्या का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा।


वर्तमान में 15000 ये ज्यादा ऐसी लड़किया बहूं बनी है, जिन्हे भिन्न-भिन्न राज्यों से खरीदा गया है। लड़कियों की इस प्रकार की खरीद फरोक्त में पहले से शादी कर चुके लोगों के रिश्तेदार, मैरिज ब्यूरों, दोस्त, परिचित, पड़ोसी व ट्रक डाइवरों के अतिरिक्त दलाल शामिल है।


प्रदेश में पुत्र की चाह के पीछे लड़के को सहारा मानने की सदियों पुरानी मानसिक प्रवृति के चलते गर्भ में प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण उपरांत गर्भपात धड़ल्ले से चल रहा है। अन्य राज्यों से बहुंए लाने वाले 318 लोगों पर किए गए एक सर्वे से पता चला है कि लगभग 34 प्रतिशत ने इच्छानुसार, 12 प्रतिशत ने रिश्ता न होने तथा शेष ने विवशत वश बहु लाने का रास्ता चुना है।

Vote this article
Up (15)
Down (1)
Ads by Google
AxisDirect Trading A/c  AxisDirectOnlineTrading.in
Our Intelligent Trading allows you to know Capital Gains before Trade.
वेश्यावृति छोड़कर तीन लड़कियां बनी शुभदेवियां
सिरसा। हरियाणा [^] के सिरसा जिले में तीन लड़कियां वेश्‍यावृत्ति को त्‍यागने में कामयाब [^] हुईं। उनकी इस कामयाबी [^] पर डेरा सच्‍चा सौदा ने उन्‍हें 'शुभदेवी' की उपाधि देते हुए उनकी शादी करवायी, वो भी डेरा सच्‍चा के 'भक्‍त योद्धा' की उपाधि प्राप्‍त युवकों से करवायी। यह पावन कार्य डेरा सच्‍चा के संस्थापक बेपरवाह मस्ताना महाराज के जन्मदिवस पर किया गया।


संस्‍थापक का जन्‍मदिवस सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। सत्संग के दौरान डेरा सच्चा सौदा संत गुरमीत राम रहीम सिंह ने वेश्यावृति त्याग कर आने वाली तीन लड़कियों 'शुभदेवियों' की शादियां करवाई। संत जी ने 'शुभदेवी' की उपाधि से नवाजी गई वेश्यावृति त्यागकर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने वाली तीन युवतियों की शादी 'भक्त योद्धा' की उपाधि से अलंकृत युवाओं से करवाई।


गुरू जी ने जहां शुभदेवियों को अपनी बेटी माना वहीं उन्हे अपनी और से 25-25 हजार रूपए के चैक भी भेंट करते हुए उन्हे सुखमय वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्रदान किया। शुभदेवी-भक्तयोद्धा को कपड़े और घरेलू सामान के साथ साथ डेरा सच्चा सौदा के शाही परिवार के सदस्यों ने भी 21-21 हजार रूपए भेंट किए। वेश्याओं के कल्याण के लिए डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाई गई इस मुहिम में एक और मील पत्थर स्थापित हुआ जब एक भक्त योद्धा ने शुभदेवी को अपना जीवनसाथी बनाने के साथ साथ उसकी बेटी को भी अपनी बेटी की तरह अपनाया।


उल्लेखनीय है कि डेरा सच्चा सौदा द्वारा वेश्याओं के कल्याण के लिए बीते जनवरी माह से अनोखी मुहिम चलाई, जिसमें वेश्यावृति त्यागकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने वाली लड़कियों को अपना कर उनकी संपूर्ण चिकित्सीय जांच करवाकर उनकी शादियां करवाई गई। गुरू जी ने उन लड़कियों को अपनी बेटी माना है तथा उन्हे 'शुभदेवी' की संज्ञा दी तथा उन लड़कियों को अपनाने वाले युवाओं को 'भक्तयोद्धा' की उपाधि दी है। अब तक हजारों संभ्रात परिवारों से जुड़े पढ़े लिखे युवा गुरू जी के आह्वान पर इन युवतियों को अपने जीवन साथी के रूप में अपनाने के लिए आगे आ चुके है। इन शादियों के दौरान लड़के व लड़की दोनो कीपहचान [^] पूर्णत गोपनीय रखी जाती है। अब तक डेरा सच्चा सौदा वेश्वावृति के दलदल से निकली 10 लड़कियों की विवाह कर
वा चुका है। 
प्रस्तुति- सीपिका सक्सेना, श्वेता शुक्ला, पूणिमा तिवारी, अजब सिंह भाटी सुमित  



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें