कुतुबमीनार से भी ऊंचा जैतखाम
प्रस्तुति- पूजाश्रीवास्तव
रायपुर एक अप्रैल 2012
छत्तीसगढ़
के महान समाज सुधारक और सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरू घासीदास की जन्म
भूमि और तपोभूमि गिरौदपुरी में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के
अनुरूप कुतुबमीनार से भी लगभग पांच मीटर ऊंचे जैतखाम का निर्माण तेजी से
पूर्णता की ओर है। लगभग 52 करोड़ रूपए की लागत से बन रहे इस जैतखाम की ऊंचाई
77 मीटर रखी गई है। लोक निर्माण विभाग द्वारा इसके निर्माण में पिछले
वित्तीय वर्ष 2011-12 में दिसम्बर 2011 तक 39 करोड़ 25 लाख रूपए खर्च किए जा
चुके हैं। इस विशाल जैतखाम की असाधारण ऊंचाई को ध्यान में रखते हुए उसकी
डिजाइन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) रूड़की के तकनीकी
विशेषज्ञों से अनुमोदित कराई गयी है। यह जैतखाम वायुदाब तथा भूकम्परोधी
होगा। इसमें अग्नि तथा आकाशीय बिजली से सुरक्षा के लिए भी उच्च स्तरीय
तकनीकी प्रावधान किए जा रहे हैं।
इस विशाल जैतखाम की बुनियाद 60 मीटर व्यास की है और इसके आधार तल पर दो हजार श्रध्दालुओं के बैठने की व्यवस्था के साथ एक विशाल सभागृह का निर्माण किया गया है। पहली मंजिल से आखिरी मंजिल तक इसमें सात बाल्कनियों का भी निर्माण किया गया है, जिनमें प्रवेश करने वाले लोग आस-पास के सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का अवलोकन कर सकेंगे और सबसे ऊंची मंजिल तक बढ़ते हुए कुछ देर के लिए विश्राम भी कर सकेंगे। सबसे उपर की बाल्कनी में लगभग दो सौ श्रध्दालुओं के एक साथ खड़े होने की जगह बनाकर पूजा-अर्चना की सुविधा भी विकसित की गई है। विशाल जैतखाम में नीचे-ऊपर आने-जाने के लिए अलग स्पायरल सीढ़ियों का निर्माण भी किया जा रहा है, ताकि गिरौदपुरी में आयोजित होने वाले गुरू दर्शन मेले सहित अन्य आयोजनों के दौरान श्रध्दालुओं को अलग-अलग सुव्यवस्थित मार्ग मिल सके। इसके अलावा जैतखाम में वृध्दजनों, नि:शक्तजनों, बच्चों और महिलाओं की सुविधाओं के लिए दो कैप्सूल लिफ्ट का भी निर्माण किया जा रहा है।
इस विशाल जैतखाम की बुनियाद 60 मीटर व्यास की है और इसके आधार तल पर दो हजार श्रध्दालुओं के बैठने की व्यवस्था के साथ एक विशाल सभागृह का निर्माण किया गया है। पहली मंजिल से आखिरी मंजिल तक इसमें सात बाल्कनियों का भी निर्माण किया गया है, जिनमें प्रवेश करने वाले लोग आस-पास के सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का अवलोकन कर सकेंगे और सबसे ऊंची मंजिल तक बढ़ते हुए कुछ देर के लिए विश्राम भी कर सकेंगे। सबसे उपर की बाल्कनी में लगभग दो सौ श्रध्दालुओं के एक साथ खड़े होने की जगह बनाकर पूजा-अर्चना की सुविधा भी विकसित की गई है। विशाल जैतखाम में नीचे-ऊपर आने-जाने के लिए अलग स्पायरल सीढ़ियों का निर्माण भी किया जा रहा है, ताकि गिरौदपुरी में आयोजित होने वाले गुरू दर्शन मेले सहित अन्य आयोजनों के दौरान श्रध्दालुओं को अलग-अलग सुव्यवस्थित मार्ग मिल सके। इसके अलावा जैतखाम में वृध्दजनों, नि:शक्तजनों, बच्चों और महिलाओं की सुविधाओं के लिए दो कैप्सूल लिफ्ट का भी निर्माण किया जा रहा है।
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