रविवार, 4 अक्टूबर 2015

बुलेट बाबा



  

प्रस्तुति- मेहर स्वरूप

 

सकुशल यात्रा कि मन्नत

आप सब ने अपने जिंदगी में बहुत से मंदिरो में कई भगवानों कि पूजा कि होगी लेकिन शायद आप में से अधिकतर ने कभी किसी मंदिर में बाइक कि पूजा नहीं कि होगी। आज हम आपको राजस्थान के पाली जिले में स्तिथ एक ऐसे स्थान के बारे में बता रहे है जहाँ कि सकुशल यात्रा के लिए Royal Enfield Bullet 350 बाइक कि पूजा कर दुआ मांगी जाती हैं। यह हैं बुलेट बाबा का मंदिर ( Bullet Baba's Temple ) या ओम बना (Om Banna ) का स्थान।
Om Bana
बुलेट बाबा का मंदिर या ओम बना (Om Banna ) का स्थान जोधपुर से 50 किलो मीटर दूर जोधपुर - पाली हाईवे पर चोटिला गाँव के समीप स्तिथ हैं।  यहाँ पर एक पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर ओम बना (Om Banna )  कि बड़ी सी फ़ोटो लगी हुई हैं, इसके सामने एक अखंड ज्योत जलती रहती हैं।  पेड़ से कुछ दुरी पर बुलेट 350 बाइक खड़ी हैं। इस रूट से गुजरने वाला हर वाहन चालक यहाँ पर शीश झुकाकर ही आगे बढ़ता हैं।

Naugaja Peer ( नौगजा पीर ) :- जहा चढ़ावे में चढ़ती है घड़ियाँ
Bullet Bike at Bullet Baba Temple

ओम बना कि कहानी ( Story of Om Banna ):-
ओम बना ( ओम सिंह राठौड़ ) पाली शहर के पास ही स्थित चोटिला गांव के ठाकुर जोग सिंह जी राठौड़ के पुत्र थे।  ओम बना (Om Banna ) का 1988 में अपनी बुलेट बाइक से जाते वक़्त इसी स्थान पर इसी पेड़ से टकराकर निधन हो गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार इस स्थान पर हर रोज कोई न कोई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाया करता था जिस पेड के पास ओम सिंह राठौड़ की दुर्घटना घटी उसी जगह पता नहीं कैसे कई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते यह रहस्य ही बना रहता था | कई लोग यहाँ दुर्घटना के शिकार बन अपनी जान गँवा चुके थे | 
Mahatma Gandhi Temple in Sambalpur Orissa
Om Bana

ओम सिंह राठोड  (Om Banna ) की दुर्घटना में मृत्यु के बाद पुलिस ने अपनी कार्यवाही के तहत उनकी इस मोटर साईकिल को थाने लाकर बंद कर दिया लेकिन दुसरे दिन सुबह ही थाने से मोटर साईकिल गायब देखकर पुलिस कर्मी हैरान थे आखिर तलाश करने पर मोटर साईकिल वही दुर्घटना स्थल पर ही पाई गई, पुलिस कर्मी दुबारा मोटर साईकिल थाने लाये लेकिन हर बार सुबह मोटर साईकिल थाने से रात के समय गायब हो दुर्घटना स्थल पर ही अपने आप पहुँच जाती | आखिर पुलिस कर्मियों व ओम सिंह के पिता ने ओम सिंह (Om Banna )  की मृत आत्मा की यही इच्छा समझ उस मोटर साईकिल को उसी पेड के पास छाया बना कर रख दिया | इस चमत्कार के बाद रात्रि में वाहन चालको को ओम सिंह अक्सर वाहनों को दुर्घटना से बचाने के उपाय करते व चालकों को रात्रि में दुर्घटना से सावधान करते दिखाई देने लगे | वे उस दुर्घटना संभावित जगह तक पहुँचने वाले वाहन को जबरदस्ती रोक देते या धीरे कर देते ताकि उनकी तरह कोई और वाहन चालक असामयिक मौत का शिकार न बने | और उसके बाद आज तक वहाँ दुबारा कोई दूसरी दुर्घटना नहीं हुई।  
ओम सिंह राठौड़ (Om Banna ) के मरने के बाद भी उनकी आत्मा द्वारा इस तरह का नेक काम करते देखे जाने पर वाहन चालको व स्थानीय लोगों में उनके प्रति श्रधा बढ़ती गयी और इसी श्रधा का नतीजा है कि ओम बना के इस स्थान पर हर वक्त उनकी पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ लगी रहती है उस राजमार्ग से गुजरने वाला हर वाहन यहाँ रुक कर ओम बना को नमन कर ही आगे बढ़ता है और दूर दूर से लोग उनके स्थान पर आकर उनमे अपनी श्रद्धा प्रकट कर उनसे व उनकी मोटर साईकिल से मन्नत मांगते है |

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