अनामी
शकण बबल रिपोर्ट (1 से 3)
मातृभारती
1
अजब
गजब जानकारी
1. फ्रांस इस संसारका एकमात्र ऎसा देश है, जहां पर एक
भी मच्छर नहीं होता या पाया जाता हैं।
2. घरेलू
मक्खी से करीब 30 तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
3. दुनिया भर
में लगभग 5000 भाषाएं एवं बोलियां बोली जाती हैं।
4. एक वर्ष में मनुष्य करीब 5 हजार
479 बार हंसता है।
5 घोंघा में सबसे अधिक समय करीब 12 घंटे तक सेक्स
में लीन होने की क्षमत्ता है।
6. "सिंग नाइट चूं" (चीन) शहर में एक साथ पांच सूर्य
दिखते हैं।
7
. नार्वे देश में सूरज आधी रात में चमकता है।
8. हाथी के नवजात शिशु का वजन 100 से 120
किलोग्राम होता है।
9. नीली व्हेल की सीटी की आवाज सभी जानवरों में सबसे तेज
होती है।
10.
घोंघा तीन साल तक सो सकता है
11.
एक औसत व्यक्ति का वजन 1 लाख 44 हजार डाक
टिकटों के वजन के बराबर होता है।
2 सेक्स की
अजब गजब प्रथा और कानून
1 कोलम्बिया के कैली में एक सेक्स कानून के तहत कोई भी महिला केवल अपने पति के साथ ही सेक्स कर सकती है। किसी दूसरे से सेक्स संबंध के आरोस में महिला और पुरूष को सामाजिक तौर पर बहिष्कार की सजा दी जाती है। शादी के बाद दुल्हे को ससुराल में ही सुहागरात में पहली बार सेक्स के दौरान उसकी मां यानी अपनी सास का भी उस कमरे में होना अनिवार्य होता है।
2 बोलीविया में स्थित सांताक्रूज का एक सेक्स कानून ऎसा है जिसमें किसी भी पुरूष को किसी भी महिला और उसकी बेटी के साथ भी एक साथ सेक्स करने की इजाजत है।
3. इंग्लैंड के लीवरपुल में सेक्स को लेकर कानून...के तहत ट्रोपीकल फिश स्टोर में टॉपलेस लडकियों को ही शॉपकीपर बनाया जाता है। जहां पर लोगों की मांग पर सेक्स की अनुमति होती है।
4. हांगकांग का यह कानून चौकानें वाला है। जिसमें अगर कोई भी पत्नी अपने पति को रंगे हाथो किसी और लडकी से पकडती है तो उसे कानून की तरफ से अपने पति को जान से मारने की भी पूरी छूट है।
5. गुआम के एक अजीब कानून के अनुसार दो आदमियों को ऎसी नौकरी दी गई है जिसमें काम के तहत उन्हें जवान और वर्जन लडकियों के साथ केवल सेक्स करना होता है। क्योंकि वहां पर वर्जन लडकियों से शादी करने की इजाजत नहीं है।
6. इंडोनेशिया का यह कानून तो बहुत ही अजीब है जिसमें तहत हस्तमैथुन (मास्टरबेशन) करना एक दंडनीय अपराध है। इंडोनेशिया में 15 साल के बाद हर माह अस्पताल में स्पर्म चेक कराना पडता है। डॉक्टरों के निगेटिव रिपोर्ट पर पहले चेतावनी रबाद में एक दिन के ले जेल भेजा जाता है।
7. मुस्लमानों का किसी भी लाश के गुप्तांग को देखने पर रोक है।
8. बहरीन के डॉक्टर कानूनी तौर महिला के जननांगों की जांच कर सकते हैं।
9. लेबनान में कानूनन किसी भी पुरूष को पशुओं के साथ सेक्स करने की इजाजत है। लेकिन वह ऎसा केवल मादा पशु के साथ हीकर सकता हैं। लेकिन अगर वह किसी नर पशु के साथ ऎसा करते पकडे जाते हैं तो उन्हें मौत तक की सजा दी जा सकती है।
10. मध्य पूर्वी देशों में इस्लामिक कानून के तहत अगर कोई भी शख्स किसी भेड के साथ सेक्स करता है तो वह कभी उसे खा नहीं सकता।
अनामी रिपोर्ट-2
तवायफ जीवन से मुक्ति के लिए श्मसान में डांस
काशी का मणिकर्णिका घाट को सदियों से
मौत और मोक्ष का मुक्ति स्थल है। यहां की आग कभी ठंडी नहीं पडती। मगर चैत्र
नवरात्र के आठवें दिन जलती चिताओं के करीब
सैकडों
तवायफें रात भर नाचती है। तमाम
तवायफें तवायफ जीवन से मोक्ष हासिल करने के लिए ही रात भर नाचती है, तांकि अगले
जन्म में ये तवायफ
न बने। लोक मान्यता है कि अगर इस रात ये
जी भर के नाचेंगी तो
फिर अगले जन्म में ये तवायफ नहीं होंगी। श्मशान के बगल के शिव मंदिर में काशी समेत
आस पास के शहरों की हजारों तवायफें इकट्ठा होकर रात भर नाचती हैं। श्मशान के सन्नाटे के
बीच तवायफों के डांस की परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है। कहा जाता है कि सैकड़ों साल पहले
राजा मान सिंह द्वारा बनाए
गए इस बाबा मशाननाथ के दरबार में उस समय के
जाने-माने नर्तकियों और कलाकारों को बुलाया गया था लेकिन ये
मंदिर श्मशान
घाट के बीच में होने से तमाम कलाकारों ने
कला का जौहर दिखाने
से मना कर दिया था.। इस रात के डांस को उसी शाप से मुक्ति का एक साधन माना
जाता है।
समुद्र में तैरता मछुआरों का अनोखा गांव
चीन
में एक गांव ऐसा है, जो समुद्र
पर बसा है। यहां तकरीबन 7,000 मछुआरे
बसते हैं।स्थानीय इन्हें टंका कहते हैं। समुद्री मछुआरों का यह गांव, दक्षिणपूर्व चीन के फुजियान प्रांत में
निंग्डे शहर के पास तैर रहा अनोखा गांव है। टंका को ‘जिप्सी ऑन द सी’ नाम से भी जाना जाता है। चीन में 700 ईस्वी में तांग राजवंश का शासन था। तब शासकों ने
इस जनजाति के लोगों को इतना प्रताड़ित किया कि उन्होंने समुद्र पर ही रहना मंजूर
कर लिया और 1300 से भी ज्यादा
साल बीत जाने पर भी टंका समुदाय अपने परिजनों के साथ परंपरागत मकानों में रह रहे
हैं। इनका जीवन आज भी समुद्र के उपर तैरते घरों व मछलियों
के शिकार में ही बीतता है।
इलाज
के नाम लातमार इलाज
एक
कहावत है कि लातों के भूत बातों से नहीं भागते, ..मगर लातों को ही इलाज का जरिया
बनाकर मरीजों को लात-घूँसों से इलाज
किया जाता है। आस्था और अंधविश्वास की के नाम पर इलाज का यही
अजीबोगरीब तरीका
छत्तीसगढ़ के मनसाराम निसाद नामक एक कथित नीम हकीम मरीजों को लात, घूँसे और थप्पड़
मारकर इलाज करता है। छत्तीसगढ़
की राजधानी रायपुर से लगभग 75 किलोमीटर दूर
और लाड़ेर गाँव में रोजाना सैकड़ों लोग लातों से मार खाकर अपना इलाज कराते हैं। इलाज के नाम पर बीमार लोगों को
मनसाराम लातें, थप्पड़ मारना
शुरू करता है और लाइन में लगे मरीज पीटने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते है। मनसाराम का दावा है कि वह किसी भी तरह की लाइलाज
बीमारी को ठीक कर सकता है। उसका कहना है कि पहले वह एक किसान था, लेकिन तीन साल पहले माँ ने स्वप्न में दर्शन
देकर लोगों के दु:ख-दर्द ठीक करने का आदेश दिया। बस तभी से अजीबोगरीब लातमार इलाज का यह
सिलसिला जारी
है। मनसाराम सारा इलाज निःशुल्क करते हैं लेकिन
उन्हें खासा चढ़ावा मिल जाता है। फिर उनके पास मरीज को इलाज के लिए तीन बार जाना
होता है।
काली
का अवतार
कानपुर
के बलरामपुर गांव में जन्मी एक नवजात बच्ची की मौत के बाद लोगों ने उसे मां काली
का रूप
दे दिया.है। इस बच्ची की गर्दन से ऊपर का हिस्सा काला और नीचे का हिस्सा साफ था. अब उसके दर्शन के लिए
दूर-दूर से लोग आ रहे हैं और पैर छूकर आशीर्वाद ले रहे हैं.
गांव
में रहने वाले छोटेलाल की बेटी कृष्णा ने बच्ची को जन्म दिया था. नवजात बच्ची का
चेहरा काला
और गर्दन के नीचे का हिस्सा साफ था. बच्ची की आंखें बड़ी-बड़ी थीं. इसके अलावा नाक और मुंह का आकार भी
सामान्य से बड़ा था. उसकी जीभ भी बाहर निकली हुई थी.
जन्म
के करीब आधे घंटे तक बच्ची जिंदा थी, उसके बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया. वहीं, कृष्णा के चाचा
ने बताया कि जैसे ही गांव के बड़े-बुजुर्गों को इस बात की जानकारी हुई तो सबो ने
माना कि बच्ची के रूप में यह मां काली का अवतार है. ।
देखते ही देखते मां काली के रूप
में बच्ची के जन्म लेने की बात पूरे गांव में फैल गई. लोगों के
तेल्हाडा
में है बिहार का सबसे पुराना विवि
नालंदा
जिले के तेल्हाड़ा गांव में मिले विश्वविद्यालय के अवशेष से पता चला है कि यह
नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय से भी प्राचीन है।
यह विश्वविद्यालय महाविहार पहली शताब्दी
में अस्तित्व में था, जबकि नालंदा चौथी और विक्रमशिला सातवीं शताब्दी का है।
बिहार के पुरातत्व निदेशालय को खुदाई में
प्राप्त महाविहार की मुहर (मोनास्टी सील) के आधार
पर
विभाग ने दावा किया कि यह प्रमाणित हो गया है कि यह राज्य का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है। इतिहास का नया पन्ना
खुल गया है। कोलकाता विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डा. एस सान्याल ने पाली लिपि में सील
पर अंकित अक्षरों को पढ़कर इसका नाम बताया है। इस विश्वविद्यालय का नाम तिलाधक,
तेलाधक्य या तेल्हाड़ा नहीं बल्कि श्री
प्रथम शिवपुर
महाविहार
है। यह हमारे लिए एक नया तथ्य और नई उपलब्धि है। वर्ष 2009 से ही
पुरातत्व
निदेशक डा. अतुल कुमार वर्मा के नेतृत्व में खुदाई का काम चल रहा था।
रात
में नहीं होती शादियां
शादियों
में लोग शान-ओ-शौकत दिखाने के लिए कर्ज लेने तक से नहीं हिचकते हैं। ऐसे
लोगों के
लिए
गाजियाबाद जिले का गांव अटौर किसी मिसाल से कम नहीं है। अटौर के लोग फिजूलखर्ची
से
बचने के लिए दिन में शादी समारोह का आयोजन करते हैं। इतना ही नहीं इस गांव में
दहेज
लेने
की भी परंपरा नहीं है। इस
गांव में यह परंपरा 20 साल से
कायम है। यहां दिन में ही शादी की सभी रस्म पूरी की जाती है। यहां के लोग रात के समय होने वाली शादियों
में सजावट और आतिशबाजी को फिजूलखर्ची मानते हैं। और पूरेगांव में दिन की रौशनी में
ही विवाह की परमपरा चली आ रही है। यहां की शादियों में सुबह 10 बजे के करीब बारात आती है और शाम होते-होते
दुल्हन विदा हो जाती है।
--अनामी
रिपोर्ट 3------------------------------------------------------------ट
लड़कों
पर रोक तो औरतों को केवल आजादी
समाज में आमतौर पर पुरूषों को आजादी और
महिलाओं को बहुत सारी बंधनों और लोक लाज लिहाज के पर्दे में रहना होता है। मगर साउथ
अफ्रीका के नाइजर के पास रहने वाली तुआगो जनजाति में मामला बिल्कुल उल्टा है। यहां
महिलाओं को हर प्रकारकी सेक्स संबंध की मंजूरी है। उसको अपने मन से शादी करने या ना करने
की भी छूट है। उनकी आजादी में ये भी शामिल है कि वो शादीशुदा जिंदगी के बावजूद किसी और पुरुष से संबंध भी रख
सकती हैं। महिला प्रधान समाज में पुरुषों को महिलाओं का काफी सम्मान भी करना होता है।
यहीं का नियम है जवान होते लड़कों को शादी होने तक अपना चेहरा समाज से छिपाकर रखना होता है। तुआगो जनजाति में शादियां और आए-दिन तलाक काफी आम है। यहां तो तलाक मिलने पर पत्नी के घरवालों का जश्न और मर्दोके यहां मातम मनाया जाता है। यही नहीं तलाकशुदा पतियों को यहां महिलाएं कम ही भाव देती हैं। तुआरेग जनजाति में कभी शादीशादी ना करने वाली महिलाओं को सम्मान से देखा जाता है, जबकि अविवाहित या तलाकशुदा मर्दो को हिकारत के साथ देखा जाता है।
यहीं का नियम है जवान होते लड़कों को शादी होने तक अपना चेहरा समाज से छिपाकर रखना होता है। तुआगो जनजाति में शादियां और आए-दिन तलाक काफी आम है। यहां तो तलाक मिलने पर पत्नी के घरवालों का जश्न और मर्दोके यहां मातम मनाया जाता है। यही नहीं तलाकशुदा पतियों को यहां महिलाएं कम ही भाव देती हैं। तुआरेग जनजाति में कभी शादीशादी ना करने वाली महिलाओं को सम्मान से देखा जाता है, जबकि अविवाहित या तलाकशुदा मर्दो को हिकारत के साथ देखा जाता है।
मलाजपुर - बैतूल - यहां हर साल लगता है 'भूतों का मेला'
हमारा देश मेलों का
देश कहलाता है। हर
साल देश भर में हज़ारों मेले
लगते है। लेकिन मध्यप्रदेशके बैतूल जिले
से करीब 45 किलोमीटर दूर चिचौली तहसील
के गांव मलाजपुर में हर साल 'भूतों
का मेला' लगता है। जो क माह तक चलता
है। ऐसी मान्यता है कि 1770 में
गुरु साहब बाबा नाम के एक संत ने
यहां जीवित समाधि ली थी। संत चमत्कारी थे और भूत-प्रेत को वश
में कर लेते थे। बाबा की याद में
ही हर
साल यहाँ मेला लगता है
मेले में आने वाले भूत-प्रेत के साये से प्रभावित लोग समाधि स्थल की उल्टी परिक्रमा लगाते हैं। यहां पहुंचने वालों में ग्रामीणों की संख्या बहुत अधिक होती है। उल्लेखनीय है कि मप्र के कई आदिवासियों खासकर गोंड, भील एवं कोरकू जनजातियों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी से टोटका, झाड़ फूंक एवं भूतप्रेत-चुड़ैल सहित अनेक ऐसे रीति-रिवाज निवारण प्रक्रिया चली आ रही है। बैतूल आदिवासी बाहुल्य जिला है। मान्यता है कि, पीड़ित लोग जब इस झंडे की परिक्रमा करते हैं, तो बुरी छाया समीप के बरगद पर जाकर बैठ जाती है।
भानगढ़ का किला, राजस्थान
यह भारत की मोस्ट हॉन्टेड जगह है। यह राजस्थान के अलवर
जिले में है, जहां डर के मारे लोग शाम
अंधेरा होने के बाद और सुबह से पहले नहीं जाते हैं। रात में कुछ घटनाओं के बाद आर्कियोलॉजिकल
सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने भी यहां
साइन बोर्ड लगाकर चेतावनी दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि
इस किले में जो
भी रात में गया, वह
कभी फिर वापस नहीं आया। भानगढ़ को अकबर के सेनापति मान सिंह के छोटे भाई माधो सिंह के बेटे
भगवंत सिंह ने बसाया था। इस महल के
भूतिहा होने के पीछे राजकुमारी रत्नावती और तांत्रिक सिंधु
सेवदा की एक तरफ़ा
प्रेम कहानी को बताया जाता है। भूतहा महल के तौर पर विख्यात
होने के चलते यह महल राज्य सरकार के लिए भी बोझ सा हो गया है।
रावण का जन्मस्थान बिसरख नोएडा
न रामलीला न रावण दहन है यहां रावण मंदिर
दहन क्यों नहीं
दिल्ली के समीप नोएडा के गांव बिसरख को रावण का ननिहाल
माना जाता है। अपने ननिहाल में जन्में रावण को लेकर पूरे गांव में श्रद्धा है।
यहां न रामलीला का आयोजन होता है न रावण दहन किया जाता है.। कहा डाता है कि कोई 60 साल पहले इस गांव में पहली बार रामलीला
का आयोजन किया गया और उसी दौरान गांव में
एक मौत हो गई । जिससे रामलीला अधूरी रही। ग्रामीणों
ने फिर दोबारा रामलीला का आयोजन कराया, तो रामलीला के एक
पात्र की मौत
हो गई। फिर लीला पूरी नहीं हो सकी। तब से गांव में रामलीला का आयोजन कभी नहीं किया जाता और न ही रावण का पुतला जलाया जाता है।
अब तक मिल चुके 25 शिवलिंग
ग्रेटर
नोएडा से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिसरख गांव का जिक्र शिवपुराण में भी है। कहा जाता है कि त्रेता युग में इस गांव में ऋषि विश्रवा का जन्म हुआ था। इसी गांव में उन्होंने शिवलिंग की स्थापना की थी। उन्हीं के घर में रावण का जन्म हुआ था। अब तक इस गांव में 25 शिवलिंग मिल चुके हैं, एक एक शिवलिंग की गहराई इतनी है कि खुदाई के बाद भी उसका कहीं छोर नहीं मिला है। ये सभी अष्टभुजा के हैं। इसी गांव में रावण की पूजा से खुश होकर शिव ने उसे बुद्धिमान और पराक्रमी होने का वरदान दिया था। परंपरा के मुताबिक इस गांव के लोग दशहरा तो मनाते हैं, लेकिन
रावण दहन नहीं किया जाता। बिसरख के नागरिकों
का मानना है कि रावण बुद्घिमानी और राजनैतिक चतुराई का प्रतीक था। उसने अपनी चतुराई से शिव से लंका छीन ली थी। गांव में रावण को लेकर घृणा का भाव
नहीं है. दहन के दिन तो गांव में आजी मातम मनाया जाता है।
लिंग संग्रहालय
जिराफ
का लिंग
आइसलैंड की
राजधानी रेक्जाविक का आइसलैंडिक फैलोलॉजिकल म्यूजियम' अपने
आप में अनोखा है क्योकि इसमें दुनिया का इकलौता लिंग संग्रहालय है। जहाँ मछलियो, जानवारों से लेकर इंसानो तक के लिंग (जननांग) का विशाल संग्रह किया गया है। इस लिंग म्यूज़ियम की स्थापना आइसलैंड के एक
निवासी सिगरदर
जारटार्सन ने 1997 में
की थी। इसमें नाना प्रकारके 11 हजार से अधिक लिंग संग्रहित है.
.
इस म्यूज़ियम मे साल भर मे औसतन 11000 विज़िटर आते है।
. यहाँ आने वाले विज़िटर्स मे से 60 % महिलाये होती है। जो इस बात को प्रमाणित करती है कि विपरीत लिंग के प्रति हमेशा ज्यादा आकर्षण रहता है।
. यहाँ आने वाले विज़िटर्स मे से 60 % महिलाये होती है। जो इस बात को प्रमाणित करती है कि विपरीत लिंग के प्रति हमेशा ज्यादा आकर्षण रहता है।
. एक
जर्मन आदमी ने इस म्यूज़ियम को ख़रीदने के लिए 232000
$ का प्रस्ताव दिया था।
. एक अन्य बिज़नेसमैन ने इसे लंदन मे शिफ्ट करने का प्रस्ताव रखा था।
दोनों ही प्रस्ताव जिसे फिलहाल जारटार्सन ने निरस्त कर दिये है।
. एक अन्य बिज़नेसमैन ने इसे लंदन मे शिफ्ट करने का प्रस्ताव रखा था।
दोनों ही प्रस्ताव जिसे फिलहाल जारटार्सन ने निरस्त कर दिये है।
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